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जोशीमठ बचाने के लिए निकाली तिरंगा यात्रा, आपदा का दायरा बढ़ने से चारधाम यात्रा पर छाया संशय, बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे 27 अप्रैल को

Janjwar Desk
26 Jan 2023 2:19 PM GMT
जोशीमठ बचाने के लिए निकाली तिरंगा यात्रा, आपदा का दायरा बढ़ने से चारधाम यात्रा पर छाया संशय, बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे 27 अप्रैल को
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मकान और जमीनों में भारी दरारों के बाद अब जोशीमठ में हाइटेंशन तारों के खंभे हुए तिरछे, एक कदम और बढ़ा खतरा

जोशीमठ की आपदा के दायरे में अब जोशीमठ-बद्रीनाथ को जोड़ने वाला एकमात्र मारवाड़ी पुल भी आ गया है। इस पुल पर भी दरारें पड़ने लगी हैं। हालांकि अभी यह दरारें कम है लेकिन इन दरारों के बढ़ने से चारधाम यात्रा का प्रभावित होना तय माना जा रहा है

देहरादून। गणतंत्र दिवस बृहस्पतिवार के दिन जहां जोशीमठ के लोगों ने अपने कस्बे को बचाने के लिए तिरंगा यात्रा का आयोजन किया तो दूसरी तरफ जोशीमठ आपदा के बढ़ते दायरे के बीच आज बसंत पंचमी के दिन ही बद्रीनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि भी निश्चित की गई। बद्रीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल की सुबह 7:10 बजे खुलेंगे। जोशीमठ की आपदा के दायरे में अब जोशीमठ-बद्रीनाथ को जोड़ने वाला एकमात्र मारवाड़ी पुल भी आ गया है। इस पुल पर भी दरारें पड़ने लगी हैं। हालांकि अभी यह दरारें कम है लेकिन इन दरारों के बढ़ने से चारधाम यात्रा का प्रभावित होना तय माना जा रहा है।

गणतंत्र दिवस के मौके पर जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के तत्वाधान में सैकड़ों आंदोलनकारी राष्ट्रध्वज हाथों में लेकर सड़कों पर उतर पड़े। समुचित पुनर्वास, मुआवजे की मांग को लेकर कड़कड़ाती ठंड में तमाम स्त्री पुरुष जोशीमठ की सड़कों पर तिरंगा यात्रा में शामिल हुए। दूसरी ओर जब राज्य में चारधाम यात्रा शुरू होने में कुछ माह का ही समय शेष बचा है।

ऐसे में जोशीमठ आपदा पर जल्द नियंत्रण पाने के लिए सरकार के प्रयास जारी है। लेकिन जोशीमठ आपदा का दायरा भी लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अब जोशीमठ से बद्रीनाथ को जोड़ने वाला एकमात्र मारवाड़ी पुल भी अब आपदा की चपेट में आने लगा है। ऐसे में जब यात्रा शुरू होने वाली है तो प्रशासन द्वारा भी इस पुल पर आयी दरारों की जांच शुरू कर दी गयी है। एसडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट मिथिलेश सिंह के मुताबिक पुल में दरारे आने की सूचना मिलने पर प्रशासन की टीमें यहां पहुंच गयी है। पुल में आयी दरारो की जांच की जा रही है।

यहां बता दें कि बसंत पंचमी के दिन बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय की जाती है। जिसके बाद चारधाम यात्रा शुरू होने में कुछ समय ही शेष बचता है। जिस कारण आज बसंत पंचमी के दिन ही विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट ठीक दो माह बाद 27 अप्रैल को प्रात: 7 बजकर 10 मिनट बजे खुलने का ऐलान किया गया है। गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा का दिन 12 अप्रैल निश्चित हुआ।

टिहरी जनपद के नरेंद्र नगर में स्थित राजदरबार में बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर आयोजित धार्मिक समारोह में पंचांग गणना पश्चात विधि विधान ने कपाट खुलने की यह तिथि तय हुई। जहां टिहरी राजपरिवार सहित बदरी-केदार मंदिर समिति, डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के पदाधिकारी मौजूद थे।

बद्रीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद किए गए थे। कोरोनाकाल के दो साल बाद चारधाम यात्रा ने पिछले साल वर्ष 2022 में नया रिकॉर्ड बनाया। पहली बार चारों धामों में करीब 46 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए थे। पिछले वर्ष बदरीनाथ धाम में 17,60,646, गंगोत्री धाम में 6,24,451, यमुनोत्री धाम में 4,85,635 तथा केदारनाथ यात्रा में रिकॉर्ड 15 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे थे। जबकि यात्रा से 211 करोड़ का कारोबार हुआ था।

ऐसे में चारधाम यात्रा से कुछ समय पहले ही जोशीमठ से बद्रीनाथ धाम को जोड़ने वाले एक मात्र मारवाड़ी पुल पर दरारें पड़ना इस चारधाम यात्रा को प्रभावित कर सकता है। चारधाम यात्रा के दौरान इस पुल से लाखों की संख्या में यात्रियों का आना-जाना लगा रहता है। जिस कारण सुरक्षा के लिहाज से इन दरारों को गम्भीर माना जा रहा है। हालांकि अभी यह दरारें कम है जिसकी जांच में प्रशासन की टीमें अब मौके पर ही मौजूद है।

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