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उत्तर प्रदेश

Pilibhit News : रोक के बावजूद चुनाव परिणाम घोषित करने पर यूपी के नियुक्ति सचिव सहित चार आईएएस हाईकोर्ट में तलब

Janjwar Desk
3 Dec 2022 9:33 AM IST
Pilibhit News : रोक के बावजूद चुनाव परिणाम घोषित करने पर यूपी के नियुक्ति सचिव सहित चार आईएएस हाईकोर्ट में तलब
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Pilibhit News : यूपी मेडिकल एंड पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन (UP Medical and Public Health Ministerial Association) की पूरे उत्तर प्रदेश में जिला शाखाओं का चुनाव कराकर शासन संकट में है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) से रोक (Stay) के बावजूद उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के 14 जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (Chief Medical Officers) ने एसोसिएशन की जिला शाखा के चुनाव का परिणाम (Election Result) घोषित (Declared) कर दिया, जिस पर उच्च न्यायालय ने गंभीर टिप्पणी के साथ अवमानना के मामले की सुनवाई करते हुए अपर मुख्य सचिव (नियुक्ति एवं कार्मिक), अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य), निदेशक (प्रशासन) चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, संयुक्त सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) को तलब किया है। साथ ही 14 जनपदों के सीएमओ पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। अवमानना के मामले की सुनवाई 12 दिसंबर को होगी।

पीलीभीत से निर्मल कांत शुक्ल की रिपोर्ट

Pilibhit News : यूपी मेडिकल एंड पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन (UP Medical and Public Health Ministerial Association) की पूरे उत्तर प्रदेश में जिला शाखाओं का चुनाव कराकर शासन संकट में है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) से रोक (Stay) के बावजूद उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के 14 जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (Chief Medical Officers) ने एसोसिएशन की जिला शाखा के चुनाव का परिणाम (Election Result) घोषित (Declared) कर दिया, जिस पर उच्च न्यायालय ने गंभीर टिप्पणी के साथ अवमानना के मामले की सुनवाई करते हुए अपर मुख्य सचिव (नियुक्ति एवं कार्मिक), अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य), निदेशक (प्रशासन) चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, संयुक्त सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) को तलब किया है। साथ ही 14 जनपदों के सीएमओ पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। अवमानना के मामले की सुनवाई 12 दिसंबर को होगी।

यूपी मेडिकल एंड पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन के दो गुट बताकर मान्यता समाप्त किए जाने की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के निदेशक (प्रशासन) राजा गणपति आर ने सिफारिश की थी, जिस पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव ने निदेशक से एक पर्यवेक्षक नियुक्त कर नियमानुसार चुनाव कराने को कहा। संयुक्त सचिव के पत्र के क्रम में निदेशक (प्रशासन) ने 10 व 11 दिसंबर को एसोसिएशन का प्रांतीय चुनाव घोषित कर दिया। निदेशक प्रशासन ने पूरे प्रदेश के 75 जिलों में जिला शाखाओं का चुनाव 26 व 27 नवंबर को कराया जाना तय कर दिया, निदेशक प्रशासन की द्वारा घोषित किए गए चुनाव की प्रक्रिया को असंवैधानिक करार देते हुए एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री कुंवर हीरेश सरन सक्सेना ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर चुनौती दी।

न्यायालय का मूल आदेश

प्रदेश महामंत्री कुंवर हीरेश सरन सक्सेना की याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 25 नवंबर को प्रतिपक्षियों को यह आदेश दिया कि भले ही चुनाव हो सकता है लेकिन परिणाम लिस्टिंग की अगली तारीख तक घोषित नहीं किया जाएगा। याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 12 दिसंबर की तिथि नियत की गई।

रोक के बावजूद घोषित हो गए परिणाम

इलाहाबाद उच्च न्यायालय से रोक लगाए जाने के बावजूद 26 नवंबर को यूपी मेडिकल एंड पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन की जिला शाखाओं के परिणाम तब तक घोषित हो गए, जब तक निदेशक (प्रशासन) राजा गणपति आर ई-मेल प्रदेशभर के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के पास पहुंची। निदेशक की ईमेल उस दिन अपराहन 3:32 बजे पहुंची।

प्रदेश महामंत्री ने किया अवमानना वाद

एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री कुंवर हीरेश सरन सक्सेना ने 27 नवंबर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अवमानना का वाद दायर किया, जिस पर 28 नवंबर को सुनवाई हुई। अवमानना वाद में कहा गया कि उच्च न्यायालय के 25 नवंबर के आदेश का अनुपालन नहीं हुआ। रोक के बावजूद उत्तर प्रदेश के 14 जनपदों में एसोसिएशन की जिला शाखा के संपन्न चुनाव का परिणाम सीएमओ ने घोषित कर दिया गया। बाकायदा प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई। परिणाम समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ। जबकि प्रतिपक्षियों को आदेश के अनुपालन के लिए 25 नवंबर को ही आदेश की प्रतियां सर्कुलेट कर दी गई थी। जानबूझकर निदेशक प्रशासन ने अगले दिन ईमेल पर आदेश अति विलंब से दोपहर बाद भेजा।

कोर्ट की गरिमा कम हुई : हाईकोर्ट

अवमानना वाद पर 28 नवंबर को सुनवाई करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 25 नवंबर को पारित आदेश का अनुपालन ना किए जाने पर गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि हलफनामे में किए गए कथन सही हैं, तो न्यायालय की गरिमा कम हो गई है। न्यायालय ने कहा कि 30 नवंबर को अपराहन 2 बजे प्रकरण को अभिलेख सहित प्रस्तुत करें।

बचाव में सभी सीएमओ से लिए प्रमाण पत्र

निदेशक (प्रशासन) राजा गणपति आर सभी 75 जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से यह प्रमाण पत्र ले लिया कि एसोसिएशन जिला शाखा के चुनाव का कोई परिणाम घोषित नहीं किया गया है। परिणाम सीलबंद लिफाफे में निदेशक को प्रेषित किए गए हैं।

झूठे हैं सीएमओ के प्रमाणपत्र : हीरेश

एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री कुंवर हीरेश सरन सक्सेना ने कहा कि 14 जनपदों में न्यायालय की रोक के बावजूद परिणाम घोषित किए गए। इन जनपदों के सीएमओ के प्रमाण पत्र इसलिए झूठे साबित हो जाते हैं कि इन लोगों ने बाकायदा चुनाव परिणाम की प्रेस विज्ञप्ति जारी की है, जिसका समाचार पत्रों में प्रकाशन हुआ है जोकि अदालत की पत्रावली में दाखिल किए गए हैं।

इनको अवमानना का नोटिस

प्रदेश महामंत्री कुंवर हीरेश सरन सक्सेना ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दायर अवमानना वाद में अपर मुख्य सचिव (नियुक्ति एवं कार्मिक ) देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) पार्थसारथी सेन शर्मा, निदेशक (प्रशासन) चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राजा गणपति आर, संयुक्त सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) रमेश चंद्र शुक्ला को पक्षकार बनाया है। जिनको उच्च न्यायालय में अवमानना का नोटिस जारी कर 12 दिसंबर को तलब किया है।

इन जनपदों के सीएमओ फंसे

न्यायालय की रोक के बावजूद उत्तर प्रदेश के जिन जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों ने एसोसिएशन की जिला शाखा के परिणाम घोषित किए हैं, उनमें मेरठ, गाजियाबाद, फतेहपुर, हमीरपुर, बलरामपुर, कानपुर देहात, आजमगढ़, महोबा, सोनभद्र, सिद्धार्थनगर, जालौन, अंबेडकर नगर, शाहजहांपुर, शामली जनपद है।

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