Begin typing your search above and press return to search.
उत्तर प्रदेश

यूपी : बस्ती के एसपी को सिपाही ने सोशल मीडिया पर दी जान से मारने की धमकी

Janjwar Desk
12 Dec 2020 11:22 PM IST
यूपी : बस्ती के एसपी को सिपाही ने सोशल मीडिया पर दी जान से मारने की धमकी
x

आरोपी सिपाही। 

सिपाही ने फेसबुक पर एसपी सहित सात पुलिस कर्मियों को जान से मारने की धमकी दी है। उसने विभाग के अंदर अनियमितता की बात कहते हुए अपनी पोस्टिंग पुरानी जगह करने की मांग की है...

संतोष देव गिरि की रिपोर्ट

जनज्वार ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में अनुशासनहीनता के आरोप में पिछले सप्ताह कप्तानगंज थाने से सस्पेंड किए गए एक सिपाही ने फेसबुक पर वीडियो वायरल कर अपने ही पुलिस उच्चाधिकारी को धमकी दी। सिपाही ने एसपी बस्ती हेमराज मीणा समेत सात पुलिस कर्मियों को गोली मारने की धमकी दी है। यही नहीं सिपाही ने पुलिस विभाग में व्याप्त गैरकानूनी काम की भी पोल खोल तमाम गंभीर आरोप लगाते हुए चेतावनी दी है कि ससम्मान कप्तानगंज थाने में ही पुनः उसकी आमद नहीं कराई गई तो एसपी, एसओ समेत सात पुलिस कर्मियों को भी नहीं छोड़ेगा। उसने यहां तक कहा है कि कोर्ट से न्याय नहीं मिला तो अपने हथियार से गोली मार देगा।


फेसबुक पर अपलोड किए गए 10.10 मिनट के वीडियो के साथ ही कमेंट बॉक्स में लिखी गई टिप्पणी में उसने अपने निलंबन को गलत बताते हुए एसपी बस्ती हेमराज मीणा, एसओ कप्तानगंज राजकुमार पांडेय, कांस्टेबल आनंद यादव, सतीश यादव, राहुल सिंह, प्रशांत पांडे और चालक राजकुमार सिंह को दोषी ठहराया है। उसने मांग की है कि पांच दिन के अंदर निष्पक्ष जांच की जाए। ऐसा नहीं हुआ तो अपने अंदाज में सातों को जान से मार देगा। उसने मांग की कि विभाग की सारी गंदगी या बुराइयां, करप्शन दूर किया जाए।

साथ ही एक कांस्टेबल को सम्मान के साथ जीने का अधिकार मिले। कांस्टेबल की निर्धारित ड्यूटी तय की जाए। कांस्टेबल के साथ हो रहे उत्पीड़न को बंद किया जाए। अपने ही विभाग में अपने साथियों द्वारा ड्यूटी लगाने और चेकिंग को लेकर अधिकारीगणों व थाना मुंशी द्वारा जो अवैध वसूली अपने ही सिपाही भाइयों द्वारा की जा रही है, उसे बंद किया जाए। लड़कियों को उन्हें अपना अधिकार मिले, जिससे वे अपने हिसाब से जी सकें न कि मर्दों के हिसाब से। कांस्टेबल ने कहा कि उसका उद्देश्य है कि एसपी उसे बाइज्जत कप्तानगंज थाने पर पहुंचाएं। साथ ही डीजीपी से मांग की है कि कप्तान हेमराज मीणा, कप्तानगंज थानाध्यक्ष राजकुमार पांडे और उक्त पांचों कांस्टेबल को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, जिससे वे दोबारा किसी सिपाही या अपने छोटे कर्मचारी या अपने भाई दोस्त को धोखा देने से पहले उनके सम्मान को ठेस पहुंचाने से पहले हजार बार सोचें।


दूसरी ओर एएसपी रवींद्र सिंह ने कहा कि सिपाही द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो को अभी मैंने नहीं देखा है और न ही कोई जानकारी है।अनुशासनहीनता के आरोप में उसे निलंबित किया गया है। अब उसे बर्खास्त भी कर दिया गया है। फेसबुक पर आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट की गई है तो विभागीय जांच कराकर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।

निलंबित सिपाही द्वारा खुद के अकाउंट से पोस्ट किए गए वीडियो को महज बीस घंटे के दौरान चार हजार से अधिक लोगों ने देखा है। संख्या बढ़ती ही जा रही है। करीब सौ लोगों ने कमेंट भी किया है तो सैकड़ों ने लाइक। बस्ती सहित अगल-बगल के पुलिस महकमे में यह वीडियो चर्चा का विषय बना हुआ है।

पुलिसकर्मी के इस वीडियो को पुलिस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और मानसिक तनाव के बीच ड्यूटी बजा रहे पुलिस कर्मियों की मनोदशा से भी जोड़ कर देखा जा रहा है कि किस प्रकार से अधिकारी पुलिस कर्मियों को पैर की जूती समझकर ड्यूटी कराने के साथ ही उनसे हर वह गैरकानूनी कार्य करने के लिए विवश कर देते हैं जो वर्दी की साख पर बट्टा लगाने का कार्य करता है।

गौरतलब हो कि पुलिस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और मनमानी किसी से छुपी हुई नहीं है। खुद कहीं न कहीं से इसकी जद में वह पुलिसकर्मी भी है जो इन व्यवस्थाओं का समर्थन नहीं करते हैं, लेकिन पुलिस अधिकारियों के हनक और अनुशासनहीनता की कार्रवाई के भय से वह जुबान नहीं खोल पाते हैं। यही कारण है कि कई पुलिस जवान वर्दी को गरिमा को दागदार होने से बचाने के साथ-साथ घुटन और मानसिक तनाव के बीच ड्यूटी बजाने को बाध्य है। हाल के दिनों में और बीते कुछ वर्षों के आंकड़ों पर गौर करें तो कई वर्दीधारी जवानों ने इन्हीं सब प्रताड़ना और घुटनभरी ड्यूटी के कारण अपनी जान भी दे दी है। बस्ती जिले की इस घटना ने एक बार फिर से पुलिस व्यवस्था को कटघरे में खड़ा करते हुए सवाल खड़े किए हैं कि आखिरकार पुलिस मित्र का चेहरा कब तक दागदार होता रहेगा? जब खुद पुलिस जवान ही महकमे और अधिकारियों से तंग है तो भला आम जनमानस का क्या हाल होता होगा? यह विचारणीय ही नहीं चिंतनीय भी है।

Next Story

विविध