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Janjwar Ground Report: ग्रामीणों ने कालागढ़ डीएफओ को बनाया बंधक, बाघिन पर गोली चलाए जाने वाले कर्मचारी पर कार्यवाही से थे खफा
मरचूला से सलीम मलिक की रिपोर्ट
Janjwar Ground Report: सोमवार की रात मरचूला बाजार में मारी गई बाघिन के मामले में वनरक्षक के खिलाफ कार्यवाही किए जाने और वन्य जीवों के आतंक से दुखी ग्रामीणों ने शुक्रवार को मरचूला पहुंचे वनाधिकारियों को बंधक बना लिया। वन विभाग के अधिकारी शुक्रवार को ग्रामीणों के साथ बैठक करने के मकसद से मरचूला पहुंचे थे। इस बैठक में गुस्साए ग्रामीणों ने अधिकारियों को जमकर खरी खोटी सुनाते हुए वन्य जीवों के आतंक से निजात दिलाए जाने और वनरक्षक द्वारा ग्रामीणों की जान बचाने के लिए बाघिन पर गोली चलाए जाने के मामले में विभाग द्वारा की जा रही कार्यवाही रोकने की मांग की।
शुक्रवार को वन विभाग के अधिकारियों की ग्रामीणों के साथ आयोजित इस बैठक में ग्रामीणों ने कालागढ़ वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी नीरज शर्मा को इलाके में वन्यजीवों के आतंक के बारे में बताते हुए कहा कि बाघ के खौफ के कारण उनके बच्चे स्कूल तक नहीं जा पा रहे हैं। जंगली हाथी उनकी फसलों को तबाह कर रहे हैं। लेकिन विभाग कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। ग्रामीण इस बात को लेकर बेहद गुस्से में थे कि बाघिन से ग्रामीणों की हिफाजत करने के लिए बाघिन पर गोली चलाए जाने वाले वनरक्षक के खिलाफ कार्यवाही कर उसका उत्पीड़न कर रहा है। ग्रामीणों ने वनरक्षक धीरज रावत को बैठक में बुलाने की मांग करते हुए विभागीय अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए चेतावनी दी कि जब तक धीरज को मौके पर नहीं बुलाया जाएगा, तब तक अधिकारियों को यहां से नहीं जाने दिया जायेगा। अधिकारी अपने आप को यहां बंधक समझें। इसके साथ ही कुछ युवक नेशनल हाइवे पर चक्का जाम करके सड़क पर भी बैठ गए। चक्का जाम किए जाने के साथ ही ग्रामीणों की इस चेतावनी से मौके पर मौजूद अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए। उच्चाधिकारियों के साथ फोन पर मंत्रणा के बाद घबराए अधिकारियों को बाघिन पर गोली चलाने वाले वनरक्षक धीरज रावत को मौके पर बुलाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
वनरक्षक का किया हीरो की तरह स्वागत
सोमवार की रात बाघिन पर गोली चलाने वाले वनरक्षक धीरज रावत के मौके पर आते ही ग्रामीणों ने उसका फूलमालाओं से लादकर गर्मजोशी से स्वागत किया। मोहान बैरियर से धीरज को लेकर आए वाहन के मौके पर पहुंचते ही ग्रामीणों ने गाड़ी से उतरते ही धीरज को फूलमालाओं से लाद दिया। उत्साहित ग्रामीणों ने धीरज को गोद में उठाकर उसे अपने कंधे पर बैठा लिया। धीरज रावत के समर्थन में जोरदार नारेबाजी करते हुए ग्रामीण धीरज को बैठक स्थल तक लेकर आए। विभागीय कार्यवाही से सदमे में दिख रहे धीरज का ग्रामीणों ने उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि सल्ट के ग्रामीण हर हाल में उसके साथ हैं। ग्रामीणों का कहना था कि धीरज ने ग्रामीणों की सुरक्षा को देखते हुए बाघिन को भगाने के लिए गोली चलाई। बाघिन की मौत हादसा है। जिसके लिए विभाग धीरज को बलि का बकरा बना रहा है। जबकि बाघ के चलते उनकी जिंदगी नरक हो गई है। बाघ के डर की वजह से उनके बच्चे स्कूल तक नहीं जा पा रहे हैं। उनके बच्चों तक पढ़ाई लिखाई ठप्प हो गई है। लेकिन वन विभाग उनकी समस्या की कोई सुध नहीं ले रहा है। उल्टा ग्रामीणों को बाघिन से बचाने वाले कर्मचारी का ही उत्पीड़न करने पर उतारू है। जिसे किसी सूरत में सहन नहीं किया जायेगा।
