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कानपुर पुलिस की मंशा पर उट रहे सवाल, 50 घंटे बाद भी 30 लाख का नहीं मिला सुराग
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर के बर्रा से अगवा लैब टेक्नीशियन मामले में 30 लाख फिरौती लेकर फरार अपहरणकर्ताओं का पुलिस 50 घंटे बाद भी सुराग नहीं निकाल सकी है। युवक का पता लगाने से ज्यादा पुलिस फिरौती की लूटी गई रकम पर पर्दा डालने में जुटी है। बर्रा पुलिस की नाकामी को देखते हुए एसएसपी कानपुर दिनेश कुमार पी ने घटना के खुलासे को एसओजी लगा दी है।
दरअसल कानपुर साउथ के बर्रा 5 निवासी चमन सिंह यादव का इकलौता पुत्र संजीत कुमार 22 जून को लापता हो गया था जिसके बाद 29 जून की शाम बदमाशों ने एक अनजान नम्बर से पिता को फ़ोन करके बेटे को आजाद करने के लिए 30 लाख की फिरौती मांगी थी। पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को पकड़ने की बजाय परिजनों से फिरौती की रकम का जुगाड़ करने को कहा, जो पुलिस पर सवाल खड़े कर रहा है। सोमवार 13 जुलाई को परिजनों ने एक बैग में रुपये भरकर गुजैनी फ्लाईओवर से नीचे फेंका था जिसे लेकर बदमाश फरार हो गए थे।
बैग में रुपये नहीं कपड़े थे
पुलिसिया किरकिरी से बचने के लिए अधिकारी अब बैग में रुपये नहीं कपड़े होने की बात कह रहे हैं। 'जनज्वार' ने इस सिलसिले में जब एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता से संपर्क किया था तो उन्होंने बैग में रुपये नहीं कपड़े होने की बात कही थी। एसपी साउथ ने बुधवार को भी बैग में रुपये न होने की बात कही लेकिन उनके पास युवक का पता लगाने को लेकर कोई जवाब नहीं था।
बर्रा इंस्पेक्टर पर आरोप
अपह्रत युवक के पिता ने बताया कि बेटी रुचि की शादी बर्रा विश्व बैंक निवासी राहुल यादव से तय की थी। फिर उसका चाल चलन ठीक न होने से शादी तोड़ दी थी जिसके बाद दबाव बनाने के लिए राहुल बेटी को फ़ोन कर धमकियां देने लगा। पिता ने बेटे के गायब होने के बाद राहुल पर मुकदमा लिखवाया था। आरोप यह भी है कि राहुल का एक चाचा जो मैनपुरी में एसओ है उसने 26 जून को फोन कर शादी का दबाव बनाया था। बाद की जांच में ये नम्बर बर्रा एसओ का निकला। बर्रा इंस्पेक्टर रॉय ने राहुल के चाचा का पक्ष लेते हुए इस बात की चर्चा किसी से न करने को कहा था।
पुलिस ने बनाया बयान बदलने का दबाव
युवक के परिजन बर्रा पुलिस पर फिरौती की रकम दिलवाने के आरोप लगा रहे हैं। बुधवार 15 जुलाई दोपहर चर्चा चली की अपह्रत युवक की बहन ने बैग में रुपये न होने की बात कही है। मतलब वह अपने बयान से पलट गई थी। शाम को बहन खुशी ने दिए अपने बयान में बताया कि क्राइम ब्रांच के कोई यादव जी घर आये थे। उन्होंने बैग में रुपये न होने का बयान देने का दबाव बनाया था। उन्होंने यह भी कहा कि अगर बैग में रुपये होने का बयान दोगी तो तुम्हारे भाई को जान का खतरा हो सकता है। जिसके बाद उसने बयान बदला था।
प्रियंका व अखिलेश का ट्वीट
कानपुर से अपह्रत युवक मामले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने परिजनों के वीडियो को अपने फेसबुक पर शेयर किया। उन्होंने विकास दुबे के तुरंत बाद हुई कानपुर की इस बड़ी वारदात पर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया है। दूसरी तरफ सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपहरण को भाजपा सरकार की नैतिकता का अपहरण बताते हुए ट्वीट किया है।