Tripura Violence : 2 और महिला पत्रकारों के खिलाफ FIR, पुलिस के जवानों पर लगा होटल में 'डराने-धमकाने' का आरोप
Tripura Violence : त्रिपुरा में हाल ही में हुई हिंसक घटना को लेकर पुलिस कार्रवाई जारी है। पुलिस ने इस मामले में दो और महिला पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की हैं जिन महिला पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है उनका नाम समृद्धि के सकुनिया और स्वर्ण झा है। दोनों के खिलाफ कंचन दास की शिकायत के आधार पर त्रिपुरा पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।
FIR🚨 in #Tripura@Jha_Swarnaa and I, the correspondent at @hwnewsnetwork have been booked under 3 sections of IPC at the Fatikroy police station, Tripura.
— Samriddhi K Sakunia (@Samriddhi0809) November 14, 2021
VHP filed complaint against me and @Jha_Swarnaa FIR has been filed under the section: 120(B), 153(A)/ 504.
Copy of FIR pic.twitter.com/a8XGC2Wjc5
शिकायतकर्ता कंचन दास ने आरोप लगाया है कि समृद्धि सकुनिया और स्वर्णा झा ने पॉल बाजार इलाके में मुस्लिम समुदाय के लोगों से मिलने के दौरान हिंदू समुदाय और त्रिपुरा सरकार के खिलाफ 'भड़काऊ भाषण' दिया है। दोनों पत्रकारों ने विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल को पॉल बाजार इलाके में एक मस्जिद जलाने के लिए जिम्मेदार ठहराया। कंचन दास ने दोनों पर त्रिपुरा के सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाने और विश्व हिंदू परिषद और त्रिपुरा सरकार को बदनाम करने की आपराधिक साजिश शामिल होने का आरोप लगाया है।
The police arrived yesterday at the hotel around 10:30 at night and served the FIR copy in the morning 5:30am. We were supposed to leave for the capital Agartala but have been not allowed to move despite full cooperation. There are around 16-17 police deployed outside our hotel.
— Samriddhi K Sakunia (@Samriddhi0809) November 14, 2021
होटल से बाहर नहीं निकलने दिया
दूसरी एचडब्ल्यू न्यूज की पत्रकार समृद्धि सकुनिया ने रविवार को एक ट्वीट में कहा कि उन्हें और उनकी सहयोगी स्वर्णा झा को उनाकोटी जिले में उनके होटल से बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। समृद्धि के सकुनिया ने एक ट्वीट में में लिखा है कि पुलिस कल शनिवार रात करीब साढ़े 10 बजे होटल पहुंची और सुबह साढ़े पांच बजे प्राथमिकी की कॉपी सौंपी। हमें राजधानी अगरतला के लिए रवाना होना था, लेकिन पूरे सहयोग के बावजूद हमें जाने नहीं दिया गया। हमारे होटल के बाहर करीब 16 से 17 पुलिसकर्मी तैनात हैं।
पत्रकारों पर लगे गंभीर आरोप
समृद्धि और स्वर्णा झा ने ट्वीट कर कहा कि वे एक बयान जारी करेंगे जिसमें त्रिपुरा में सांप्रदायिक हिंसा को कवर करते समय उन्हें दी गई धमकी का विवरण होगा। पत्रकारों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120 (बी) ( आपराधिक साजिश के लिए सजा ), 153 (ए) ( धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य, दुश्मनी या घृणा की भावनाओं को बढ़ावा देने का अपराध ) और 504 (जानबूझकर अपमान) का आरोप लगाया गया है।
पुलिस कर सकती है पूछताछ
स्वर्णा झा ने अपने ट्वीट में लिखा कि कल रात लगभग 10 बजकर 30 मिनट पर हमारे होटल के बाहर पुलिस आई, लेकिन उस समय उन्होंने हमसे कोई बात नहीं की। सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर जब हम चेकआउट करने गए तब पुलिस ने हमारे अगेंस्ट जो शिकायत हुई है उसके बारे में बताया और पूछताछ के लिए धर्मनगर पुलिस स्टेशन चलने को कहा। उन्होंने अपने पोस्ट में एफआईआर की कॉपी भी शेयर की है।
शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस की एक टीम उनसे पूछताछ करने होटल पहुंची थी। ताजा अपडेट के मुताबिक दोनों पत्रकारों को अब तक न तो गिरफ्तार किया गया है और न ही हिरासत में लिया गया है। संभावना यह है कि इन दोनों से फर्जी न्यूज सर्कुलेशन मामले में पूछताछ हो सकती है।
किसी मस्जिद को नुकसान नहीं पहुंचा - गृह मंत्रालय
समृद्धि सकुनिया बीते बीते दो दिन से त्रिपुरा से ग्राउंड रिपोर्ट कर रही हैं। ग्राउंड रिपोर्टिंग की वजह से वायलेंस की खबरें निकल कर सामने आने लगी हैं। द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक गृह मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि त्रिपुरा में कोई मस्जिद क्षतिग्रस्त नहीं हुई है। केंद्र ने राज्य में किसी भी संघर्ष में चोट, बलात्कार या मौत की खबरों का खंडन किया। त्रिपुरा में एक मस्जिद को नुकसान पहुंचाने और तोड़फोड़ के बारे में सोशल मीडिया पर प्रसारित खबरें फर्जी हैं और गलतबयानी की गई है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि त्रिपुरा में ऐसी किसी भी घटना में साधारण या गंभीर रूप से घायल होने अथवा बलात्कार या किसी व्यक्ति की मौत की कोई सूचना नहीं है जैसा कि कुछ सोशल मीडिया पोस्ट में आरोप लगाया गया है। लोगों शांति बनाए रखें और फर्जी खबरों से गुमराह न होें। गृह मंत्रालय ने कहा है कि ऐसी खबरें फैलाई गई है कि त्रिपुरा में गोमती जिले के काकराबन इलाके में एक मस्जिद को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। ये खबरें फर्जी हैं और गलतबयानी हैं।
बता दें कि 26 अक्टूबर को विश्व हिंदू परिषद की रैली के दौरान पानीसागर उप-मंडल में एक मस्जिद और कई दुकानों पर हमला किए जाने के बाद से त्रिपुरा में तनाव व्याप्त है। हिंदू चरमपंथी संगठन पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों का विरोध कर रहे थे। पुलिस ने दावा किया है कि हिंसा में किसी भी मस्जिद को नहीं जलाया गया है।