इस बात पर बनी सहमति
घंटों की इस जद्दोजहद के बाद में ग्रामीणों और अधिकारियों के बीच इस बात पर सहमति बनी कि मरचूला क्षेत्र में तीन डिवीजन से घिरा हुआ है। अगले पंद्रह दिन में इन सभी डिविजनों के अधिकारियों के साथ मिलकर ग्रामीणों की बड़ी बैठक का आयोजन किया जायेगा। जिसमें तय किया जाएगा कि क्षेत्र में जो भी केस हो उस पर तुरंत मुआवजा दिलवाया जा सके। समय-समय पर गांव में सामूहिक बैठक करके जागरूकता के कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी जिसमें लोगों को जागरूक किया जाएगा। वन्य जीवों को आबादी क्षेत्र में आने से रोकने के लिए सोलर फेंसिंग लगाए जाएंगे। इसके साथ ही शासन को रिपोर्ट भेजकर जंगली जानवर द्वारा किसी भी व्यक्ति को घायल किए जाने पर उसमे इलाज का सारा खर्च सरकार द्वारा वहन कराया जाने के लिए नीतिगत निर्णय लेने की सिफारिश की जाएगी। धीरज रावत के मामले में उन्होंने कहा कि अभी जांच जारी है। किसी को दोषी नहीं ठहराया गया है।
डीएफओ नीरज शर्मा ने यह कहा
ग्रामीणों के साथ आयोजित बैठक के दौरान कालागढ़ वन प्रभाग के डीएफओ ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया की बाघ के हमले में घायल हुई कमला देवी के इलाज का सारा खर्चा हमारी विभाग की ओर से वहन किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर वह खुद व्यक्तिगत तौर पर भी उनकी पूरी मदद करेंगे। आज की बैठक की सारी चीजें लिखित में एक रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजी जाएगी। जिसमें आज की तथा आज से पहले भी जो परिस्थितियां यहाँ बनी हुई हैं, उनका उल्लेख करते हुए शासन के सामने ग्रामीणों की परेशानी की जमीनी सच्चाई रखी जायेगी। सभी गांव वालों के बयानों को लिखित रूप से लिया जाएगा। जरूरत पड़ी तो हजार लोगों के बयानों को भी लिखित रूप से हम लेंगे। सभी परिस्थितियों के आधार पर एक जांच रिपोर्ट तैयार करके कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर के माध्यम से शासन को भेजी जाएगी। बाघिन पर गोली चलाने का जो प्रकरण है, वह मामला अभी जांच में है। इसमें अभी किसी को दोषी नहीं ठहराया गया है। और न किसी पर कोई कार्यवाही की गई है। वनरक्षक को इस रेंज से हटाकर दूसरी रेंज में उनका घर निकट होने के कारण भेजा गया है। जांच में सभी परिस्थितिजन्य साक्ष्यों को लगाया जाएगा तभी निर्णय लिया जाएगा। इसके लिए जरूरत पड़ेगी तो घर घर जाकर भी ग्रामीणों के बयान लिए जायेंगे।
यह ग्रामीण रहे मौजूद बैठक में
इस दौरान ग्रामीणों में भगवती देवी, सुधा नेगी, मंजू देवी, पदमा देवी, संतोषी देवी, शीला देवी, धना देवी, सरस्वती देवी, हेमा देवी, सुनीता देवी, मुकेश सुंद्रियाल, अजय सिंह, मनवर सिंह, सुनील रावत, सुरेंद्र सिंह, दीप चंद्र शर्मा, ग्राम प्रधान मनोज शर्मा, पूर्व जिला पंचायत सदस्य नारायण सिंह रावत, जिला पंचायत सदस्य मोहित नेगी, कांग्रेस नेता अमित रावत, शंभू सिंह रावत, क्षेत्र पंचायत सदस्य भीम सिंह, ग्राम प्रधान महेश भारद्वाज, आदि सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे।