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Pilibhit News : वृन्दावन ब्रांड सूजी रस्क Mis Branded, कोर्ट ने ठोंका 3 लाख रुपये जुर्माना
Pilibhit News : वृन्दावन ब्रांड सूजी रस्क Mis Branded, कोर्ट ने ठोंका तीन लाख जुर्माना
पीलीभीत से निर्मल कांत शुक्ल की रिपोर्ट
Pilibhit News : अगर आप सुबह के नाश्ते के लिए वृंदावन ब्रांड (Vrindavan Brand) का सूजी रस्क (Suzi Rusk) खरीदने जा रहे हैं तो ठहर जाइए। इस सूजी रस्क का नमूना खाद्य विश्लेषक की जांच में फेल हो चुका है। विश्लेषक ने इस प्रोडक्ट को मिस ब्रांडेड करार दिया है। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के जनपद पीलीभीत (Pilibhit) में अपर जिला अधिकारी (ADM) (वित्त एवं राजस्व) के न्यायालय (Court) ने निर्माता (Manufacturer) और विक्रेता (Seller) दोनों पर तीन लाख रुपये (Three Lakh Rupees) का जुर्माना (Fine) ठोंका है।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने अपर जिला अधिकारी न्यायालय में प्रस्तुत वाद में कहा कि अपनी आख्या में कहा है कि 18 दिसंबर 2019 को मंडी गेट के सामने स्थित प्रतिष्ठान मैसर्स सचिन ट्रेडर्स का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय मौके पर कारोबारकर्ता द्वारा खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत अद्ययतन खाद्य पंजीकरण प्रस्तुत किया गया। निरीक्षण के दौरान प्रतिष्ठान पर 50 पैकेट सूजी रस्क (वृन्दावन ब्राण्ड), नमक, खाद्य तेल आदि खाद्य पदार्थ मानव उपभोग एवं सार्वजनिक बिक्री हेतु भण्डारित पाये गये।
प्रतिष्ठान पर भण्डारित सूजी रस्क (वृन्दावन ब्राण्ड) में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के मानकों का उल्लंघन का संदेह होने पर 4 पैकेट सूजी रस्क (वृन्दावन ब्राण्ड) वास्ते नमूना जांच हेतु खरीदे गये तथा कीमत रसीद तैयार कर उस पर विक्रेता की प्राप्ति के हस्ताक्षर कराये गये। खरीदे गये सूजी रस्क (वृन्दावन ब्राण्ड) के सभी भागों पर लेवल लगाकर सील मोहर किया गया। नमूने के एक भाग को फार्म-6 की एक प्रति के साथ खाद्य विश्लेषक लखनऊ को जांच हेतु भेजा गया । खाद्य विश्लेषक लखनऊ में जांच रिपोर्ट में कहा कि निर्माता ने विशिष्ट खाद्य तेल, बैच संख्या और पैकिंग तिथि के नाम की घोषणा नहीं की है, जो विनियमन संख्या का उल्लंघन है। नमूना गलत ब्रांडेड यानि मिसब्रांडेड है।
न्यायालय में कारोबारी का कथन
नोटिस की तामीला के उपरान्त प्रतिपक्षीगण न्यायालय में हाजिर हुए और प्रतिपक्षीगण की ओर से इस आशय की आपत्ति प्रस्तुत की गयी कि परिवादी में न्यायालय में बगैर तिथि का परिवाद प्रस्तुत किया है। उसी परिवाद के आधार पर आपत्तिकर्ता को नोटिस जारी किया गया है। यह परिवाद एफ0एस0एस0 एक्ट में वर्णित नियम एवम् कानूनों एवम समयावधि के उपरान्त प्रस्तुत किया गया है। इसक कारण विधिक दृष्टि से त्रुटिपूर्ण है, परिवाद निरस्त होने योग्य है। कथित सूजी रस्क विक्रय करते समय कोई भी ग्राहक आदि मौके पर नहीं दर्शाया गया है। मौके पर आपत्तिकर्ता सचिन के कुछ छपे हुये कोरे प्रोफार्मा पर हस्ताक्षर करा लिये गये। आपत्तिकर्ता को कोई धनराशि नहीं दी गई।
