Lulu Mall : लुलु मॉल में नमाज पढ़ने वाले क्या हिंदू थे, पढ़िए पूरा सच और झूठ फैलाने से बचिए
LuLu Mall : यूपी की राजधानी लखनऊ के लुलु मॉल में नमाज को लेकर छिड़ा विवाद अभी थमा नहीं है। अब बहस इस बात को लेकर जारी है कि इसके पीछे का सच क्या है? ऐसा इसलिए कि लुलु मॉल में उद्घाटन के बाद लड़कों के नमाज पढ़ने के वायरल वीडियो की जांच के दौरान पुलिस के हाथ कई अहम सुराग लगे हैं। इस बात को सभी पक्षों के लोग अपने-अपने हिसाब से फैला रहे हैं। आइए हम आपको बताते हैं कि सच क्या है और आपको इससे सावधान रहने की जरूरत क्यों हैं।
नमाज को लेकर दावे
दरअसल, 10 जुलाई को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लुलु मॉल का उद्घाटन सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया था। 13 जुलाई को मॉल में नमाज़ पढ़े जाने का एक वीडियो वायरल हुआ। वीडियो सामने आने के बाद दक्षिणपंथी संगठनों की तरफ से विरोध प्रदर्शन हुआ। इसके बाद पुलिस ने मामले में जांच की बात कही थी।
अब दावा किया जा रहा है कि लुलु मॉल में हिंदू युवकों ने नमाज पढ़ी थी और उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। महिला कांग्रेस से जुड़ीं डॉक्टर पूजा त्रिपाठी ने अपने ट्विट में लिखा है लखनऊ के लूलू मॉल में नमाज़ पढ़ने का मामला याद होगा। CCTV से अब उन नमाज पढ़ने वालों के नाम पता चले हैं। उनके नाम हैं गौरव गोस्वामी, सरोज नाथ योगी, कृष्ण कुमार पाठक। ये लोग मुस्लिम बनकर नमाज़ पढ़ रहे थे। इसके बाद पूजा त्रिपाठी लिखती हैं कि धर्म की अफीम चटाकर इस देश की बर्बादी का मंजर देख रहे कुछ लोग।
अपने ट्वीट में पूजा ने DCP South Lucknow के ट्विटर अकाउंट का स्क्रीनशॉट भी लगाया था। ऐसा कर पूजा त्रिपाठी ने बड़ी गलती कर दी। यही वजह है कि उन्होंने कुछ देर बाद पूजा ने ये ट्वीट डिलीट कर दिया। पूजा त्रिपाठी के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने भी रिट्विट किया। थोड़ी देर बाद पवन खेड़ा ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया।
इसके बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमीक जामेई ने वायरल दावा ट्वीट कर लिखा। #LuluMall 16 सेकेंड नमाज की घटना में नाथूराम गोडसे और मुस्लिम मंच वाले ही निकले, ऐसी घटना मीडिया के एक वर्ग के सहयोग से घटित हो रही है जिससे बेरोजगारी, महगाई,कानून व्यवस्था, गरीबी और विकास पर बात चीत न हो, ऐसी घटनाओं से भय द्वेष अशांति फैलेगी तो कौन इन्वेस्ट करने आएगा! इसके अलावा कई सोशल मीडिया यूजर्स और नेताओं ने घटना को लेकर ऐसा ही दावा किया।
ये है सच
अमर उजाला में प्रकाशित रिपोर्ट बताती है, लुलु मॉल में नमाज पढ़ने के विरोध में हिंदू संगठनों ने शुक्रवार को सुंदरकांड के पाठ का आहृवान किया था। 15 जुलाई की देर शाम करीब 7 बजे तीन युवक वहां सुंदरकांड पाठ करने के लिए पहुंचे तो हंगामा शुरू हो गया। वहीं एक युवक नमाज पढ़ने के लिए पहुंचा था। मॉल में काफी हंगामा होने लगा तो पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने हिंदू संगठनों से सुंदरकांड का पाठ करने के लिए पहुंचे भदोही के सरोज नाथ योगी, जौनपुर के कृष्ण कुमार पाठक, इटावा के भरथना निवासी गौरव गोस्वामी को हिरासत में लिया। ये तीनों खुद को हिंदू समाज पार्टी का कार्यकर्ता बता रहे हैं। वहीं नमाज़ पढ़ने पर अड़े सआदतगंज निवासी अरशद अली को भी पुलिस ने हिरासत में लिया। सभी को थाने लेकर गई। जहां सभी के खिलाफ शांति भंग की धारा में केस दर्ज कर जेल भेज दिया गया।
