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बैन होने के बावजूद पटाखों से भाजपा सांसद की पोती की मौत, क्या CM योगी करेंगे कार्रवाई?
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से सांसद रीता बहुगुणा जोशी की नातिन की इलाज के दौरान आज मौत हो गई। नातिन की उम्र महज 6 वर्ष की थी। बताया जा रहा है कि उसकी मौत पटाखों के जलने और बुरी तरह झुलसने से हुई है। पटाखे जो यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने एनजीटी के आदेश के बाद 13 जिलों में पूरी तरह से बैन कर दिए थे। प्रयागराज भी इन जिलों में शामिल था।
एनजीटी ने एम्बिएंट एयर क्वालिटी की खराब स्थिति को देखते हुए कुछ राज्यों में 9 नवंबर से लेकर 30 नवंबर तक पटाखों के इस्तेमाल और बिक्री पर प्रतिबंध से जुड़े निर्देश जारी किए थे। जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने दिवाली के मौके पर मुजफ्फरनगर, आगरा, वाराणसी, मेरठ, हापुड़, गाजियाबाद, कानपुर, लखनऊ, मुरादाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, बागपत और बुलंदशहर में पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर बैन लगा दिया था।
साथ ही सरकार ने यूपी पुलिस को इस आदेश का सख्ती से पालन करवाने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके राजधानी लखनऊ के जानकीपुरम थाने के एसओ अभिषेक तिवारी ने थाने के परिसर में जमकर आतिशबाजी की थी।
मृतक बच्ची 6 वर्षीय किया रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी की इकलौती संतान थी। दीवाली की रात बच्ची पटाखे से झुलस गई थी। प्रयागराज भी उन जिलों में ही आता है जो यूपी की चौहद्दी के अंदर हैं। ऐसे में सवाल है क्या यूपी के कुछ जिलों में पटाखों पर छूट थी अथवा जिलों के कुछ विशेष लोगों को। अगर ऐसा कुछ नहीं है तो मुख्यमंत्री को शोकाकुल परिवार से संवेदना रखते हुए सांसद की नातिन की मौत पर कार्रवाई करनी चाहिए कि आखिर पटाखे रोंक पाने में कहां चूक हुई।
जिस जिले में 30 नवम्बर तक पटाखे बैन हैं। और तो और उन्हीं जिलों में पटाखे अधिकता से बेचे गए जहां ये बैन थे। अगर यह घटना बीजेपी सांसद की पोती की ना होकर किसी अन्य से जुड़ी होती तो लोग इसे इतना सीरियसली नहीं लेते।
यूपी के 13 जिलों में पटाखों को प्रतिबंधित तो कर दिया मगर, पटाखों का शोर बदस्तूर चलता रहा। इस शोर में और इजाफा करने में कुछ जनप्रतिनिधि भी पीछे नहीं रहे। मेरठ में बीजेपी नेता और पूर्व विधायक गोपाल काली ने अपने घर के बाहर हवाई फायरिंग ही कर डाली। इसका वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो पुलिस ने तत्काल ऐक्शन लेते हुए बीजेपी नेता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। साथ ही उनका शस्त्र निरस्त करने की भी कार्रवाई भी चल रही है। आगे कार्रवाई रुक भी सकती है।
सांसद की नातिन की घटना को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। आखिरकार वो सबसे बड़े सूबे की सांसद हैं और वो भी देश की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा की। इस सबको ध्यान में रखते हुए प्रशाशन को सक्रियता दिखानी चाहिए। खुद मुख्यमंत्री को संबंधित विभाग के दोषी लोगों पर कार्रवाई हेतु आदेश देने चाहिए।