प्रपत्र 5-क की कोई प्रति आपत्तिकर्ता को नहीं दी गई। खाद्य विश्लेषक की जांच रिपोर्ट 18 जनवरी 2020 की है। इस मामले मे भी खाद्य सुरक्षा एवम मानवीकरण अधिनियम की धारा-42 की उपधारा 2 के तहत प्रक्रिया 14 दिनों के अन्दर होनी चाहिए थी। इसी धारा की उपधारा 3 के अनुसार भी 14 दिन के अन्दर अगली विधिक प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए, जिसका पालन नहीं हुआ है। खाद्य विश्लेषक की रिपोर्ट के अनुसार भी कथित नमूना पर बैच नं0 और पैकिग डेट अंकित होना पाया गया है और इडेबिल आयल का उल्लेख न होना कहा गया है। जांच आख्या में कही भी यह अंकित नहीं है कि मानव स्वास्थ के लिए हानिकारक है। पैकेट पर छपाई भी त्रुटि को एफ0एस0एस0 एक्ट के तहत अपराध नहीं कहा जा सकता है।
न्यायालय का फैसला
पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि विक्रेता सचिन अग्रवाल पुत्र सुनील कुमार अग्रवाल, निवासी मो0 मधुवन कालोनी निकट छतरी चौराहा पीलीभीत, थाना सुनगढी, जिला पीलीभीत (मै0 सचिन ट्रेडर्स, शाप नं0 52, नवीन मण्डी गेट, पीलीभीत) और निर्माता विपिन मनोहर अग्रवाल पुत्र मुरली मनोहर अग्रवाल, निवासी निकट गीता मन्दिर, पूरनमल, पीलीभीत (मै0 श्री राधे फूड प्रोडक्ट्स-ग्राम रूपपुर कृपा पीलीभीत) द्वारा स्थान मण्डी गेट, पीलीभीत स्थित प्रतिष्ठान मै0 सचिन ट्रेडर्स का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय प्रतिष्ठान पर नमक, खाद्य तेल आदि खाद्य पदार्थों के साथ ही साथ सूजी रस्क (वृन्दावन ब्राण्ड) का विक्रय किया जा रहा था। सूजी रस्क (वृन्दावन ब्राण्ड) में मिलावट का संदेह होने पर नियमानुसार खाद्य विश्लेषक, लखनऊ को नमूना भेजा गया। जांच रिपोर्ट के अनुसार विक्रय किये जाने वाला सूजी रस्क (वृन्दावन ब्राण्ड) मिस ब्रांडेड पाया। इस प्रकार खाद्य कारोबारकर्ता द्वारा खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा-26(2)(ii) का उल्लंघन किया गया। इसी अधिनियम की धारा 52 के अंतर्गत जुर्माने से दण्डित किये जाने योग्य है।
न्यायालय ने यह दिया दंड
अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) न्यायालय के पीठासीन अधिकारी राम सिंह गौतम ने खुले न्यायालय में सुनाए गए फैसले में कहा कि विक्रेता सचिन अग्रवाल पुत्र सुनील कुमार अग्रवाल, निवासी मो0 मधुवन कालोनी निकट छतरी चौराहा पीलीभीत, थाना सुनगढी, जिला पीलीभीत (मै0 सचिन ट्रेडर्स, शाप नं0 52, नवीन मण्डी गेट, पीलीभीत) और निर्माता विपिन मनोहर अग्रवाल पुत्र मुरली मनोहर अग्रवाल, निवासी निकट गीता मन्दिर, पूरनमल, पीलीभीत (मै0 श्री राधे फूड प्रोडक्ट्स-ग्राम रूपपुर कृपा पीलीभीत) पर खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 का उल्लंघन किये जाने के कारण तीन लाख रुपये अर्थदण्ड आरोपित किया जाता है। प्रतिपक्षी को निर्देशित किया जाता है कि वह आरोपित धनराशि एक माह के अंतर्गत राजकोष में जमा करें। आरोपित धनराशि जमा न किये जाने के कारण तहसीलदार पीलीभीत से भू-राजस्व की भांति वसूली करायी जाये।