Prayagraj News: 11 साल से गुरुजी की राह तक रहे बच्चे, RTE मानक के विपरीत प्रदेश के स्कूलों में अध्यापकों का भारी टोटा
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Prayagraj News: यूपी के प्रयागराज नगर क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों में निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) 2009 के कायदे कानून फेल साबित हो चुके हैं। शिक्षकों की भारी कमी के चलते पठन-पाठन खासा प्रभावित हो रहा है। हालत ये है कि दो दर्जन स्कूलों में मात्र एक शिक्षक है, तो वहीं तीन स्कूल ऐसे हैं जहां एक भी अध्यापक नहीं है। जबकि दूसरे स्कूलों के अध्यापक संबद्ध करके पढ़ाई कराई जा रही है।
आरटीई (RTE) के अनुसार कक्षा एक से पांच तक में 30 बच्चों पर एक और क्लास 6 से आठ तक के 35 बच्चों पर एक शिक्षक होना अनिवार्य है। लेकिन नगर क्षेत्र के स्कूलों में साल 2011 के बाद से शिक्षकों की तैनाती ना होने के कारण लगभग एक चौथाई पद खाली हैं। एक ही शिक्षक अंग्रेजी, गणित, सामाजिक विज्ञान समेत सभी पढ़ाने से लेकर मिड-डे-मील बनवाने, DBT के जरिए सभी अभिभावकों के खातों में रूपये ट्रांसफर करवाने और हाउस होल्ड सर्वे तक की जिम्मेदारी उठा रहे हैं।
प्रदेश भर के स्कूलों की दयनीय है हालत
नगर क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी अकेले प्रयागराज में ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में एक से पांच तक के स्कूलों में 77 प्रतिशत तथा 6 से आठ तक के स्कूलों में 40 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं। प्रदेश में नगर क्षेत्र के 3906 स्कूलों में RTE मानक के अनुसार 14939 शिक्षक होने चाहिए। जबकि वर्तमान में 3390 शिक्षक कार्यरत हैं और 11549 शिक्षकों की रिक्वायरमेंट है।
आवश्यकता के सापेक्ष शिक्षकों के 77 प्रतिशत पद खाली हैं। इसी तरह 1198 उच्च प्राथमिक स्कूलों में 4430 शिक्षकों के सापेक्ष 2630 शिक्षक कार्यरत हैं जबकि 1800 यानी 40 प्रतिशत शिक्षकों की और आवश्यकता है।
इन आंकड़ों से समझिये कमी
उच्च प्राथमिक विद्यालय कांशीराम आवास योजना में कक्षा एक से आठ तक के 177 बच्चों को पढ़ाने के लिए मात्र एक शिक्षक है। उच्च प्राथमिक विद्यालय राजापुर में एक से आठ तक के 151, जबकि प्राथमिक विद्यालय गयासुद्दीनपुर में पांचवीं तक के 106 बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा भी एक-एक शिक्षक उठा रहे हैं।
वहीं, नगर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय बक्शी बाजार, कटघर और पुराना लूकरगंज में एक भी शिक्षक नहीं है और दूसरे स्कूलों के शिक्षकों को संबद्ध करके किसी प्रकार से पढ़ाई करवाई जा रही है। तीनो स्कूलों में 12, 27 और 45 बच्चे रजिस्टर्ड हैं।