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उत्तर प्रदेश

Exclusive : प्रयागराज में श्रम विभाग का चपरासी दोहरी भूमिका में कर रहा दलाली, अधिकारी बनकर फोन पर धमकाने का खुलासा

Janjwar Desk
28 Oct 2020 6:35 AM GMT
Exclusive : प्रयागराज में श्रम विभाग का चपरासी दोहरी भूमिका में कर रहा दलाली, अधिकारी बनकर फोन पर धमकाने का खुलासा
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आरोप है कि दोहरी भूमिकाओं में चपरासी अशोक मिश्रा उर्फ पंडितजी को उपश्रमायुक्त राकेश द्विवेदी का आशीर्वाद मिला होना बताया जा रहा है, जिसकी सरपरस्ती में यह लूट मचाये हुए है....

मनीष दुबे की रिपोर्ट

जनज्वार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में प्रयागराज के श्रम विभाग में इन दिनों लूट व भ्रष्टाचार चरम पर है। यहां एक चपरासी शक्तिमान और गंगाधर सरीखी दोहरी भूमिकाएं निभाकर लोगों को पंजीयन के नाम पर धमकाकर खुद ही छद्मवेश में दलाली करने पहुंच जाता है।

प्रयागराज के श्रमविभाग में तैनात अशोक मिश्रा श्रमआयुक्त का चपरासी है। चपरासी अशोक मिश्रा ने तहसील सोरांव स्थित मौर्या ट्रेडर्स को फ़ोन करके खुद को अधिकारी बताकर सापैक्ट के अंतर्गत पंजीयन के नाम पर धमका रहा है। मजे की बात यह है कि फोन करके खुद को अधिकारी बताने वाला चपरासी ही यहां का मशहूर दलाल पंडितजी है।

इस मामले में जनज्वार को मिली फ़ोन रिकॉर्डिंग में अधिकारी बनकर बात कर रहा व्यक्ति आनापुर निवासी चपरासी अशोक मिश्रा बताया जा रहा है। इसके बारे में जानकारी मिल रही है कि यही अशोक मिश्रा ही वह दलाल है, जिसे पंडितजी के नाम से जाना जाता है। मौर्या ट्रेडर्स के प्रोपराइटर का आरोप है कि दोहरी भूमिकाओं में चपरासी अशोक मिश्रा उर्फ पंडितजी को उपश्रमायुक्त राकेश द्विवेदी का आशीर्वाद मिला होना बताया जा रहा है, जिसकी सरपरस्ती में यह लूट मचाये हुए है।

जनज्वार के पास मौजूद रिकॉर्डिंग में मौर्या ट्रेडर्स के प्रोपराइटर से बात कर रहा तथाकथित अधिकारी प्रोपराइटर को धमकाते हुए उसके पंजीकरण की बाबत पड़ताल कर रहा है। वह कहता है कि किससे पंजीकरण कराया है। इधर से जवाब दिया जाता है कि 'एक पंडितजी के माध्यम से बात हुई थी, लेकिन वो रुपये अधिक बता रहे हैं।' जिसके बाद मौर्या ट्रेडर्स में काम कर रहे कर्मचारियों की संख्या और उनके वेतन की पूछताछ होती है।

जवाब में प्रोपराइटर कहता है कि 'उसके यहां कुल 9 कर्मचारी काम करते हैं..' महिलाएं कितनी हैं? के जवाब में बताया जाता है तीन। महिलाओं का वेतन पूछने पर जवाब दिया जाता है, 3 हजार। पुरुषों का वेतन पूछने पर जवाब होता है 5 से 6 हजार काम के मुताबिक। इसके बाद तथाकथित अधिकारी पीएम द्वारा बनायी गयी नियमावली के मुताबिक वेतन ना दिए जाने पर प्रोपराइटर को धमकाता है।

अधिकारी बनकर प्रोपराइटर से बात कर रहे व्यक्ति की पहचान श्रमविभाग में तैनात चपरासी अशोक मिश्रा बतायी जा रही है, जो प्रोपराइटर को अधिकारी बनकर धमकाते हुए कहा रहा है कि पंडितजी से जाकर मिल लो और वो जो भी पैसा बताएं उस मुताबिक अपना पंजीयन करवा लो, अन्यथा दिक्कत हो जाएगी। आगे कहा जाता है कि 'कल को मुकदमा भी हो सकता है' इसलिए कह रहा हूँ पंडित से मिलकर पंजीकरण करवा लो।

इस फ़ोन कॉल की रिकॉर्डिंग करने के बाद तहसील सोरांव की मौर्या ट्रेडर्स के प्रोपराइटर ने श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या को ऑडियो क्लिप भेजकर अपनी लिखित शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत दर्ज कराने के बाद उसने मामले में मदद के लिए जनज्वार से संपर्क साधा। प्रोपराइटर ने जनज्वार को भेजी ऑडियो क्लिप मुहैया कराने के साथ ही अपनी आपबीती भी बताई। उसने कहा कि 'जब श्रमविभाग में पंजीकरण की डायरेक्ट फीस बेहद कम है तो वह किसी दलाल को क्यों पकड़े?'

इस मामले में जब जनज्वार ने श्रमविभाग से किसी संस्था के पंजीकरण में ली जाने वाली फीस के बारे में पता किया तो बताया गया कि न्यूनतम 2 से ढाई हजार रुपये लगता है। यही फीस किसी दलाल के माध्यम से जमा करने पर बहुत अधिक हो जाती है। फायदा यह है कि पंजीकरण कराने वाली संस्था को घर बैठे पंजीकरण की सुविधा मिल जाती है। इसी पंजीकरण के नाम पर शक्तिमान और गंगाधर सरीखा अशोक मिश्रा उर्फ पंडितजी प्रोपराइटर से 15 हजार की डिमांड कर रहा है। जो प्रोपराइटर ने देने से इनकार कर दिया, और धमकी खा रहा है।

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