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Bundelkhand News: बुंदेलखण्ड के सबसे पुराने महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा व्यवस्था धड़ाम, मेडिकल स्टॉफ की है भारी कमी

Janjwar Desk
8 Sep 2022 11:40 AM GMT
Bundelkhand News: बुंदेलखण्ड के सबसे पुराने महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा व्यवस्था धड़ाम, मेडिकल स्टॉफ की है भारी कमी
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Bundelkhand News: बुंदेलखण्ड के सबसे पुराने महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा व्यवस्था धड़ाम, मेडिकल स्टॉफ की है भारी कमी

Bundelkhand News : बुन्देलखण्ड का सबसे पुराना महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज इन दिनों बदहाली की हालत में है। यहां रिक्त पदों और मेडिकल इंस्ट्रूमेंटस की किल्लत के चलते मरीजों को खासी मशक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

Bundelkhand News : बुन्देलखण्ड का सबसे पुराना महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज इन दिनों बदहाली की हालत में है। यहां रिक्त पदों और मेडिकल इंस्ट्रूमेंटस की किल्लत के चलते मरीजों को खासी मशक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी के मुताबिक इस मेडिकल कॉलेज में 50 प्रतिशत पद रिक्त पड़े हुए हैं। जिसके चलते चिकित्सा व्यवस्था औंधे मुंह पड़ी हुई है।

बता दें कि अति पिछड़ा क्षेत्र होने की वजह से बुन्देलखण्ड के अधिकतर निवासी सरकारी व्यवस्थाओं पर निर्भर रहते हैं। साथ ही अपनी बीमारी का इलाज कराने को बाध्य रहते हैं। बुन्देलखण्ड क्षेत्र की चिकित्सा व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं, ना तो मेडिकल कालेजों एवं जिला समेत अन्य छोटे अस्पतालों में पर्याप्त चिकित्सक हैं और न पर्याप्त स्टाफ और उपकरण ही हैं। ऐसी दशा में जो थोड़ा सामर्थवान है वे लखनऊ या दिल्ली जाकर इलाज करा लेते हैं पर जो समर्थ नहीं होते हैं उनकी जीवन लीला इलाज के अभाव में समाप्त हो जाती है।

हालत यह है कि, महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में मात्र एक एमआरआई, एक सीटी स्कैन, एक अल्ट्रासाउण्ड मशीन है। मेडिकल कॉलेज झाँसी में 15 से 20 करोड़ रूपये के चिकित्सीय उपकरण की आवश्यकता पर सरकार मात्र 3 करोड़ की धनराशि स्वीकृत कर उपकरण खरीदने के लिये धनराशि प्रदान कर रही है। जोकि यहां के लिए नाकाफी है।

रिक्त पदों की क्या है हालत?

मेडिकल कॉलेज में पदों की हालत यह है कि यहां महिला स्टॉफ नर्स के कुल स्वीकृत पद 119 हैं, जिनमें मात्र 18 पद भरे हैं जबकि 101 पद खाली हैं। वहीं पुरूष स्टॉफ नर्स की बात करें तो 13 पद स्वीकृत हैं जो पूरे के पूरे खाली हैं। मेडिकल सोशल वर्कर के 6 पद हैं जो सभी रिक्त हैं। इसी तरह एक्सरे टेक्नीशियन के 13 पद स्वीकृत हैं जिसमें महज 4 पद भरे हैं जबकि 9 लोगों की कमी है। ऑपरेशन थियेटर में टेक्नीशियन के 35 पद स्वीकृत हैं जिनमें सिर्फ 2 टेक्नीशियन हैं जबकि 33 पद रिक्त बने हुए हैं। समूह ख और ग में आने वाले अलग-अलग विभागों के सभी पद जिनकी कुल गिनती 311 है। अब इनमें भरे पद महज 87 हैं जबकि 224 लोगों की भारी कमी है।

इसी तरह प्रधानमंत्री सुरक्षा योजना के अंतर्गत निर्मित सुपर स्पेशिलिटी ब्लॉक के लिए सृजित पदों की बात आती है, जिनमें प्लास्टिक सर्जरी, यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, न्यूरोलॉजी, पैथोलॉजी व कार्डियोलॉजी आते हैं इनमें कुल 28 पद सृजित किये गये हैं, बावजूद इसके 4 नियमित सहित 7 पद संविदा के हैं तथा 11 पद रिक्त बने हुए हैं।

प्रारूप ख के तहत आने वाले आचार्य, सह-आचार्य व सहायक आचार्यों के कुल सृजित पद 169 हैं। जिनमें 57 नियमित हैं और 48 संविदा सहित कुल 105 पद भरे हैं जबकि 64 पद रिक्त हैं। ठीक इसी तरह अन्य डिपार्टमेंट्स के भी कुल 141 पदों में 53 नियमित और 41 संविदा कर्मचारी हैं। बाकी के 47 पद खाली हैं। क्लास 1 के विभिन्न विभागों में भी कुल 60 पदों में 26 नियमित तो 10 संविदा सहित 36 पद भरे हैं जबकि 24 पद रिक्त बने हुए हैं।

मेडिकल कॉलेज की इन्हीं दिक्कतों को मद्देनजर रखते हुए आज निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन मंडल आयुक्त को सौंपा है। भानू सहाय का कहना है कि, जब महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ एवं उपकरणों की इतनी कमी है तो अन्य मेडिकल कॉलेज अस्पतालों की स्थिति क्या होगी, ये सोच से परे हैै।

ज्ञापन सौंपने के साथ ही निर्माण मोर्चा की मांग है कि अति पिछड़े, बदहाल एवं बेहाल क्षेत्र बुन्देलखण्ड के समस्त मेडिकल कॉलेजों एवं अन्य अस्पताल में चिकित्सीय, मेडिकल, पैरामेडिकल स्टाफ एवं आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था शीघ्र कराये जाने की कृपा करें अन्यथा की स्थिति में बुन्देलखण्ड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष होने के नाते आन्दोलन करने को बाध्य होंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी। किन्हीं भी परिस्थिति में बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लोगों को इलाज के अभाव में मरने नहीं दिया जा सकता है।

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