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उत्तर प्रदेश

गाजीपुर बाॅर्डर पर राकेश टिकैत की सिसकी से गरमाया पश्चिमी उत्तर प्रदेश, नरेश टिकैत सहित साथ आए कई दल

Janjwar Desk
29 Jan 2021 7:44 AM GMT
गाजीपुर बाॅर्डर पर राकेश टिकैत की सिसकी से गरमाया पश्चिमी उत्तर प्रदेश, नरेश टिकैत सहित साथ आए कई दल
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किसान आंदोलन नए परवान पर है। कल तक सवा दो महीने पुराने जिस आंदोलन को खत्म बताया जाने लगा था और वह नए परवान पर है। इससे सरकार की परेशानी बढ गयी है...

जनज्वार ब्यूरो। दिल्ली की सीमा से सटे गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन के बड़े चेहरों में शुमार राकेश टिकैत के आंसू छलकने के बाद मुजफ्फरनगर, मेरठ, शामली, बागपत सहित उत्तरप्रदेश के तमाम पश्चिमी इलाकों में माहौल गरमा चुका है। किसानों के बड़े नेता रहे महेंद्र सिंह टिकैत की जन्मस्थली सिसौली के राजकीय इंटर कॉलेज में बैठी महापंचायत में अब शक्ति प्रदर्शन की तैयारी की जा रही है।

राष्ट्रीय लोकदल, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस नेताओं के खुलकर समर्थन में आने से आंदोलन के और गरमाने के आसार हैं। बीकेयू प्रमुख नरेश टिकैत ने किसानों को पूरी तरह शांति व्यवस्था बनाए रखने की हिदायत देने के साथ ही सिसौली महापंचायत में गाजीपुर बॉर्डर से धरना उठाने की घोषणा करने वाले नरेश टिकैत भी भाई राकेश टिकैत के भावुक होने के बाद अपने फैसले से पलट गए। देर रात पंचायत बुलाकर नरेश टिकैत ने किसानों को तुरत फुरत गाजीपुर बॉर्डर पहुंचने के निर्देश दिए हैं।

आज शुक्रवार 29 जनवरी को नरेश टिकैत ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि गाजीपुर में किसी किसान को खरोंच भी आई तो सरकार को सैकड़ों लाशों के ढेर से गुजरना पड़ेगा। कुछ पल बाद ही टिकैत का यह वीडियो वायरल हो गया। किसानों से कहा गया है कि महापंचायत में इतनी भीड़ जुट जाए कि सरकार को किसानों की एकता के सामने झुकने को मजबूर होना पड़े। रात भर बीकेयू के असर वाले गांवों में भीड़ जुटाने के लिए बैठकों का दौर चलता रहा। आरएलडी, कांग्रेस और एसपी ने भी महापंचायत को समर्थन देकर बीकेयू का मनोबल ऊंचा किया है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों की सीमा पर भारी फोर्स तैनात है। कई गांवों में मंदिर-मस्जिदों से भी किसानों को महापंचायत में जुटने की अपील किये जाने की बात सामने आ रही है। मुजफ्फरनगर के पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता हरेंद्र मलिक ने महापंचायत का समर्थन किया है। मलिक ने खुद को राकेश टिकैत के साथ बताया और महापंचायत में शामिल होने की बात कही है। उधर गाजियाबाद.दिल्ली गाजीपुर बॉर्डर पर पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पौत्र और आरएलडी नेता जयंत चौधरी धरने में शामिल होने के लिए पहुंचे। उनके पिता और आरएलडी सुप्रीमो चौधरी अजित सिंह ने राकेश टिकैत को अपना पूरा समर्थन दिया है।

किसान आंदोलन को देखते हुए जाटों का सबसे बड़ा केंद्र कहा जाने वाला मेरठ काफी संवेदनशील है। यहां जिला प्रशासन को इनपुट मिला था कि कुछ किसान गाजीपुर बॉर्डर पहुंच सकते हैं। मेरठ के रास्ते उत्तराखंड का हरिद्वार का इलाका और हरियाणा के सोनीपत.पानीपत के किसान भी आते हैं। इसके साथ ही बुलंदशहर, हापुड़, शामली, सहारनपुर, अमरोहा और मुरादाबाद के किसान महापंचायत में पहुंच रहे हैं।

टिकैत भाइयों को चौधरी अजित सिंह और उनके बेटे जयंत चौधरी का साथ भी मिल चुका है। किसान यूनियन के धरने का समर्थन करते हुए जयंत चौधरी ने गुरुवार शाम ट्वीट किया। अपने ट्वीट में उन्‍होंने लिखा, अभी चौधरी अजित सिंह जी ने बीकेयू के अध्यक्ष नरेश टिकैत जी और प्रवक्ता राकेश टिकैत जी से बात की है। चौधरी साहब ने संदेश दिया है कि चिंता मत करो, किसान के लिए जीवन-मरण का प्रश्न है। सबको एक होना है, साथ रहना है।

वेस्ट यूपी की किसान बेल्ट में बागपत एक बड़ा केंद्र है। नरेश टिकैत और राकेश टिकैत के ऐलान के बाद यहां के किसान भी समर्थन में कूद पड़े हैं। किसानों ने योगी सरकार के खिलाफ आरपार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत के आंसुओं के बाद माहौल पूरी तरह बदल गया। टिकैत के पैतृक गांव सिसौली के राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में महापंचायत हो रही है। बागपत से भारी तादाद में किसान यहां पहुंच रहे हैं।

किसान संगठनों के साथ ही महापंचायत में चौधरी अजित सिंह की आरएलडी और खाप चौधरियों के भी शामिल होने की बात कही जा रही है। बीकेयू अध्यक्ष प्रताप गुर्जर का कहना है कि पंचायत में आरएलडी के अलावा अन्य किसान संगठन भी मुजफ्फरनगर के लिए जा रहे हैं। इसके अलावा बागपत में भी किसानों ने पंचायत रखी है।

वेस्ट यूपी में कुछ जगह पुलिस किसानों को सीमा पर रोकने की कोशिश कर सकती है। किसान नेता और बीकेयू अध्यक्ष मनोज त्यागी का कहना है कि किसान अपने हक के लिए लड़ता रहेगा। आंदोलन को और मजबूती से चलाया जाएगा। न हमने कानून दिल्ली में तोड़ा न यहां तोड़ेंगे। उधर बीकेयू का आरोप है कि यूपी सरकार किसानों की इज्जत को मिट्टी में मिलाने का प्रयास कर रही है। किसानों को अब इसका जवाब देना चाहिए। बता दें कि गाजीपुर बॉर्डर पर डटे राकेश टिकैत और किसानों को गाजियाबाद प्रशासन ने आधी रात तक धरना स्‍थल खाली करने का अल्‍टीमेटम दिया था। जिसके बाद राकेश टिकैत के समर्थन में कई दल साथ आ चुके हैं।

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