UP Crime News : बदायूं में मंदिर के महंत की निर्मम हत्या, जीभ और मूंछ काटकर ले गए हत्यारे
(बदायूं : मंदिर के महंत खेमकरन)
UP Crime News। उत्तर प्रदेश के बदायूं (Badaun) में एक मंदिर के महंत की निर्मम हत्या (Murder) का मामला सामने आया है। महंत की गला रेतकर हत्या की गई है। हत्या के बाद भी अज्ञात हमलावर यही नहीं रुके बल्कि महंत की जीभ और मूछ भी काटकर के ले गए। महंत की नाती की पत्नी फिलहाल गांव की प्रधान (Village Chief) है इसलिए इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि हत्या के पीछे चुनावी रंजिश भी एक वजह हो सकती है। वहीं पुलिस ने परिजनों की तहरीर के आधार पर अज्ञात हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।
खबरों के मुताबिक ये मामला बदायूं (Badaun) जिले के उझानी कोतवाली इलाके के अढौली गांव का है। अढौली के ही रहने वाले मंदिर के महंत खेमकरन रोजाना की तरह खाना खाने के बाद मंदिर (Temple) में सोने चले गए थे। जहां अज्ञात हमलावरों ने उनका गला रेतकर उनकी हत्या कर दी। फिर इसके बाद उनकी जीभ और मूंछ भी काट ली।
महंत खेमकरन (Khemkaran) की हत्या की जानकारी परिजनों को तब मिली जब उनका नाती देर रात किसी दावत के बाद घर लौट रहा था। तभी उसने देखा कि उसके बाबा महंत की चारपाई के पास खून पड़ा है। इसके बाद नाती ने ये बात बड़े भाई पोप सिंह को बताई। पोप सिंह ने देखा कि उनके बाबा की हत्या कर दी गई है।
घटना की सूचना मिलते ही उझानी कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और महंत के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया और मामले की जांच शुरु कर दी है।
जानकारी के मुताबिक महंत खेमकर के नाती की पत्नी ग्राम प्रधान भी है। पंचायत चुनाव में खेमकरन की अहम भूमिका रही है। इसलिए घटना के पीछे खेमकरन के परिजन चुनावी रंजिश की आशंका जता रहे हैं।
वहीं इस मामले को लेकर एसएसपी डॉ. ओपी सिंह ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और उझानी कोतवाली पुलिस निर्देश दिया कि घटना का जल्द से जल्द खुलासा किया जाए और आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए।
एसएसपी ने बताया कि परिजनों की तहरीर के आधार अज्ञात हमलावरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के मुताबिक खेमकरन एक काबिल मूर्तिकार भी थे। एक दशक पहले उन्होंने अपने निजी खर्चे पर मंदिर का निर्माण कराया था। करीब चार सौ गज रकबा में स्थित मंदिर में देवी देवताओं की आधा दर्ज मूर्तियां खुद ही बनाई थीं। उनकी पत्नी का निधन करीब बीस साल पहले हो गया था। इसके बाद खेमकरन ने उनकी मूर्ति स्थापित की थीं। रेलवे स्टेशन परिसर में लगी हनुमान प्रतिमा व तीन पार्कों में स्थापित अंबेडकर की मूर्तियां भी खेमकरन ने बना ई हैं।
खेमकरन ने मंदिर निर्माण पर लाखों रुपया खर्च किया। ग्रामीणों का कहना है कि मंदिर निर्माण के दौरान लोगों ने भी आर्थिक मदद का प्रस्ताव रखा लेकिन खेमकरन ने किसी का सहयोग नहीं लिया।