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उत्तर प्रदेश

Deoria News: बृजेश पाठक के दौरे के बाद सीएमओ कार्यालय के बाबू का रिश्वत मांगते वीडियो वायरल, कहा- उपर भी देना पडता है

Janjwar Desk
5 Oct 2022 5:34 PM GMT
Deoria News: बृजेश पाठक के दौरे के बाद सीएमओ कार्यालय के बाबू का रिश्वत मांगते वीडियो वायरल, कहा- उपर भी देना पडता है
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Deoria News: बृजेश पाठक के दौरे के बाद सीएमओ कार्यालय के बाबू का रिश्वत मांगते वीडियो वायरल, कहा- उपर भी देना पडता है

Deoria News: सूबे के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक के पास स्वास्थ्य मंत्री की भी जिम्मेदारी है। वे इधर लगातार जिलों के दौरे पर हैं। इस दौरान अधिकारियों के साथ बैठक कर विकास योजनाओं की समीक्षा करते हैं और स्वास्थ्य केंद्रों का दौरा कर अधिकारियों को कुछ नसीहत, तो लोगों को और बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने का दिलासा।

Deoria News: सूबे के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक के पास स्वास्थ्य मंत्री की भी जिम्मेदारी है। वे इधर लगातार जिलों के दौरे पर हैं। इस दौरान अधिकारियों के साथ बैठक कर विकास योजनाओं की समीक्षा करते हैं और स्वास्थ्य केंद्रों का दौरा कर अधिकारियों को कुछ नसीहत, तो लोगों को और बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने का दिलासा। ऐसा ही हुआ उनके देवरिया दौरे के दौरान भी। जाहिर तौर पर इससे लोगों को देवरहा बाबा मेडिकल कालेज से लेकर स्वास्थ्य केंद्र की निचली इकाई पीएचसी पर सुधार की उम्मीद जगी होगी। उनके दौरे के तीन दिन बाद ही सीएमओ कार्यालय में भ्रष्टाचार के खेल का एक वीडियो वायरल होता है। मंत्री जी के बोल व सीएमओ कार्यालय के खेल को यहां एक साथ समझना जरूरी हो जाता है। पहले बात करते हैं सीएमओ कार्यालय के बाबू के वायरल हो रहे वीडिओ की। जिसमें सुना जा रहा है,

क्या है? कितना है? हम ऑपरेटर हैं, जो हजार रुपया दे रही हैं? रखो।

नहीं जानती हो तो जान लो, सारा क्लेम निकालने के लिए 10 हजार फीस लगती है। जो सिस्टम है, उसमें हमें अधिकारी को देना पड़ता है, हम अपने पाकेट में थोडे़ ही रख लेंगे। हमारी औकात है अकेले लेने की, हिसाब देना होता है। जिस दिन पूरा लेकर आना, उसी दिन काम करा देंगे। दूसरे के कहने पर लोड करने वाले ऑपरेटर को तुमने हजार रुपये दे दिए, हम उसे पांच सौ रुपये ही देते हैं। वायरल वीडियो में सीएमओ दफ्तर का एक बाबू स्वास्थ्य विभाग से सेवानिवृत्त एक कर्मचारी व उसके परिजनों से यह बात कह रहा है। दरअसल, वीडियो में एक युवक और एक महिला बाबू को 500-500 के दो नोट दे रहे हैं। इस पर बाबू झल्लाते हुए कहता है कि वह ऑपरेटर थोड़े हैं कि हजार रुपये दे रहे हो। साथ ही पैसा वापस करने लगता है। इस दौरान वह कहता है कि जो सिस्टम है, उसमें अधिकारी को भी देना होता है। कुल फीस 10 हजार बताता है। साथ ही रुपये खर्च हो जाएंगे, यह कहकर एक हजार रुपये लेने से इंकार करते हुए वीडियो में दिख रहा है। आगे कहता है कि जब पूरा पैसा लेकर आना तो कागज तैयार कर देंगे। महिला कहती है कि फोन पर बताए होते तो उतना लेकर आते। इस पर बाबू कहता है कि फोन पर वह सबके सामने यह बात नहीं बता सकता है। जिस दिन आना, उसी दिन सब कागज-पत्तर तैयार कर देंगे। जो देना, उसे उनके सामने रखेंगे। इसके बाद जितना हमारा हिस्सा होगा, वह निकालकर देंगे। वायरल हो रहे वीडिओ की जनज्वार पुष्टि नहीं करता है। लेकिन जब वायरल हो चुका है,तो चर्चा होगी ही।

खास बात यह है कि जिले के स्वास्थ्य इंतजाम पर सीएमओ कार्यालय ही नजर रखता है। स्वास्थ्य योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने व इसमें लूटखसोट पर रोक लगाने की जिम्मेदारी इसी कार्यालय की है। जिसका मुखिया सीएमओ अर्थात मुख्य चिकित्साधिकारी होते हैं। साथ ही इनका हाथ बंटाते हैं एसीएमओ से लेकर डिप्टी सीएमओ। इनकी संख्या एक से अधिक होती है। वायरल हो रहे वीडिओ के मुताबिक सीएमओ कार्यालय का वह बाबू कहता है कि रिश्वत ली गई धनराशि उपर तक पहुंचानी पड़ती है। इस कार्यालय के मुखिया जब सीएमओ हैं,तो बाबू का इशारा तो शायद उन्हीं की ओर है। इसका यह आरोप फिलहाल जांच का विषय है।

वायरल वीडिओ से जब सीएमओ तक आरोपों के घेरे में हैं,तो आखिर इसकी जांच तो उनके उपर के अफसर ही तो करेंगे। जिससे की जांच की निष्पक्षता भी बनी रहे व स्वास्थ्य मंत्री के मंशा के अनुरूप भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहा उनका चाबूक सही निशाने पर लगे। लेकिन अब तक इस प्रकरण में उलटा ही हुआ है। सीएमओ डा. राजेश झा ने वायरल वीडिओ की जांच के लिए अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. पीएन कन्नौजिया एवं उप मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आरपी यादव की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है। साथ ही जांच समिति को तीन दिन के अंदर रिपोर्ट देने का कहा गया है। सीएमओ ने कहा कि जांच रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी।

अब सवाल उठता है कि स्वास्थ्य मंत्री के दौरे के बाद कितनी तस्वीर बदली है। स्वास्थ्य मंत्री अफसरों की क्लास लेते हुए कहते हैं कि भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहें। जबकि इसके तीन दिन बाद ही यह वीडिओ वायरल हो जाता है। जिसके चलते पूरा सीएमओ कार्यालय आरोपों के घेरे में है। वायरल हो रहे वीडिओ के मुताबिक बाबू जिन अपने अफसरों की बात करता है,वही इस प्रकरण में जांच का आदेश देनेवाले से लेकर जांच करनेवाले तक हैं। ऐसे में आरोपी बाबू पर भले ही गाज गिर भी जाए पर अन्य तो और निखर कर ही सामने आएंगे।

सीएमओ कार्यालय में तैनात क्लर्कों के हैसियत का अंदाजा इससे ही लगा सकते हैं कि यहां जमे ये कर्मचारी अपना पटल बदलने की स्थिति में विफर पड़ते हैं। पटल बदलाव का आदेश करनेवाले अफसर के खिलाफ ही कार्रवाई कराने की कोशिश में जुट जाते हैं। इसमें कुछ को सफलता भी मिल जाती है,तो कुछ हार कर बैठ जाते हैं और अपने अनुकुल समय का इंतजार करने लगते हैं। एक माह पूर्व ऐसा ही प्रकरण चर्चा में रहा।

दूसरी तरफ एक और संदर्भ का जीक्र करना जरूरी हो जाता है। प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री विजय लक्ष्मी गौतम जिले की सलेमपुर सीट से विधायक हैं। ऐसे में उनकी नजर अपने सर्किल के अस्पतालों पर विशेषतौर पर रहेगी ही। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सलेमपरु में अव्यवस्था की मिली शिकायत पर हाल ही में उन्होंने वहां के प्र्रभारी को नसीहत दी तथा सीएमओ को भी स्वास्थ्य इंतजाम पर विशेष नजर रखने का निर्देश दिया। दो मंत्रियों की सख्ती के बावजूद सीएमओ कार्यालय के कर्मचारियों पर कितना पकड़ ढीला है। इस वायरल हो रहे वीडिओ से समझा जा सकता है। फिलहाल वायरल वीडिओ को लेकर लोगों में चल रही चर्चा व इसके बाद इसकी शुरू हुई जांच के क्या नतीजे आते हैं,यह तो आनेवाला कल बताएगा। इसके पहले जांच पर ही सवाल उठ रहे हैं।

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