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कानपुर इनकाउंटर : दोनों पैरों में रॉड वाला गैंगस्टर विकास दुबे फरीदाबाद में पुलिस को चकमा देकर भाग गया?

जनज्वार। बुधवार को पुलिस को कानपुर इनकाउंटर मामले में दो बड़ी कामयाबी मिली। एक तो उसके करीबी अमर दुबे को पुलिस ने हमीरपुर में मार गिराया, वहीं उसके एक दूसरे सहयोगी श्यामू वाजपेयी को चौबेपुर पुलिस ने जिंदा गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन, इस बीच खबर यह आ रही है कि विकास दुबे हरियाणा के फरीदाबाद में पुलिस को चकमा देकर भाग गया है। विकास दुबे की तलाश में फरीदाबाद व गुड़गांव में छापे मारे गए हैं।
फरीदाबाद पुलिस ने इस मामले में कहा है कि एक घर में विकास दुबे के होने के इनपुट पर क्राइम ब्रांच के साथ मिलकर फरीदाबाद पुलिस ने रेड की, जिसमें तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। अपराधियों ने फायरिंग भी की। फरीदाबाद पुलिस ने कहा है कि कानपुर मुठभेड़ में प्रयोग की पिस्टल और उत्तरप्रदेश पुलिस से चोरी की गई पिस्टल बरामद की गई है। ऐसी जानकारी आई है कि गैंगस्टर विकास दुबे के दोनों पैरों में रॉड लगा हुआ है। इसके बावजूद वह अपने साथियों की मदद से एक बार फिर भागने में कामयाब हो गया है।
एक घर में विकास दुबे के होने के इनपुर पर क्राइम ब्रांच के साथ मिलकर फरीदाबाद में पुलिस की रेड में 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया। अपराधियों ने फायरिंग की, कानपुर मुठभेड़ में दुबे द्वारा इस्तेमाल की गई पिस्टल और उत्तर प्रदेश पुलिस से चोरी की गई पिस्टल बरामद की गई:फरीदाबाद पुलिस pic.twitter.com/ABU6CJI2VW
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 8, 2020
पुलिस को पहले ही संदेह है कि विकास दुबे पश्चिम उत्तरप्रदेश या हरियाणा में कहीं छिपा हो सकता है। इसके लिए दोनों इलाकों में पुलिस को अलर्ट कर दिया गया और अदालत परिसरों पर भी नजर रखने को कहा गया है, जहां वह सरेंडर कर सकता है।
विकास दुबे के फरीदाबाद से भागने की सूचना पर संदेह इसलिए गहराता है क्योंकि उसका दायां हाथ माना जाने वाला अमर दुबे भी फरीदाबाद में ही छिपा था और वहां से वह हमीरपुर आया। पुलिस ने उसको चारों से घेर लिया और सरेंडर करने को कहा तो उसने गोली चला दी जिसके बाद वह पुलिसिया कार्रवाई में मारा गया।
विकास दुबे पर ईनाम भी बढाकर ढाई लाख से पांच लाख कर दिया गया है। दो-तीन जुलाई की मध्य रात को कानपुर देहात के बिकरू गांव में उसके द्वारा आठ पुलिस कर्मियों का नरसंहार किए जाने के पहले उस पर मात्र 50 हजार का ईनाम था, जिसे बढाकर पहले एक लाख किया गया और फिर ढाई लाख और अब पांच लाख कर दिया गया।