DDU University news: जबरन छात्रावास खाली कराने को लेकर तनाव, विरोध में सड़क पर उतरे छात्र, वर्चस्व को लेकर 15 साल पहले हॉस्टल में हो चुकी है हत्या
DDU University news: जबरन छात्रावास खाली कराने को लेकर तनाव, विरोध में सड़क पर उतरे छात्र
जितेंद्र उपाध्याय की रिपोर्ट
DDU University news: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर में दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय के छात्र अचानक आंदोलित हो गए हैं। एक दिन पूर्व छात्रों के दो गुटों में संघर्ष के दौरान फायरिंग व आगजनी की घटना के बाद शुक्रवार की सुबह से ही छात्र आंदोलित हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन संघर्ष के केंद्र बने नाथ चंद्रावत छात्रावास को खाली कराने में सुबह से जुटा हुआ है। जिसके विरोध में छात्रों ने प्रदर्शन करते हुए गोरखनाथ मंदिर स्थित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय की ओर कूच करने की कोशिश की जिसे पुलिस ने विफल कर दिया। इसको लेकर प्रशासन व छात्रों के बीच संघर्ष का माहौल बना हुआ है।
मारपीट, फायरिंग और 2 छात्रावासों के दो कमरों में आग लगाने की घटना के बाद गोरखपुर के दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के नाथ चन्द्रावत छात्रावास को खाली कराया जा रहा हैै। सुबह से ही भारी पुलिस बल की मौजूदगी में हॉस्टल खाली कराने की प्रक्रिया चल रही है। प्रशासन ने अपनी इस कार्रवाई के पूर्व ही हॉस्टल की बिजली-पानी काट दिया। डीडीयू के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. अजय सिंह के नेतृत्व में विवि के अधिकारी, जिला प्रशासन की तरफ से मजिस्ट्रेट और पुलिस बल छात्रावास में सुबह ही पहुंच गए।
पुलिस को लेकर विवि अधिकारियों के पहुंचने पर छात्रावासी भड़क गए। प्रदर्शन करते हुए वे गोरखनाथ मंदिर स्थित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय की ओर निकल पड़े। प्रदर्शन कर रहे छात्रों को पहले धर्मशाला बाजार में रोका गया। वहां से वे आगे बढ़े तो उन्हें तरंग क्रासिंग के पास फ्लाईओवर के नीचे पुलिस द्वारा रोक लिया गया। छात्रों और पुलिस में काफी कहासुनी के बाद पांच छात्रों को गोरखनाथ मंदिर जाने की इजाजत दी गई। अन्य छात्र डीडीयू के प्रशासनिक भवन पर जुटकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिए।
इधर छात्रों द्वारा हास्टल के अपने कमरों में ताला लगा दिया गया है। जिसके कारण उनके कमरों को खाली कराने में प्रशासन को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं कुछ छात्रावासी अपने कमरे खाली करने की तैयारी कर रहे हैं। बीसीए तृतीय वर्ष अंतिम सेमेस्टर के कुछ छात्रों का कहना है कि उनकी परीक्षा अभी समाप्त ही नहीं हुई है। इसके पहले कमरा खाली कराना हमें परीक्षा से वंचित करने का प्रयास है। इनका कहना है कि शनिवार को परीक्षा है और एक.दिन पहले वे कमरे के लिए भटक रहे हैं। जबकि नाथ चन्द्रावत छात्रावास के जर्जर हालत को देखते हुए विवि प्रशासन ने इसे खाली कर दूसरे छात्रावासों में शिफ्ट करने की बात कर रहा है। हालांकि इसको लेकर अब तक कोई ठोस पहल प्रशासन के तरफ से नहीं दिखी।
उल्लेखनीय है कि गोरखपुर विश्वविद्यालय के नाथ चंद्रावत (एनसी) छात्रावास में बुधवार की देर रात युवकों के दो गुटों में वर्चस्व को लेकर जमकर मारपीट हुई। दहशत फैलाने के लिए तीन राउंड फायरिंग भी की गई। एनसी के साथ कबीर छात्रावास के दो कमरों में आग लगा दी गई। देर रात गोली चलने और आगजनी की सूचना पाते ही कैंट पुलिस के साथ एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने इस मामले में वार्डेन की तहरीर पर हत्या की कोशिश, मारपीट, आगजनी की धाराओं में हिमांशु सिंह और यशपाल सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। इसके बाद से ही आरोपियों के गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है। बड़ी बात यह है कि जहां पर वारदात हुई, वहीं कुछ दूरी पर पीएसी कैंप करती है। मामले की जांच के लिए कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कार्यवाहक चीफ प्रॉक्टर एसके सिंह के नेतृत्व में एक जांच समिति गठित की है।
बताया जाता है कि हिमांशु सिंह और यशपाल सिंह छात्रसंघ चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। दोनों ने शहर में अपने पोस्टर भी लगा रखे हैं। अनधिकृत रूप से दोनों छात्रावास के कमरों में कब्जा करके रहते हैं। आए दिन इनके बीच मनमुटाव होता है। बुधवार रात किसी बात में दोनों में विवाद हो गया और फिर देखते ही देखते मारपीट हो गई। इसी बीच किसी ने नाथ चंद्रावत हॉस्टल के कमरा नंबर 131 में आग लगा दी। वहां पर मौजूद यूनिवर्सिटी कर्मचारियों ने किसी तरह से आग पर काबू पाया। इसी बीच कबीर छात्रावास के एक कमरे में भी आग लगा दी। बदमाशों ने दहशत फैलाने के लिए तीन राउंड फायरिंग भी की। आधी रात छात्रावास में बवाल की सूचना पर एसपी सिटी फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए और आरोपियों की तलाश के लिए टीम गठित कर दी है।
वर्चस्व को लेकर 15 वर्ष पूर्व हुई थी छात्रावास में हत्या
15 साल पहले गोरखपुर यूनिवर्सिटी के छात्रावास में वर्चस्व को लेकर बवाल हुआ था। इस दौरान कबीर छात्रावास कमरा नंबर 100 में ककराखोर निवासी बंटू सिंह की जलाकर हत्या कर दी गई थी। उसे पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया गया था। इसके बादएक बार फिर वर्चस्व को लेकर बवाल और फायरिंग का मामला सामने आया है। हालांकि, संयोग अच्छा था कि गोली किसी को नहीं लगी। तब इस मामले में एक छात्रनेता और उसके साथियों को आरोपी बनाया गया था। एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने अपने बयान में कहा कि दो अलग-अलग छात्रावास के कमरों में आगजनी की गई है। मारपीट के दौरान तीन राउंड फायरिंग भी हुई। पुलिस ने विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से आई तहरीर पर केस दर्ज कर लिया है। नामजद आरोपियों की तलाश में पुलिस टीम लगी है, जल्द ही उनकी गिरफ्तारी कर ली जाएगी।
इसके बाद विश्वविद्यालय के सभी छात्रावासों में बृहस्पतिवार को पुलिस की टीम ने छापा मारा। इस दौरान विश्वविद्यालय के सभी वार्डेन व अधिकारी भी मौजूद रहे। हालांकि, कोई बाहरी छात्र नहीं मिला। उधर, एनसी हॉस्टल में पुलिस ने लगे सीसीटीवी कैमरे की भी पड़ताल की। कुछ कैमरों के काम न करने की बात भी सामने आई है। कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कहा कि पुलिस को नामजद तहरीर दी गई है। हॉस्टल की चेकिंग कराकर बाहरी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। कार्यवाहक चीफ प्रॉक्टर एसके सिंह के नेतृत्व में एक जांच समिति गठित की गई है। समिति ने जांच शुरू कर दी है। समिति घटना के बारे में और इसमें शामिल लोगों को चिह्नित कर रिपोर्ट देगी।
उधर छात्रसंघ के निवर्तमान अध्यक्ष अमन यादव ने कहा कि इस पूरे प्रकरण के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन जिम्मेदार है। छात्रावास में बाहरी लड़कों के रहने के मामले से वार्डेन समेत विश्वविद्यालय प्रशासन कैसे अनभिज्ञ रह सकता है। जानबुझकर ऐसी शिकायतों को दरकिनार किया जाते रहा है। जिसका आम छात्रावासियों को खामियाजा भुगतना पड़ता है। छात्रावासियों को परेशान करने के बजाय विश्वविद्यालय प्रशासन बाहरी लड़कांे व अराजकतत्वों को चिन्हित कर कार्रवाई करे।