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Tomato Flu Kya Hai: टोमेटो फ्लू क्या है? बच्चों में बुखार के साथ ये लक्षण दिखे तो हो सकता है टोमेटो फ्लू?
Tomato Flu Kya Hai: टोमेटो फ्लू क्या है? बच्चों में बुखार के साथ ये लक्षण दिखे तो हो सकता है टोमेटो फ्लू?
मोना सिंह की रिपोर्ट
Tomato Flu Kya Hai: पहले कोविड-19 और इसके बाद मंकीपॉक्स के बाद भारत में एक नए वायरस से होने वाली बीमारी अपने पैर पसार रही है। इस नई बीमारी का नाम है टोमेटो फ्लू लेकिन इसका टमाटर से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है। देशभर में टोमेटो फ्लू के अब तक 100 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। केरल से शुरू हुई ये बीमारी अब उड़ीसा, तमिलनाडु और हरियाणा को भी प्रभावित कर रही है। केरल के कोल्लम जिले में 6 मई 2022 को टोमेटो फ्लू का पहला केस सामने आया था। 26 जुलाई 2022 तक 5 साल से कम उम्र वाले लगभग 82 बच्चों में टोमेटो फ्लू का संक्रमण पाया गया। और 24-25 अगस्त 2022 तक देश भर में 100 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं। केरल के बाद उड़ीसा टोमेटो फ्लू से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है। उड़ीसा में 1 से 9 साल तक के 26 बच्चों के टोमेटो फ्लू से संक्रमित होने की पुष्टि की जा चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा टोमेटो फ्लू के लक्षण और बचाव से संबंधित निर्देश सभी राज्यों को जारी किए जा चुके हैं। आइए जानते हैं इस बीमारी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को।
टोमेटो फ्लू नाम कैसे पड़ा?
टोमेटो फ्लू आम बोलचाल की भाषा में दिया गया नाम है। इस बीमारी में शरीर पर टमाटर जैसे लाल रंग के फोड़े उभरने लगते हैं। शुरू में इनका आकार बहुत छोटा होता है, लेकिन धीरे-धीरे यह छोटे- छोटे लाल टमाटर के साइज के हो जाते हैं। इसी वजह से केरल के स्थानीय लोगों ने अपनी मलयाली भाषा में इसे 'तक्काली पनी' नाम दे दिया, जिसका अंग्रेजी में अर्थ होता है "टोमेटो फ्लू"। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इसे हैंड फुट एंड माउथ डिजीज (HFMD) बताया गया है।
क्या है टोमेटो फ्लू?
टोमेटो फ्लू कोई नई बीमारी नहीं है, यह हैंड फुट एंड माउथ डिजीज है। इसे HFMD कहते हैं। यह कॉक्सी वायरस और एंटरोवायरस के संक्रमण से होता है। यह बीमारी ज्यादातर छोटे बच्चों में होती है, लेकिन ऐसी बीमारियां वायरस में होने वाले म्यूटेशन यानी कि वायरस द्वारा अपना रूप बदल लेने की वजह से ज्यादा खतरनाक हो जाती हैं। वायरस म्यूटेशन की वजह से कई बार लोगों की जान भी जा सकती है। उदाहरण के लिए चीन और ताइवान में वायरस म्यूटेशन की वजह से कई लोगों की जान भी जा चुकी है। भारत में टोमैटो फ्लू की वजह से अभी तक कोई मौत नहीं हुई है। इसका वायरस ने अभी तक अपना रूप नहीं बदला है, लेकिन डॉक्टर और वैज्ञानिक लगातार इस पर नजर रखे हुए हैं।
टोमेटो फ्लू के लक्षण
टोमेटो फ्लू की शुरुआत हल्के बुखार से होती है। यह 1 से 5 साल तक के बच्चों में जल्दी फैलता है। इसमें शरीर में तेज दर्द, पेट में ऐठन, मिचली, उल्टी, दस्त, खांसी, ठंड लगना, जोड़ों में दर्द, मुंह में छाले पड़ना जैसे शुरुआती लक्षण होते हैं। थकान लगना, भूख न लगना, बुखार के तीन-चार दिन बाद जीभ मसूड़े गलों के अंदर हथेली और एड़ियों पर छोटे छोटे लाल लाल दाने या फफोले निकलने लगते हैं। शुरुआत में यह मंकीपॉक्स के जैसे जैसे नजर आते हैं, लेकिन बाद में यह छोटे छोटे लाल टमाटर जितने साइज के हो जाते हैं।
कैसे फैलता है टोमेटो फ्लू का संक्रमण
बहुत छोटे बच्चों में टोमेटो फ्लू अक्सर गंदी नैपी का इस्तेमाल करने, कोई भी चीज कहीं से भी उठा कर मुंह में डालने और संक्रमित बच्चे के साथ खेलने, बैठने और छूने से फैलता है। यह संक्रमण गंदगी और दूसरे के इस्तेमाल किए हुए कपड़े पहनने, संक्रमित व्यक्ति के साथ नजदीकी संपर्क में आने से भी फैलता है।
टोमेटो फ्लू से कैसे करें बचाव
- टोमेटो फ्लू से बचने के लिए भरपूर मात्रा में पानी और तरल पदार्थों का सेवन करें।
- बच्चों और उनके आसपास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
- अगर फिर भी संक्रमण के लक्षण दिखाई दें या छाले दिखाई दे तो उन्हें छूने से बचें और डॉक्टरी सलाह लें।
- बच्चों का संपूर्ण टीकाकरण करवाएं ताकि वे इस तरह की बीमारियों से बचे रहें।
- कमजोर इम्यूनिटी वाले बच्चों और लोगों को अपना विशेष ध्यान रखना चाहिए।
- उन्हें नियमित रूप से पौष्टिक आहार और स्वस्थ्य दिनचर्या का पालन करना चाहिए।
टोमेटो फ्लू की कैसे की जाती है जांच? और क्या है इसका इलाज?
