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Muradabad News: रामराज्य में धरने पर बैठने को मजबूर हुए राम, लक्ष्मण और सीता!
(फोटो:- अमृत विचार समाचार पत्र के सौजन्य से)
Muradabad News: उत्तर-प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की भाजपा सरकार के शासन को महिमाण्डन करने के लिए उसे अक्सर "रामराज्य" की उपाधि से विशुभित किया जाता है। लेकिन आपको अगर यह पता चले कि इस कथित रामराज्य के शासनकाल में नौकरशाही से त्रस्त होकर खुद भगवान राम को सीता मैय्या व भाई लक्ष्मण के साथ धरना देने को मजबूर होना पड़ा, तो कैसा लगेगा ? जी हाँ ! ऐसा हुआ है। योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में हुआ यह कारनामा मुरादाबाद शहर का है।
जानकारी के मुताबिक मुरादाबाद शहर के दौलतबाग इलाके के दसवां घाट क्षेत्र में प्रतिवर्ष रामलीला का मंचन किया जाता है। इस रामलीला मंचन के लिए आयोजन समिति की ओर अस्थाई विद्युत कनेक्शन लिया जाता रहा है। लेकिन इस बार विभाग ने रामलीला के लिए आयोजन समिति को बिजली का कनेक्शन नहीं दिया। कनेक्शन के इंतज़ार में आयोजन समिति ने तीन तक तो रामलीला का मंचन जेनरेटर की रोशनी में कर लिया। लेकिन चौथे दिन आयोजन समिति के सब्र का बांध टूट गया। आयोजन समिति प्रशासन के रवैये के खिलाफ रामलीला छोड़कर धरने पर जा बैठी। इसी के साथ रामलीला में भगवान राम का अभिनय करने वाले अनु, सीता का अभिनय करने वाली सपना व लक्ष्मण का अभिनय करने वाले नीतीश भी रामलीला मेकअप में धरने पर जा बैठे।
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— Janjwar Media (@janjwar_com) October 11, 2021
योगी के रामराज में खुद श्रीराम बैठे धरने पर pic.twitter.com/cGws90Nhia
आयोजन समिति के यथार्थ किशोर का कहना है कि इस रामलीला के लिए हमे 2019 तक अस्थायी कनेक्शन मिलता रहा है। बीते साल कोरोना के कारण रामलीला का मंचन नहीं हुआ। इस साल हमने जिलाधिकारी के यहां बिजली के अस्थायी कनेक्शन के लिए आवेदन किया था। बिजली कनेक्शन की प्रतीक्षा में हमने शुरू के तीन दिन तक जैसे-तैसे जेनरेटर का जुगाड़ कर रामलीला का मंचन किया। लेकिन 8 अक्टूबर को नगर निगम द्वारा हमारा आवेदन निरस्त कर दिया गया। जिसके चलते हमें खर-दूषण, सूर्पनखा का मंचन छोड़कर यह कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा है।
इस बाबत विद्युत विभाग के दौलतबाग एसडीओ ने बताया कि उन्हें कनेक्शन के लिए कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। आवेदन मिलता तो नियमानुसार कार्यवाही की जाती। जबकि रामलीला समिति के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र यादव का कहना है कि वह लोग कनेक्शन के लिए बिजलीघर गए थे। वहां कर्मचारियों का कहना था कि इसके लिए बिजली का मीटर लगवाना पड़ेगा। जबकि नगर निगम इसके लिए आपत्ति कर रहा है। बिजली के अभाव में उन्हें रामलीला जेनरेटर के सहारे करनी पड़ रही है।