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Mau News: सरकारीकरण आदोंलन मंच ने कहा- संवैधानिक अधिकारों की गांरटी सरकारी संस्थायें ही देगी

Janjwar Desk
26 Dec 2021 12:02 PM GMT
Mau News: सरकारीकरण आदोंलन मंच ने कहा- संवैधानिक अधिकारों की गांरटी सरकारी संस्थायें ही देगी
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Mau News: सरकारीकरण आदोंलन मंच ने कहा- संवैधानिक अधिकारों की गांरटी सरकारी संस्थायें ही देगी

Mau News: सरकारीकण आदोंलन मंच का यह सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है, जब देश के लोग उप्र की तरफ बडी़ उम्मीद से देख रहे है।और खासकर उप्र के पूर्वांचल क्षेत्र के मऊ से छात्रों, नौजवानों, शिक्षकों, वकीलों,बुनकरों,कारीगरों,किसानों, मजदूरों की बुलंद आवाज का आगाज हुआ है

Mau News: सरकारीकण आदोंलन मंच का यह सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है, जब देश के लोग उप्र की तरफ बडी़ उम्मीद से देख रहे है।और खासकर उप्र के पूर्वांचल क्षेत्र के मऊ से छात्रों, नौजवानों, शिक्षकों, वकीलों,बुनकरों,कारीगरों,किसानों, मजदूरों की बुलंद आवाज का आगाज हुआ है, यह आने वाले समय में देश को नई रौशनी देगा,आज देश की संसदीय राजनीति से जनता के बुनियादी सवाल,समान शिक्षा,समान चिकित्सा,सबको सरकारी नौकरी के सवाल गायब हो गये है,और देश के संसाधनों को आम जनता को मुठ्ठी भर धन्नासेठों को निचोड़ने के लिए परोस दिया गया है।यह सब लोकतंत्र और संविधान की महानता बताकर किया जा रहा है।जबकि संवैधानिक अधिकारों की गांरटी सिर्फ और सिर्फ सरकारी संस्थाए ही दे सकती है। इसलिए सरकारीकरण आदोंलन मंच का ऐजेडा़ संविधान मेंं दिये नागरिक अधिकारों का है, उक्त बातें सरकारी करण आंदोलन मंच के सम्मेलन को संबोधित करते हुए समाजवादी लोकमंच के संयोजक साथी मुनीश कुमार ने कही उन्होंने अपनी बात खत्म करते हुए हजारों की संख्या में मौजूद युवाओं छात्रों-छात्राओं नौजवानों और नागरिकों से स्वास्थ्य-शिक्षा सरकारी नौकरियों को मौलिक अधिकार की गारंटी बनाने की मांग के नारे के साथ किया।


सम्मेलन को सामुदायिक कार्यकर्ता मंच के संयोजक दीपक ढोलकिया ने संम्बोधित करते हुए कहाकि सरकारीकरण आंदोलन मंच न सिर्फ निजीकरण का विरोध कर रहा है,बल्कि सरकारीकरण का ऐजेडा देकर विकल्प दे रहे है। हम आप के साथ है।

सम्मेलन मे अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों पर प्रस्ताव रखते हुए स्टूडेंट फार नेशलाइजेशन की विद्या मौर्या ने बताया कि नई आर्थिक नीतियों के माध्यम से पूंजीवादी ताकतें पूरे दुनिया के आम जनता के धन संपत्तियों पर कब्जा कर रहे हैं और इनसे उपजे असंतोष और वर्गीय संघर्षों को वे अस्मितावादी जातिवादी संप्रदायवादी संघर्षों की तरफ मोड़ देना चाहते हैं जबकि दुनियाभर में लड़ रहे छात्रों,नौजवानों किसान,मजदूरों के संघर्षों को छुपा रही है।

राष्ट्रीय परिस्थितियों पर प्रस्ताव रखते हुए मंच की महिला मोर्चे की संयोजक संगीता यादव ने बताया कि हमारा देश भारी उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है और सरकारें पूंजीवादी नीतियों को लागू करके जनता की संपत्तियों पर निजी लोगों का कब्जा करवा रही हैं दूसरी तरफ इन नीतियों कै विरुद्ध संघर्ष के आंदोलनों में तमाम साथी शहीद हो रहे हैं तमाम साथियों को जेल भेजा जा रहा है लेकिन यह वर्गीय लड़ाई पूंजीवादी नीतियों को ध्वस्त करके समाजवाद को स्थापित करने तक जाएगी और वहां से मानव समाज विकास की नई ऊंचाइयों की तरफ विकसित होगा।