सोशल मीडिया पर लू-लू मॉल प्रकरण के सम्बन्ध में कुछ युवकों का नाम लेकर भ्रामक खबरें प्रसारित की जा रही है, जो कि पूर्णतया असत्य है ।
— POLICE COMMISSIONERATE LUCKNOW (@lkopolice) July 18, 2022
लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस इस भ्रामक खबर का पूर्ण रूप से खण्डन करती है।@Uppolice pic.twitter.com/KREhWwnAZu
यहां पर यह बताना जरूरी है कि DCP South Lucknow के ट्विट का स्क्रिनशॉट पूजा त्रिपाठी ने अपने पोस्ट में अटैच किया था लेकिन उन्होंने चार में से तीन के नाम का ही जिक्र किया। साथ ही ये बताया कि ये तीनों हिंदू हैं और नमाज पढ़ने वाले यही हैं। जबकि डीसीपी साउथ के ट्विट में ऐसा कुछ नहीं लिखा है। डीसीपी के ट्विट में चार नाम जरूर हैं, लेकिन उन्होंने इस बात का उल्लेख नहीं किया तो नमाज पढ़ने वाले कौन थे इसका उल्लेख नहीं किया है। डीसीपी ने अपने ट्विट में धार्मिक गतिविधि और सौहार्द बिगाड़ने का जिक्र जरूरी किया था।
यानि पूजा त्रिपाठी व अन्य लोगों ने जो दावे किए उनकी गिरफ्तारी मॉल के अंदर धार्मिक गतिविधि करने के प्रयास में हुई है न कि नमाज़ पढ़ने को लेकर। पड़ताल लिखे जाने तक वायरल वीडियो में हो रही नमाज के मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
दावा करने वाली पूजा ने मांगी माफी
खास बात यह है कि डॉ. पूजा त्रिपाठी अपना ट्वीट डिलीट कर सार्वजनिक रूप से माफी मांग चुकी हैं। वहीं कांग्रेस नेता पवन खेड़ा का कहना है कि चूंकि गिरफ्तारी को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है इसलिए उन्होंने अपना ट्वीट हटा दिया है।
सरोज योगी ने खुद दी गिरफ्तारी की जानकारी
गिरफ्तार सरोज नाथ योगी कीने अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर 15 जुलाई को शाम 6 बजकर 26 मिनट पर पोस्ट लिखकर खुद के गिरफ्तार होने की जानकारी दी थी। उन्होंने लिखा था कि लुलु मॉल में हनुमान चालीसा पढ़ने गया था। मेरी गिरफ्तारी हो गई है। साथ में गौरव गोस्वामी पाठक जी की भी।
डीसीपी साउथ के ट्विट को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया
15 जुलाई को DCP South Lucknow के ट्विटर अकाउंट से घटना के बारे में ट्वीट भी किया गया था। डीसीपी के ट्विट में सरोज नाथ योगी, कृष्ण कुमार पाठक, गौरव गोस्वामी और अरशद अली को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजने की बात कही गई है। चारों पर धारा-144 के उल्लंघन का आरोप है। यहां गौर करने वाली बात है कि यही वो ट्वीट है, जिसके आधार पर वायरल वीडियो में दिख रहे नमाजियों की गिरफ्तारी और हिंदू होने का दावा किया जा रहा है। लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस ने ट्विटर के जरिए वायरल दावे का खंडन कर इसे भ्रामक करार दिया है।
लुलु मॉल परिसर में बिना अनुमति धार्मिक क्रियाकलाप के प्रयास के संबंध में - थाना सुशांत गोल्फ सिटी ।@Uppolice @lkopolice pic.twitter.com/3RpdMv8DuZ
— DCP South Lucknow (@DCP_South) July 15, 2022
सावधानी बरतें, पहले चेक करें, फिर करें भरोसा
यानि, लुलु मॉल में नमाज पढ़ने को लेकर जारी जांच में अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपी तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। जिन चार लोगों की गिरफ्तारी हुई है, वो लुलु मॉल पर धारा 144 के उल्लंघन में पकड़ने गए हैं, न कि नमाज पढ़ने के आरोप में। इसलिए लोगों को भ्रम में आने की जरूरत नहीं है। साथ ही लोगों को चाहिए कि सोशल मीडिया पर फैली इस तरह की सूचनाओं को चेक करने के बाद ही सही और गलत होने के फैसले तक पहुंचे।