ट्विटर पर ट्रेंड हुआ #UPSC_Chor_Hai, रिजर्व कैटेगरी की सीटों की चोरी का लग रहा आरोप
वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल (photo: social media)
जनज्वार। वरिष्ठ पत्रकार व चिंतक दिलीप मंडल ने यूपीएससी की परीक्षाओं में ओबीसी, एससी और एसटी की सीटें छीने जाने का बड़ा आरोप लगाया है। इसके बाद सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर 'UPSC चोर है' ट्रेंड करने लगा। कई यूजर्स ने उनके इस वक्तव्य को लेकर तरह-तरह के कमेंट भी किए।
दिलीप मंडल ने फेसबुक लाइव कर दावा किया कि यूपीएससी यानि संघ लोक सेवा आयोग द्वारा एससी-एसटी और ओबीसी की सीटों की चोरी की जा रही है।
सामान्य यानी जनरल कटेगरी दरअसल ओपन यानी अनरिजर्व कटेगरी है। इसे सवर्ण कटेगरी बनाने की कोशिश यूपीएससी कर रहा है। 15% सवर्णों को आप 50% सीटें कैसे दे सकते हैं? #UPSC_Chor_Hai
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) January 17, 2021
उन्होंने कहा कि गत वर्ष यूपीएससी द्वारा 927 अधिकारियों की नियुक्ति के लिए परीक्षा आयोजित किए गये, लेकिन रिजल्ट मात्र 827 की संख्या में ही जारी किए गए। अर्थात 827 लोगों की नियुक्ति की ही अनुशंसा की गई। उन्होंने दावा किया कि इसमें जेनरल कैटेगरी में रोकी गई सीटों में खेल कर दिया गया।
यूपीएससी का ये स्पष्टीकरण ये साबित करने के लिए काफ़ी है कि #UPSC_Chor_Hai। रिट्वीट करें। pic.twitter.com/RkXJVdQTK5
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) January 17, 2021
हंसराज मीणा ने ट्वीट किया है, 'यूपीएससी की एससी, एसटी, ओबीसी विरोधी नीतियों के ख़िलाफ़ एकजुट होकर लड़ना पड़ेगा। वरना साइड लाइन में लगा दिए जाओगे। #UPSC_Chor_Hai'
यूपीएससी की एससी, एसटी, ओबीसी विरोधी नीतियों के ख़िलाफ़ एकजुट होकर लड़ना पड़ेगा। वरना साइड लाइन में लगा दिए जाओगे। #UPSC_Chor_Hai
— Hansraj Meena (@HansrajMeena) January 17, 2021
सचिन मीना ने ट्वीट किया है, 'मै नहीं जानता #UPSC_Chor_Hai ये हैशटैग कितना सही है, लेकिन यूपीएससी की सिविल सर्विस के लिए हर साल लाखों युवा परीक्षा देते हैं। क्या उन्हें ये जानने का हक नहीं है जो सलेक्ट हुए उनकी कटेगरी क्या है और उनमें से हरेक को कितने नंबर मिले? यूपीएससी ये जानकारियाँ छिपाता क्यों है?'
मै नहीं जानता #UPSC_Chor_Hai ये हैशटैग कितना सही है, लेकिन यूपीएससी की सिविल सर्विस के लिए हर साल लाखों युवा परीक्षा देते हैं। क्या उन्हें ये जानने का हक नहीं है जो सलेक्ट हुए उनकी कटेगरी क्या है और उनमें से हरेक को कितने नंबर मिले? यूपीएससी ये जानकारियाँ छिपाता क्यों है?
— Sachin Meena (@sac_meena) January 17, 2021
दिलीप मंडल ने कहा कि जेनरल कैटेगरी की इन सीटों में रिजर्व कैटेगरी के जिन लोगों ने क्वालीफाई किया था, उस कैटेगरी के लोगों को यह ऑप्शन दिया जाता है कि वे अगर अपनी कैटेगरी में चले जाते हैं तो उन्हें उच्चतर या मनपसंद पोस्ट मिल सकता है। लिहाजा वे लोग अपनी कैटेगरी में चले जाते हैं और जेनरल कैटेगरी में खाली हुई उस सीट पर जेनरल की नियुक्ति कर ली जाती है।
यूपीएससी की सिविल सर्विस के लिए हर साल लाखों युवा परीक्षा देते हैं। क्या उन्हें ये जानने का हक नहीं है जो सलेक्ट हुए उनकी कटेगरी क्या है और उनमें से हरेक को कितने नंबर मिले? यूपीएससी ये जानकारियाँ छिपाता क्यों है? #UPSC_Chor_Hai
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) January 17, 2021
उनकी फेसबुक वीडियो ट्विटर पर भी आई और इसके बाद ही 'यूपीएससी चोर है' का स्लोगन ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा। कई यूजर्स ने ट्विटर पर इस स्लोगन को अपने एकाउंट से साझा किया।
UPSC को समझना होगा कि जनरल कैटेगरी का मतलब सिर्फ सवर्ण कैटेगरी नहीं होता, उसमें कोई भी जा सकता है। ऐसा कोई नियम नहीं कि जनरल कैटेगरी में सिर्फ सवर्णों को नौैकरी दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है कि जनरल कैटेगरी हर किसी के लिए है। फिर ये धोखाधड़ी क्यों? #UPSC_Chor_Hai
— Sumit Chauhan (@Sumitchauhaan) January 17, 2021
सुमित चौहान ने ट्वीट किया है, 'UPSC को समझना होगा कि जनरल कैटेगरी का मतलब सिर्फ सवर्ण कैटेगरी नहीं होता, उसमें कोई भी जा सकता है। ऐसा कोई नियम नहीं कि जनरल कैटेगरी में सिर्फ सवर्णों को नौैकरी दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है कि जनरल कैटेगरी हर किसी के लिए है। फिर ये धोखाधड़ी क्यों? #UPSC_Chor_Hai'
Senior Journalist @Profdilipmandal exposed the theft of UPSC. #UPSC_Chor_Hai pic.twitter.com/wJ1PlxMYzV
— Tribal Army (@TribalArmy) January 17, 2021