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उत्तर प्रदेश

कानपुर : 36 घंटे में 41 थानों की पुलिस के लिए विकास दुबे को पकड़ना हुआ नामुमकिन, अब सीएम योगी करेंगे बैठक

Janjwar Desk
4 July 2020 12:29 PM GMT
कानपुर : 36 घंटे में 41 थानों की पुलिस के लिए विकास दुबे को पकड़ना हुआ नामुमकिन, अब सीएम योगी करेंगे बैठक
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कानपुर इनकाउंटर मामले में पुलिस की नाकामयाबी के बीच योगी आदित्यनाथ ने कानून व्यवस्था पर अहम बैठक बुलाई है...

जनज्वार। कानपुर में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे व उसके गैंग द्वारा आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के 36 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, लेकिन अभी तक वह पुलिस की पकड़ से बाहर है। एसटीएफ की दो दर्जन से अधिक टीमें उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापामारी अभियान चला रही हैं और उसके संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं। कानपुर रेंज के आइजी मोहित अग्रवाल ने इस संबंध में कहा है कि कानपुर के सभी 41 थानों के पुलिस अधिकारी इस वक्त विकास दुबे को पकड़ने की कोशिश में ही लगे हैं।

इस बीच विकास तिवारी मामले में उठ रहे सवालों के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज राज्य की कानून व्यवस्था पर एक अहम बैठक बुलाई है। वीडियो कान्फ्र्रेंसिंग के जरिए होने वाली इस बैठक में मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह, डीजीपी, एडीजी सहित अन्य वरीय अधिकारी मौजूद रहेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बैठक में कानून व्यवस्था की समीक्षा करने के साथ कुछ अहम निर्णय ले सकते हैं।


उधर, डीजीपी एचसी अवस्थी ने मुख्यमंत्री से मुलाकात भी की है। मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को जल्द अपराधी को गिरफ्तार करने को कहा है।

पुलिस विकास दुबे के चाचा व भाई के घर पर दबिश दे चुकी है। विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश दुबे के घर पुलिस पूछताछ के गई थी। दीप प्रकाश दुबे की पत्नी से भी पुलिस ने पूछताछ की है।

पुलिस द्वारा इस मामले को हैंडल करने के तरीके पर भी सवाल उठ रहे हैं। कहा जा रहा है कि विकास तिवारी के घर पर दबिश देने के लिए एसएसपी कानपुर से पीएसी की मांग की गई थी, लेकिन चार थानों की पुलिस ही उपलब्ध करायी गई।

इस मामले में आइजी मोहित अग्रवाल ने कहा है कि पीएसी का उपयोग तभी किया जाता है जब सांप्रदायिक तनाव, दंगे की स्थिति, नक्सली या आतंकवाद का मामला हो। उन्होंने कहा सामान्यतः अपराधियों की गिरफ्तारी में तबतक पीएसी का उपयोग नहीं किया जाता है, जबतक इस बात की पुख्ता जानकारी नहीं हो कि अपराधी इतनी बड़ी तैयारी के साथ है। उन्होंने माना है कि मामले में चूक हुई है और नीचे के पुलिस अधिकारियों ने लापरवाही की है।

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