- Home
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- मुख्यमंत्री योगी...
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गाली को पचाने वाली समाचार एजेंसी ANI को हर साल जाता है 1 करोड़ रूपया
जनज्वार ब्यूरो/लखनऊ। आज चौथा दिन है, ANI के कैमरामैन को सीएम योगी की लाइव गाली सुने। रिपोर्टर तो बाबा के पैर पकड़कर किनारे हो लिया, बेचारा कैमरामैन को गरियाये जाते अब तक दुनिया देख चुकी होगी। इस गाली का वीडियो समाचार एजेंसी एएनआई को शायद फर्क ना ही पड़े क्योंकि योगी आदित्यनाथ की कवरेज दिखाने के लिए एएनआई को हर साल एक करोड़ रूपये की धनराशि उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से जाती है।
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव अवनीश कुमार अवस्थी द्वारा 27 अप्रैल 2018 को सूचना एवं जनसंपर्क विभाग लखनऊ यूपी को भेजे गए पत्र के मुताबिक प्रदेश सरकार एवं मुख्यमंत्री के अनगिनत कार्यक्रमो की ANI एजेंसी द्वारा लाइव स्ट्रीमिंग कराए जाने के लिए पत्र लिखा गया था। इस पत्र की संख्या 06/2018/502/उन्नीस-2-2018-180/2012 थी। प्रमुख सचिव द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि नामांकन के आधार पर ANI का चयन करते हुए कवरेज हेतु रू0 1 करोड़ प्रति वर्ष प्रदान किए जाएंगे।
कैमरामैन को गाली और एजेंसी को एक करोड़ रूपये के सालाना विज्ञापन पर पूर्व IAS सूर्य प्रताप सिंह अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखते हैं कि 'साल के एक करोड़ लेकर योगी सरकार के लिए प्रचार करने वाली ANI को अपने आत्मसम्मान की बिलकुल चिंता नहीं है। किस स्तर तक गिर सकती है यह सरकार? माफी माँगने की जगह वीडियो को झूठा ठहराने का प्रयास? अगर झूठा है तो असली वीडियो जारी कर मुक़दमा दर्ज कर दीजिए सभी पर। कोर्ट में फ़ैसला होगा।'
साल के एक करोड़ लेकर योगी सरकार के लिए प्रचार करने वाली ANI को अपने आत्मसम्मान की बिलकुल चिंता नहीं है।
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) April 5, 2021
किस स्तर तक गिर सकती है यह सरकार? माफी माँगने की जगह वीडियो को झूठा ठहराने का प्रयास?
अगर झूठा है तो असली वीडियो जारी कर मुक़दमा दर्ज कर दीजिए सभी पर।
कोर्ट में फ़ैसला होगा। pic.twitter.com/gwFHo7AfKs
सरकारी विज्ञापन पाने के लिए एएनआई ने राज्य सरकार को पत्र संख्या 55/सू0एवंज0स0वि0(सोमी)-01-2018 के तहत नामांकन कराया था। जिसके बाद 21-04-2018 को प्रमुख सचिव यूपी ने अपने लिखे पत्र में कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी के ट्वीटर हैंडल, फेसबुक पेज एवं उत्तर प्रदेश सरकार के अनगिनत कार्यक्रमों के सजीव प्रसारण की निरंतर आवश्यकता प्रतीत हो रही है। अवस्थी ने आगे लिखा है कि सरकार की नितियां एवं कार्यक्रम का वृहद प्रचार-प्रसार विशेषकर युवा वर्ग के बीच करने तथा उनके त्वरित फीडबैक को प्राप्त करने हेतु एएनआई को जिम्मेदारी सौंपी जाती है।