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Saharanpur Violence : थाने में मुस्लिम युवकों की भयंकर पिटाई, वीडियो वायरल होने के बाद भी योगी शासन बना हुआ है 'घाघ'
Saharanpur Violence : थाने में मुस्लिम युवकों की भयंकर पिटाई, वीडियो वायरल होने के बाद भी योगी शासन बना हुआ है 'घाघ'
Saharanpur Violence : आज से ठीक एक सप्ताह पहले जुमे की नमाज के बाद सहारपुर हिंसा ( Saharanpur Violence ) मामले में वहां की पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है। उसके बाद से सहारनपुर के थाने में मुस्लिम युवकों की बेदर्दी से पिटाई का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल ( Video Viral ) हो रहा है। यह वीडियो लॉकअप के अंदर मुस्लिम युवकों की पिटाई से संबंधित है लेकिन पुलिस प्रशासन पहले तो इस बात को स्वीकार करने से मुकरती रही, पर मामला तूल पकड़ने के बाद पुलिस ( UP POlice ) ने मान लिया है कि यह वीडियो सहारनपुर के मुस्लिम युवकों की भयंकर पिटाई का ही है।
परिजनों ने पीड़ित मेहराज को बताया बेकसूर
वायरल वीडियो में पुलिसिया पिटाई से सहारनपुर के पीड़ित मेहराज के परिजनों ने उसे बेकसूर बताया है। मेहराज के परिजनों का आरोप है कि उसको पुलिस ने बिना किसी अपराध के गिरफ्तार कर जेल भेजा है। एक न्यूज चैनल से बातचीत में मेहराज के परिजनों ने बताया कि सहारनपुर में 10 जून को जुमे की नमाजज के बाद मस्जिद से लेकर घंटाघर तक प्रदर्शन व नारेबाजी की गई थी। उसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मुकदमा लिखकर गिरफ्तारियां शुरू की थी। परिजनों के मुताबिक मेहराज ने दोपहर की नमाज अपने घर के पास की ही मस्जिद में पढ़ी थी और वह शाम तक घर पर ही था, जिसका CCTV फ़ुटेज भी उनके पास है। वह तो अपने एक दोस्त के साथ कोतवाली में उसके परिचित को छुड़वाने के लिए गया था, उसे यह भी नहीं मालूम था कि क्या मामला है। मेहराज के परिजनों के मुताबिक पुलिस ( Saharan Police ) ने उसे भी पकड़ कर अंदर कर दिया। पुलिस द्वारा पिटाई के वीडियो में मेहराज की पहचान उसकी बहन व बहनोई ने लाल- महरून कलर की टीशर्ट व लोअर में बताई है।
SSP की पहले न, फिर हां, के बाद दिये जांच के आदेश
इस मसले पर प्रकाश डालते हुए आनंद स्वरूप वर्मा ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि एनडीटीवी के खोजी पत्रकार सौरभ शुक्ला द्वारा वीडियो से पर्दा हटाने की जितनी तारीफ की जाए वो कम है। उन्होंने लिखा है कि मुस्लिम युवकों की थाने में पिटाई को लेकर जिले के आईपीएस अधिकारी लगातार झूठ बोल रहे थे। पुलिस अधिकारी वीडियो में दिखाए गए सच पर लगातार पर्दा डाल रहे थे। खास बात यह है कि भाजपा विधायक शलभ मणि जो पहले खुद पत्रकार रह चुके हैं, ने पिटाई का वीडियो जारी कर उसे रिटर्न गिफ्ट बताया था। न्यूज चैनल की ओर से खुलासे के बाद एसएसपी आकाश तोमर ( SSP Akash Tomar ) यह स्वीकार करने के लिए मजबूर हुए कि यह बर्बरता उनके ही जिले में हुई है। वह इसकी जांच के आदेश दे रहे हैं।
Akhilesh ने भी पुलिस के इकबाल पर उठाया था सवाल
यूपी के पूर्व सीएम और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ( Akhilesh Yadav ) ने 11 जून को वीडियो ट्विटकर पुलिस के इकबाल पर सवाल उठाया था। उन्होंने अपने ट्विट में लिखा था उठने चाहिए ऐसी हवालात पर सवालात, नहीं तो इंसाफ़ खो देगा अपना इकबाल। यूपी हिरासत में मौतों के मामले में ही नहीं, यूपी मानवाधिकार हनन में भी अव्वल, यूपी दलित उत्पीड़न में सबसे आगे। इन सब घटनाक्रमों से साफ है कि मुस्लिम युवकों की पिटाई वाला वायरल वीडियो सहारनपुर के सिटी कोतवाली का हो सकता है लेकिन जिले के आला पुलिस अधिकारी इस वीडियो को सहारनपुर का होने से साफ इनकार कर रहे हैं।
NHRC ने दर्ज की शिकायत
अब इस मामले को सोशल एक्टिविस्ट और मानवाधिकार कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सामने उठाया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ( NHRC ) ने सहारनपुर के थाने के अंदर अत्यंत निर्मम एवं बर्बरतापूर्ण पिटाई के संबंध में अमिताभ ठाकुर तथा डॉ नूतन ठाकुर द्वारा भेजी गई शिकायत पर केस संख्या 15063/24/64/2022 दर्ज कर लिया है, जिस पर आयोग द्वारा अब आगे कार्यवाही की जाएगी।
दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ हो कठोर कार्रवाई : Nutan Thakur
नूतन और अमिताभ ने अपनी शिकायत में उन्होंने कहा था कि डॉ शलभ मणि त्रिपाठी, विधायक, देवरिया सदर के ट्विटर अकाउंट पर एक विडियो पोस्ट किया गया था, जिसमे कुछ पुलिसवाले कुछ लोगों को पुलिस हिरासत में लगातार बेहद बेदर्दी एवं बर्बरता के साथ पीट रहे हैं, जो सीधे-सीधे मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है। अमिताभ और नूतन ने ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कठोरतम कार्यवाही की मांग की है।
न्यूज चैनल के खुलासे से मामले में आया नया मोड़
घटना के बाद एक निजी न्यूज चैनल की रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि यह विडियो सहारनपुर का है। रिपोर्ट में पिटने वालों के नाम मोहम्मद अली निवासी पीर गली, सहारनपुर, मोहम्मद सैफ (सफेद कुर्ता पजामा), मोहम्मद तारिक (काली शर्ट), राहत अली (हरी जैकेट), इमरान आदि बताया गया है। यह भी बताया गया है कि इन लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है। शुरुआती दौर में एसएसपी सहारनपुर आकाश तोमर तथा एसपी सिटी राजेश कुमार ने विडियो का सहारनपुर से कोई संबंध होने से इनकार किया है।
लोकेशन की पहचान करने में जुटी है पुलिस : SP City
सहारनपुर के एसपी सिटी राजेश कुमार ( SP City Rajesh Kumar ) का कहना है कि एक वीडियो संज्ञान में आया है, जिसमें पुलिसकर्मी कुछ युवकों की पिटाई कर रहे हैं। इस मामले को गंभीरता से लिया गया है। इसकी जांच जारी है। सहारनपुर पुलिस अभी में उस बिल्डिंग का पता नहीं लगा पाई है। न ही वीडियो के लोकेशन का पता चल सका है। बहुत जल्द हम लोकेशन तक पहुंच जाएंगे। अगर वीडियो को सही पाया गया तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में कोई पीड़ित भी अभी तक सामने नहीं आया है।