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UP में NSA के तहत आधी से अधिक गिरफ्तारियां गौकशी से जुड़े मामले में, बंदायू व बिजनौर में सबसे अधिक अरेस्टिंग
जनज्वार। उत्तरप्रदेश में इस साल राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी एनएसए के तहत हुई आधी से अधिक गिरफ्तारियां व दर्ज मामले गौ तस्करी व गौ हत्या से जुड़े हैं। इस साल 19 अगस्त तक राज्य में 139 लोगों पर एनएसए लगाए गए हैं, जिसमें आधे से भी अधिक 76 पर गौ हत्या के मामले में इसका प्रयोग किया गया है।
वहीं, महिलाओं व बच्चों के खिलाफ गंभीर अपराध के मामले में छह लोगों पर एनएसए लगाया गया। गंभीर अपराध के लिए 37 लोगों और और अन्य अपराध के मामले में 20 लोगों पर एनएसए लगाया गया है। छह ऐसे लोगों पर एनएसए लगाया गया जो नागरिका संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल थे। इस कानून के खिलाफ कोरोना संकट शुरू होने से पहले इस साल के आरंभ में देश भर में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए थे।
एनएसए के तहत गिरफ्तार किसी व्यक्ति को 12 महीने तक बिना किसी आरोप के हिरासत में रखा जा सकता है। इसे उस व्यक्ति पर लगाया जा सकता है जो व्यक्ति राष्ट्रीय सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था के लिए खतरा हो।
एनएसए लगाने के अलावा इस साल 26 अगस्त तक 1716 मामले उत्तरप्रदेश गौहत्या निवारण अधिनियम के तहत दर्ज किए गए हैं और 4000 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसमें सबूत जुटाने में नाकाम रहने पर 32 मामलों में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की गई।
पुलिस ने उत्तरप्रदेश में 2,384 लोगों के खिलाफ के यूपी गैंगस्टर्स एक्ट और 1742 के खिलाफ गुंडा एक्ट लगाया है।
उत्तरप्रदेश की कानून व्यवस्था पर लगातार सवाल उठता रहा है और राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निर्देश है कि एनएसए का प्रयोग वैसे लोगों के खिलाफ किया जाए जिनसे सार्वजनिक व्यवस्था प्रभावित हो सकती हो, ताकि अपराधियों में भय और जनता के बीच सुरक्षा की भावना पैदा हो।
एनएसए के तहत सर्वाधिक मामले बरेली जोन में
आंकड़ों के अनुसार, गौ हत्या मामले में सबसे अधिक एनएसए का प्रयोग बरेली जोन में किया गया है। 31 अगस्त तक के आंकड़ों के अनुसार, यहां 44 लोगों के खिलाफ इस एक्ट का प्रयोग किया गया है। बरेली जोन के बंदायू जिले में सबसे अधिक 12 लोगों पर गौहत्या व तस्करी से जुड़े मामले में एनएसए का प्रयोग किया गया। दूसरे नंबर पर बिजनौर है, जहां पुलिस ने 11 के खिलाफ इस कानून का प्रयोग किया।
जुलाई के आखिर तक में मेरठ जोन में पांच, आगरा में दो, वाराणसी में दो और गोरखपुर में एक व्यक्ति के खिलाफ ऐसे आरोप में एनएसए लगाया गया है। वहीं, पांच पुलिस जोन में ऐसे आरोप में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई।
बरेली में गौ हत्या से जुड़े मामलों को लेकर 282 लोगों की पुलिस ने हिस्ट्रीशीट भी खोली है। अगर एक बार ऐसा किसी व्यक्ति के साथ किया जाता है तो पुलिस लगातार उसकी गतिविधियों की निगरानी करती है।