TRP घोटाले में आरोपी पूर्व BARC CEO पार्थाे दासगुप्ता को मुंबई की अदालत ने जमानत देने से किया इनकार
जनज्वार ब्यूरो। टीआरपी घोटाले के सह आरोपी बार्क के पूर्व सीइओ पार्थाे दासगुप्ता को मुंबई स़त्र न्यायालय ने बुधवार को जमानत देने से इनकार कर दिया। इससे पहले भी इस महीने के पहले पखवाड़े में अदालत ने पार्थाे को जमानत देने से इनकार कर दिया है।
Maharashtra: Mumbai Sessions Court rejects bail plea of former BARC CEO Partho Dasgupta who is an accused in the TRP scam.
— ANI (@ANI) January 20, 2021
पिछली बार जमानत याचिका खारिज होने के बाद मीडिया में टीआरपी घोटाले के मुख्य आरोपी रिपब्लिक टीवी के चीफ अर्णब गोस्वामी के साथ पार्थोे दासगुप्ता की कथित वाट्सएप चैट सामने आयी। अर्णब के पार्थाे सहित कई अन्य लोगों से वाट्सएप चैट को मुंबई पुलिस ने टीआरपी घोटाले को लेकर तैयार किए गए अपने चार्जशीट में शामिल किया है।
पिछले सप्ताह शुक्रवार को पार्थाे दासगुप्ता की तबीयत ज्यादा खराब होने की बात कही गयी थी और इसके बाद उन्हें उसी दिन देर रात मुंबई के जेजे अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था।
मुंबई पुलिस के क्राइम ब्रांच ने टीआरपी घोटाला में 55 वर्षीय पार्थो दासगुप्ता को पिछले साल तब गिरफ्तार किया था जब वे गोवा से पुणे जा रहे थे और तब से वे जेल में हैं। पार्थाे सहित मुंबई पुलिस ने टीआरपी घोटाले में कुल 15 लोगों को अरेस्ट किया था, जिसमें अभी ज्यादातर जमानत से बाहर हैं।
पार्थाे पर आरोप है कि जब वे बार्क को हेड कर रहे थे, तब अर्णब गोस्वामी के चैनल रिपब्लिक सहित कुछ दूसरे चैनलों के टीआरपी बढाने को लेकर मशीनों में छेड़छाड़ कर झूठी बढी हुई रेटिंग दिखाने की साजिश में शामिल थे, ताकि उन चैनलों को अधिक दर पर विज्ञापन मिल सके।
आरोप है कि उन गृह स्वामियों को रिश्वत दी जाती थी जिनके यहां टीआरपी नापने की मशीन लगी होती थी ताकि चैनलों के दर्शकों की संख्या में हेरफेर कर उसे पेश किया जा सके।
पार्थो दासगुप्ता जून 2013 से नवंबर 2019 तक टेलीविजन रेटिंग की माॅनिटरिंग करने वाली संस्था ब्राडकास्ट आडियंस रिसर्च काउंसिल के सीइओ थे। इस दौरान उन पर अर्णब गोस्वामी के चैनल को गलत ढंग से लाभ पहुंचाने का आरोप है। पुलिस ने इस मामले में कहा था कि बार्क के पूर्व मुख्य परिचालन अधिकारी रोमिल रामगढिया से पूछताछ में पता चला था कि वह पार्थाे दासगुप्ता की मिलीभगत से टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट - टीआरपी के फर्जीवाड़े में शामिल थे। रामगढिया की इस मामले में पहले ही गिरफ्तारी हुई थी और फिलहाल वे जमानत पर हैं।