Free Ration Yojna : यूपी के नंदन अब नहीं घिस पायेंगे फ्री का चंदन, राशन वाली फ्री स्कीम योजना में हुआ बड़ा 'खेलबदल'
Free Ration Yojna : यूपी के नंदन अब नहीं घिस पायेंगे फ्री का चंदन, राशन वाली फ्री स्कीम योजना में हुआ बड़ा 'खेलबदल'
Change In Free Ration Yojna : उत्तर प्रदेश में लोगों को अब फ्री का राशन नहीं मिलेगा। बल्कि इसके लिए अब पहले की तरह तीन रूपये प्रति किलो चावल और दो रूपये गेंहू प्रति किलो के अनुसार भुगतान करना होगा। दरअसल अब तक जो कुछ चल रहा था वह पॉलिटिकल लाभ लेने के लिए था। दरअसल इस पूरी योजना के तार कोरोना महामारी के दौरान बनी योजना प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत किया गया। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का लोगों को लाभ दिया गया। जिसे फ्री का बताकर खूब वाहवाही बटोरी गई।
उत्तर प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या से ठीक चुनाव से पहले ही नवंबर में एलान कर दिया कि राज्य सरकार भी कार्डधारक को फ्री राशन देगी। ऐन वक्त केंद्र की योजना का भी विस्तार कर दिया गया। जिससे कार्डधारकों को दोनो ही योजनाओं से महीने में दो दो बार फ्री राशन मिलने लगा। साथ में चना, नमक और रिफाइंड भी मुफ्त बांटा गया। याद है फोटो वाले पैकेट, जिसके बाद विधानसभा परिणाम में मिली जीत के शपथ ग्रहण के अगले दिन ही कैबिनेट की बैठक में राशन को 3 महीने के लिए फिर बढ़ा दिया गया। प्रदेश सरकार का दावा है कि इस योजना के माध्यम से उत्तर प्रदेश के लगभग 15 करोड़ नागरिकों को सीधे राशन की प्राप्ति हुई। वो भी निशुल्क। लेकिन केंद्र सरकार का फिलहाल यही कहना है कि उनने सितंबर 2022 तक फ्री राशन की तिथि बढ़ा दी है।
अब किसलिए देने पड़ेंगे रूपये?
हाल ही में योगी आदित्यनाथ ने एलान किया कि अब किसी को कुछ भी फ्री में नहीं दिया जाएगा। वह इसलिए कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का राशन राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत मिलने वाले राशन से अलग है और मुफ्त है। इसे यूं समझिये कि प्रदेश में जो मुफ्त का राशन बंट रहा था उसमें राज्य की तरफ से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा का और केंद्र की योजना के तहत प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का था। कोंद्र की योजना कोरोना महानमारी के दौरान शुरू हुई थी। जिसे पिछले साल नवंबर तक चलाया जाना था। इस बीच यूपी चुनाव के मद्देनजर बढ़ाना पड़ा था। लेकिन अब आपको पहले से मिलने वाला राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तहत का राशन ही मिलेगा। जिसके लिए कितने पैसे देने होंगे ये राज्य सरकार पर निर्भर करता है। कई राज्यों ने पूरी तरह मुफ्त कर दिया है, जबकि कई राज्य एनएफएसए (NFSA) के तहत निर्धारित पैसे लेते रहेंगे।
क्या थी ये मुफ्त योजना?
भारत सरकार ने कोरोनोवायरस महामारी का मुकाबला करने के लिए देश भर में 80 करोड़ गरीबी रेखा से नीचे लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए दुनिया की सबसे बड़ी खाद्य सुरक्षा स्कीम को मंजूरी दी थी। इस योजना के अंतर्गत केंद्र द्वारा सभी राशन कार्ड धारकों को 3 माह तक मौजूदा राशन के मुकाबले 2 गुना लाभ दिया जाएगा यह अतिरिक्त दिए जाने वाला अनाज बिल्कुल मुफ्त में दिया जाना बताया गया था। इसके साथ ही साथ देशवासियों में प्रोटीन की मात्रा सुनिश्चित करने के लिए 1 किलो दाल भी हर महीने दी जाने की बात कही गई थी। ऐसा सरकारी वेबसाइट में दर्ज है। साथ ही फ्री आवास योजना के लाभार्थियों की संख्या भी 80 करोड़ ही दर्ज है।
कब लागू की गई योजना?