टोमेटो फ्लू के लक्षण डेंगू, चिकनगुनिया, जीका वायरस जोस्टर और हरपीज वायरस से मिलते जुलते हैं, इसलिए इसकी जांच के लिए डॉक्टर सबसे पहले मॉलिक्यूलर और सेरोलॉजिकल टेस्ट करवाते हैं। अगर टेस्ट में डेंगू चिकनगुनिया, जीका वायरस, जोस्टर वायरस और हरपीज वायरस में से कोई भी बीमारी नहीं निकलती है, तो फिर डाक्टर टोमेटो फ्लू की पुष्टि कर देते हैं। टोमेटो फ्लू का कोई एंटीवायरल इलाज अब तक नहीं है। इसलिए डॉक्टर सहायक इलाज के रूप में एंटीबायोटिक्स और फफोलों में खुजली और खरोच के लिए एंटीसेप्टिक क्रीम का इस्तेमाल करते हैं ।
टोमेटो फ्लू की पुष्टि होते ही बच्चे को 10 दिन के लिए क्वारंटाइन कर दिया जाता है। खाने पीने के अलग बर्तन, साफ बिस्तर कपड़ों की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया जाता है ।मुंह के अंदर भी फोड़े हो जाने से खाने-पीने में ज्यादा दिक्कत होती है, इस वजह से डॉक्टर तरल पदार्थ लेने की ही सलाह देते हैं। क्योंकि यह संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है इसलिए घर के लोगों को संक्रमित व्यक्ति से पर्याप्त दूरी रखने की सलाह दी जाती है।
क्या वजह है कि किसी भी बीमारी के सबसे पहले मामले केरल से ही आते हैं?
कोरोना, मंकीपॉक्स, निपाह वायरस और टोमेटो फ्लू के सबसे पहले केस केरल में ही मिले हैं। डेंगू के सबसे ज्यादा रोगी भी हर साल केरल के ही होते हैं। और कोरोना वायरस के भी सबसे ज्यादा केस केरल से ही थे। इसके पीछे कई वजह हो सकती हैं। पहली वजह है, केरल में साक्षरता दर और जागरूकता देश के दूसरे राज्यों की तुलना में ज्यादा है, ऐसे में वे बीमारियों की जांच भी ज्यादा गंभीरता से करवाते हैं। और अगर नई बीमारी हुई तो इसका पता भी तुरंत ही चल जाता है।
दूसरी वजह है, केरल की उष्णकटिबंधीय जलवायु (tropical climate) का होना, जो कि वायरस संक्रमण के लिए सबसे अनुकूल जलवायु है। तीसरी व चौथी वजह है कि केरल का जनसंख्या घनत्व और माइग्रेशन, केरल से लोग काफी संख्या में विदेश आते जाते रहते हैं इस वजह से भी नई बीमारियों के पहले केस केरल में ही ज्यादा मिलते हैं।
क्या टोमेटो फ्लू से व्यस्क भी संक्रमित हो सकते हैं?
वैसे तो हैंड फुट एंड माउथ डिजीज से सबसे अधिक खतरा बच्चों को है, लेकिन यह वयस्कों में भी फैल सकता है। इसके लक्षण नजर आने पर इसे गंभीरता से लें वह तुरंत डॉक्टरी सलाह लें।
क्या विदेशों में भी टोमेटो फ्लू के मामले सामने आए हैं?
अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, अमेरिका में हैंड फुट एंड माउथ बीमारी गर्मी के मौसम में होने वाली आम बीमारियों में से एक है।