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नोटिस पर बोलीं प्रियंका गांधी, मैं इंदिरा गांधी को पोती हूं, BJP की अघोषित प्रवक्ता नहीं

जनज्वार। कानपुर स्थित बालिका संरक्षण गृह से जुड़े मामले पर 'भ्रामक' टिप्पण करने के आरोप में गुरुवार को उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को एक नोटिस भेजा है। प्रियंका गांधी ने शुक्रवार सुबह इस नोटिस का ट्वीट करते हुए जवाब दिया है। प्रियंका गांधी ने कहा, 'मैं इंदिरा गांधी की पोती हूँ, कुछ विपक्ष के नेताओं की तरह भाजपा की अघोषित प्रवक्ता नहीं।' दरअसल, नोटिस भेजकर आयोग ने प्रियंका गांधी से तीन दिन के अंदर जवाब मांगा है। साथ ही कहा गया है कि अगर प्रियंका अपनी पोस्ट का खंडन नहीं करती हैं तो सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
जनता के एक सेवक के रूप में मेरा कर्तव्य यूपी की जनता के प्रति है, और वह कर्तव्य सच्चाई को उनके सामने रखने का है। किसी सरकारी प्रॉपगैंडा को आगे रखना नहीं है। यूपी सरकार अपने अन्य विभागों द्वारा मुझे फिज़ूल की धमकियाँ देकर अपना समय व्यर्थ कर रही है।..1/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 26, 2020
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के नोटिस का जवाब दिया है। प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'जनता के एक सेवक के रूप में मेरा कर्तव्य यूपी की जनता के प्रति है, और वह कर्तव्य सच्चाई को उनके सामने रखने का है। किसी सरकारी प्रॉपगैंडा को आगे रखना नहीं है। यूपी सरकार अपने अन्य विभागों द्वारा मुझे फिज़ूल की धमकियां देकर अपना समय व्यर्थ कर रही है। जो भी कार्यवाही करना चाहते हैं, बेशक करें। मैं सच्चाई सामने रखती रहूंगी। मैं इंदिरा गांधी की पोती हूं, कुछ विपक्ष के नेताओं की तरह भाजपा की अघोषित प्रवक्ता नहीं।
.. जो भी कार्यवाही करना चाहते हैं, बेशक करें। मैं सच्चाई सामने रखती रहूँगी। मैं इंदिरा गांधी की पोती हूँ, कुछ विपक्ष के नेताओं की तरह भाजपा की अघोषित प्रवक्ता नहीं।..2/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 26, 2020
आपको बता दें कि कानपुर स्थित बालिका संरक्षण गृह में 57 बालिया कोरोना संक्रमित और 7 युवतियों के गर्भवती पाए जाने की खबर सामने आई थी। बालिका संरक्षण गृह की बच्चियों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने और गर्भवती पाए जाने के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने यूपी के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था। इसके अलावा इस मामले में राज्य महिला आयोग ने भी कानपुर डीएम से रिपोर्ट मांगी थी।
इस मामले में विपक्ष ने प्रदेश सरकार को घेरने की कोशिश की। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस मामले में ट्वीट किया था, 'कानपुर के सरकारी बाल संरक्षण गृह में 57 बच्चियों को कोरोना की जांच होने के बाद एक तथ्य आया कि 2 बच्चियां गर्भवती निकलीं और एक को एड्स पॉजिटिव निकला। मुजफ्फरपुर (बिहार) के बालिका गृह का पूरा किस्सा देश के सामने है। यूपी में भी देवरिया से ऐसा मामला सामने आ चुका है। ऐसे में पुनः इस तरह की घटना सामने आना दिखाता है कि जांचों के नाम पर सब कुछ दबा दिया जाता है लेकिन सरकारी बाल संरक्षण गृहों में बहुत ही अमानवीय घटनाएं घट रही हैं।'
उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्रियंका के इस पोस्ट पर स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे भ्रामक और तथ्यहीन बताया था और इसे बालिकाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला करार दिया था। 'एनबीटी' की खबर के मुताबिक, आयोग के अध्यक्ष विशेष गुप्ता ने प्रियंका को भेजे नोटिस में तीन दिन के अंदर जवाब मांगा है। नोटिस में कहा गया कि अगर प्रियंका अपनी पोस्ट का खंडन नहीं करती हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।