- Home
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- आगरा में फाइनेंस कंपनी...
आगरा में फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों ने सवारी सहित बस को किया हाइजैक, मचा हड़कंप
घटना की जानकारी देते आगरा के एसएसपी।
जनज्वार। अब तक आपने लोन की रकम नहीं भरने पर फाइनेंस कंपनियों की ज्यादती कि कई कहानियां सुनी होंगी। मसलन उसके लोगों द्वारा कर्ज लेने वाले को धमकाना, गंदी गालियां देना, वाहन व अन्य चीजें घर से उठा ले जाना और धमकाना व धक्का-मुक्की करना। लेकिन, संभवतः देश में पहला ऐसा मामला आया है जब फाइनेंस कंपनी के लोगों ने यात्री सहित एक बस को आइजैक कर लिया।
यूपी के आगरा में बुधवार को फाइनेंस कम्पनी के कर्मचारियों ने सवारियों से भरी एक बस को हाईजैक कर लिया। बस हाईजैक की सूचना पर पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। मिल रही जानकारी के मुताबिक गुरुग्राम से मध्यप्रदेश जा रही एक प्राइवेट बस को हाईजैक कर लिया गया है। हाईजैकर ड्राइवर और कंडक्टर को बस से उतारकर अज्ञात जगह ले गए हैं।
घटना बुधवार 19 अगस्त भोर की है। थाना मलपुरा इलाके में प्राइवेट बस को हाईजैक कर लिया। बताया जा रहा है कि बस में 34 यात्री सवार हैं। ड्राइवर और कंडक्टर की सूचना के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। मौके पर तमाम आला अधिकारी मौजूद हैं। हालांकि बस की अभी तक कोई सूचना नहीं मिल पाई है।
आगरा - गाड़ी फ़ाइनेंस कंपनी वाले ले गए हैं , ड्राइवर कंडक्टर को पैसा देकर छोड़ा, कहा सवारियों को हम गंतव्य तक छोड़ देंगे, बस मालिक का कल देहांत हुआ था, वह किश्त नहीं दे पा रहा था
— Aditya Tiwari (@aditytiwarilive) August 19, 2020
बाइट - एसएसपी आगरा @agrapolice https://t.co/hSxfVnrHbX pic.twitter.com/ManlWZFEdV
मीडिया में खबर चलने के बाद पुलिस का बयान सामने आया कि बस मालिक ने किश्त नहीं चुकाया था। जिसके बाद फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी ड्राइवर और कंडक्टर को उतारकर सवारियों से भरी बस को लेकर चले गए हैं। पुलिस के मुताबिक ड्राइवर और कंडक्टर ने बताया है कि चार लोग थे जो खुद को फाइनेंस कंपनी का कर्मचारी बता रहे थे। हालांकि पुलिस पुख्ता तौर पर ये नहीं बता पाई है कि जो लोग बस को ले गए वे बदमाश हैं या फिर किसी फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी हैं।
अगवा की गई बस को लेकर फिलहाल पुलिस के पास कोई सूचना नहीं है। वह ड्राइवर और कंडक्टर के बयान के आधार पर कार्रवाई कर रही है। मध्य प्रदेश पुलिस से भी संपर्क किया गया है। दरअसल, अगर हाईजैक करने वाले फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी ही हैं तो यह अधिकार उन्हें किसने दिया। अभी तक मामले में बस मालिक से भी बातचीत नहीं हो पाई है।
मालूम हो कि कोरोना महामारी की वजह से लगे लाॅकडाउन के कारण बसों का परिचालन बंद था। ऐसे में हो सकता है कि बस मालिक को उन महीनों में कमाई नहीं हुई हो और वह लोन की किस्त भरने में सक्षम नहीं हो। हालांकि सरकार व रिजर्व बैंक की ओर से लाॅकडाउन के दौरान फौरी तौर पर किस्त से राहत देने के कई फैसले लिए गए थे।