इसी क्रम में साथी फखरे आलम ने कहा कि नफरत से भरी राजनीति भी यही काम कर रही है वह बुनियादी सवालों की राजनीति की लड़ाई को कुंद कर रही है लेकिन हमें जनता को इसके खिलाफ सचेत करना पड़ेगा,वरिष्ठ आंदोलनकारी शिवा जी राय ने बताया कि हमारी जो समाजवादी और जनवादी ताकते हैं सही मायनों में यही दो ताकते पूंजीवादी सिस्टम के खिलाफ लड़ सकती हैं और मानव समाज को ऊंचाई देगी।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री रामाश्रय यादव ने कहा कि सरकारी संस्थाओं को और उनके कर्मचारियों को सरकारी नीतियां ही बर्बाद कर रही हैं और आम जनता में उन नीतियों से यह संदेश दिया जा रहा है कि सरकारी कर्मचारी काम नहीं करते जबकि आप सभी को जो सुविधाएं अधिकारपूर्ण ढ़ग से सरकारी संस्थाओं में मिलती हैं। वह किसी भी निजी संस्था में नहीं मिल सकती इसलिए हम सबको एकजुट होकर शिक्षा चिकित्सा और नौकरियों के सवाल को मजबूती से वोट की राजनीति का मुद्दा बनाना है उन्होंने सरकारी करण आंदोलन मंच को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद का पूरा पूरा समर्थन देने का भरोसा व्यक्त किया।

सरकारी करण आंदोलन मंच के शिक्षकों के बीच काम करने वाले युवा शिक्षक साथी तेजभान ने बताया तेजभान ने संबोधित करते हुए कहा कि शोषित वंचित समूहों में जिन सरकारी नौकरियों से सामाजिक चेतना और आर्थिक उन्नति आई थी निजी करण के माध्यम से इन समूहों को फिर से बदहाल बर्बाद करने की और नए ढंग से गुलाम बनाने की साजिश आज की राजनीति कर रही है इस राजनीति को हमारे छात्र नौजवान शिक्षक बेनकाब करेंगे और फिर से हम अपने सरकारी संस्थाओं को पुनर्जीवित करेंगे यह लडा़ई देश बचाने की है।

इस सम्मेलन को सरकारी करण आंदोलन मंच की छात्र इकाई स्टूडेंट फॉर नेशनलाइजेशन के संयोजक नीतू ने संबोधित करते हुए कहा कि आज शिक्षा पर एक गहरा संकट है और नई आर्थिक नीति से उपजी नई शिक्षा नीति लाकर मौजूदा सरकार वंचित गरीब समूहों के बच्चों को छोटे-छोटे धन पशुओं के शिक्षा संस्थानों के हवाले करती जा रही है कोई भी राज्य शिक्षा स्वास्थ्य और नौकरियों जैसी जिम्मेदारी से भागता है। तो यह हम सब जो पढ़ते हैकि यह सब राज्य का दायित्व हैं।इन नीतियों से राज्य के औचित्य पर ही सवालिया निशान लगाता है?

छात्र इकाई की ही सदस्य निशा ने अपने गीत हर जंवा शख्स को सरकारी नौकरी चाहिए शमा बांध दिया,सम्मेलन को दिल्ली विश्वविद्यालय के प्राध्यापक अश्वनी कुमार"सुकरात" व समान शिक्षा के अधिकार का संघर्ष चलाने वाले डा.चतुरानन ओझा ने कहा कि पूंजीवादी ताकतें शिक्षा का बाजारीकरण कर रही हैं इसकी जगह पर सरकार को चाहिए कि वह हर जगह हर मोहल्ले में नवोदय विद्यालय स्थापित करें और प्रत्येक बच्चे को नवोदय जैसे सुविधा में रहकर शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार मिले उन साथियों ने कहा कि पूंजीवादी निजाम यह काम नहीं कर सकता इसके लिए समाजवाद स्थापित होना चाहिए इसके लिए वर्गीय संघर्ष को तेज करने की जरूरत है।

सम्मेलन को किसान आंदोलन के नेता राघवेन्द्र कुमार, एड.वीरेन्द्र प्रताप यादव,शिक्षाविद शिवचन्द्र राम,वरिष्ठ साथी लक्ष्मी चौरसिया,का.रामू शर्मा,बलवंत यादव ने भी संम्बोधित किया,सम्मेलन में सक्रिय भूमिका साथी अमित राय,पल्लवी मिश्रा,गुलाबचन्द्र,रविन्द्र कुमार,भृगुनाथ,जगजीत सिंह चौहान जैसे साथियों ने दी,सम्मेलन में संगठन का झड़ारोहण सचिव मरछूप्रजापति ने किया। सम्मेलन के सत्रों का संचालन मंच के संयोजक अरविंद मूर्ति व संगठनकर्ता बृकेश ने किया। सभी का आभार आयोजन स्थल कुमार परमार्थ गोविंद महाविद्यालय कल्यानपुर के वरिष्ठ शिक्षक नंदलाल यादव ने किया।

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