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कोरोना से मरी पत्नी की गांववालों ने नहीं जलने दी चिता, साइकिल पर शव लेकर अकेला निकला बुजुर्ग, पुलिस आई मदद को आगे
मनीष दुबे की रिपोर्ट
जनज्वार, जौनपुर। उत्तर प्रदेश के जौनपुर में इंसानियत को तार-तार कर देने वाला मामला सामने आया है। कोरोना महामारी के समय जब अपने भी पराए हो जा रहे हैं तब ऐसे समय जौनपुर पुलिस ने इंसानियत की मिसाल पेश की है। कोरोना से मृत पत्नी के अंतिम संस्कार में सहयोग के लिए गांव से चार कंधे नहीं मिले तो पति साइकिल पर ही शव रखकर नदी किनारे चल पड़ा। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने न सिर्फ कंधा दिया, बल्कि अंतिम संस्कार के लिए सामान और शव घाट तक पहुंचाने के लिए वाहन भी उपलब्ध कराया।
मामला मड़ियाहूं कोतवाली क्षेत्र के अम्बरपुर गांव का है। गांव निवासी तिलकधारी सिंह की 55 वर्षीय पत्नी राजकुमारी ने जिला अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। एंबुलेंस से शव लेकर तिलकधारी गांव पहुंचे। अंतिम संस्कार के लिए शव घाट तक ले जाने में पड़ोसियों का सहयोग मांगा, लेकिन कोरोना से मौत बताकर कोई भी आगे नहीं आया। और तो और गांव वालों ने तिलकधारी को पत्नी का शव तक गांव के अंदर नहीं जलाने दिया।
हालात के सामने लाचार तिलकधारी को और कोई उपाय नहीं दिखा तो पत्नी के शव को अपनी साइकिल पर रखकर अकेले ही अंतिम संस्कार करने की ठान ली। वह साइकिल पर शव लेकर गांव में नदी के किनारे पहुंचे। दाह संस्कार करने के लिए अभी चिता भी नहीं लगा पाए थे कि गांव के लोगों ने शव जलाने से मना कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मौके पर जाकर तिलकधारी सिंह की मदद की। शव के लिए लकड़ियां मंगवाई। उसे कंधा दिलाया और फिर वाहन की व्यवस्था कर शव को रामघाट तक भिजवाया गया। अंतिम संस्कार के लिए पैसे भी मुहैया कराया।
इस मामले में सीओ मड़ियाहूं संत कुमार ने जनज्वार को बताया कि घटना की सूचना पर पुलिस पहुंच गई थी। पुलिस ने तिलकधारी सिंह की पूरी मदद की। शव के लिए गाड़ी का इंतजाम भी कराया गया। इसके अलावा अंतिम क्रिया के लिए शव को जौनपुर के रामघाट पर भिजवाया गया। पुलिसकर्मियों का प्रयास सराहनीय है।