केंद्र सरकार द्वारा 26 मार्च 2020 को 21 दिन के लॉक डाउन को ध्यान में रखते हुए गरीब जनता को कोई समस्या ना आए इसके तहत योजना को लांच करना बताया गया है। फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए विभिन्न योजनाओं के साथ प्रधानमंत्री जन कल्याण योजना के अंतर्गत राशन वितरण की घोषणा की थी। जिसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से 1.70 करोड़ की धनराशि आवंटित की गई थी। सरकारी वेबसाईट Pradhanmantri Garib Kalyan Yojana में दर्ज आंकड़ों की बात करें तो इस योजना के तहत 80 करोड़ लोगों को सीधा लाभ मिला। जिसका जिक्र प्रधानमंत्री समय समय पर करते रहते हैं।
अब तक इतने चरणों में बंटा फ्री राशन
सरकार की तरफ से दी गई जानकारी को माने तो, पहले इस योजना के संचालन की घोषणा केवल 3 माह के लिए की गई थी जो कि अप्रैल 2020, मई 2020 तथा जून 2020 था। यह योजना का पहला चरण था। इसके पश्चात जुलाई 2020 से नवंबर 2020 तक इस योजना के दूसरे चरण की घोषणा की गई थी। वर्ष 2021-22 में कोविड-19 महामारी के संकट जारी रहने के कारण अप्रैल 2021 में सरकार द्वारा इस योजना को मई 2021 और जून 2021 की अवधि के लिए विस्तार करने का निर्णय लिया था। यह योजना का तीसरा चरण था। इसके पश्चात सरकार द्वारा इस योजना के चौथे चरण को भी संचालित किया गया जो कि जुलाई 2021 से नवंबर 2021 तक था। इसके पश्चात इस योजना का पांचवा चरण दिसंबर 2021 से मार्च 2022 तक जारी रखने का निर्णय गया है। जिसके बाद अब सिंबर 2022 यानी छठा चरण पूरा हो चुका है।
बताते चलें कि कोरोना हामारी वाले राशन के इतर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत देश की जनता को दो तरह से राशन मिलता है। यह जनता के पैसे का जनता की गाढ़ी कमाई का है। जो उसे संकट के वक्त सरकार की तरफ से वापस किया जाता है। जनता सरकार को इन्ही सबके लिए टैक्स भरती है। अरबों खरबों की इन योजनाओ से जनता को कुछ देकर उसका प्रचार अपनी तारीफ अथवा फायदे के लिए करना किसी भी देश और सरकार के लिए अच्छा कदम नहीं कहा जाएगा।
कौन होता है गृहस्थी राशन कार्ड धारक
इस तरह के कार्ड धारक को 5 किलो राशन प्रति यूनिट मिलता है। जिसमें चावल, गेहूं दोनों या फिर एक हो सकते हैं। चावल के लिए राशन कार्ड धारक 3 रुपए प्रति किलो है जबकि गेहूं के लिए 2 रुपए का रेट कोटेदार (सरकारी राशन कार्ड दुकानदार) को देने होते हैं।
अंत्योदय कार्ड के लाभार्थी
इस तरह के कार्ड वाले लाभार्थी परिवार को 35 किलो राशन मिलता है। परिवार में लोग कितने हैं इससे फर्क नहीं पड़ता है। ऐसे कार्ड धारकों को गेहूं 1 रुपए किलो के रेट पर मिलता है। यह भी जान लीजिये की Antyodaya Anna Yojana के तहत भी गेहूं का रेट 2 रुपए किलो और चावल का रेट 3 रुपए निर्धारित है। उदाहरण के लिए सामान्य दिनों में उत्तर प्रदेश में अंत्योदय कार्ड धारक को 15 किलो चावल रेट 3 रुपए और 20 किलो गेहूं 2 रुपए किलो की दर से मिलना बताया जाता है। जिसमें राशन दुकानदार द्वारा कटौती की शिकायत बनी रहती है।