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उत्तर प्रदेश

'योगीराज': मिर्जापुर की अवैध गौशाला में 14 गायों की मौत, पर्दा डाल रहा प्रशासन

Janjwar Desk
1 Jan 2021 3:30 AM GMT
योगीराज: मिर्जापुर की अवैध गौशाला में 14 गायों की मौत, पर्दा डाल रहा प्रशासन
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लालगंज तहसील क्षेत्र अंतर्गत ग्राम मुंहलार मजरा नयागांव में भू-माफिया काशीनाथ ने वन विभाग की कई एकड़ जमीन पर निजी गौशाला के नाम पर अवैध कब्जा कर अपने कब्जे में कर रखी है और तकरीबन सैकड़ों गायों को उसी गौशाला में खुले आसमान के नीचे ठिठुरते ठंड में रोक रखा है......

संतोष देव गिरी की रिपोर्ट

जनज्वार ब्यूरो/मिर्जापुर। ठंड का असर बढ़ने के साथ ही योगी सरकार की गौ संरक्षण योजना की हकीकत सामने आने लगी है। ताजा मामला मिर्जापुर जनपद के लालगंज तहसील क्षेत्र के बरकक्ष गांव का बताया जा रहा है जहां सोमवार 28 दिसंबर 2020 को 14 गायों की मौत हो गई है, वही कई मौत के कगार पर खड़ी नजर आ रही हैं जिसकी जानकारी होने पर मौके पर पहुंचे एक दलित पत्रकारों कि भू-माफिया तथा अवैध ढंग से गौशाला का संचालन कर रहे दबंग काशीनाथ नामक पूर्व प्रधान द्वारा हमला भी बोल दिया गया, ताकि सच्चाई उजागर न होने पाये।

हैरान करने वाली बात यह है कि एक ओर अवैध गौशाला में 14 गायों की मौत पर मौके पर खबर कवरेज करने गए पत्रकारों पर भू- माफिया ने हमला बोल दिया था तो वहीं दूसरी ओर जनपद के नोडल अधिकारी एवं सचिव नगर विकास उत्तर प्रदेश शासन अनुराग यादव एक गौशाला का निरीक्षण भी कर रहे थे, जिन्हें इसकी भनक तक लगने नहीं दी गई।

गौरतलब है कि जिले के लालगंज तहसील क्षेत्र अंतर्गत ग्राम मुंहलार मजरा नयागांव (बरकक्ष) में भू-माफिया काशीनाथ (जो पूर्व में प्रधान भी रह चुका है) ने वन विभाग की कई एकड़ जमीन पर निजी गौशाला के नाम पर अवैध कब्जा कर अपने कब्जे में कर रखी है और तकरीबन सैकड़ों गायों को उसी गौशाला में खुले आसमान के नीचे ठिठुरते ठंड में रोक रखा है जिसके चलते उपरोक्त गौशाला में लगभग 14 गाय ठंड में दम तोड़कर दर्दनाक मौत के काल में समा गई।

इसकी जानकारी होने पर खबर बनाने के लिए लालगंज क्षेत्र निवासी एक चैनल के संवाददाता संतोष कुमार अपने दो साथियों रमेश कुमार आदि को लेकर जब मौके पर बरकक्ष उपरोक्त गौशाला पहुंचे तो वहां मरी हुई गायों को देख जैसे ही वीडियो, फोटो बनाना शुरू किये ही थे कि भू-माफिया काशीनाथ पूर्व प्रधान ने अपने समर्थकों के साथ उन पत्रकारों पर हमला कर दिया और आनन-फानन में मरी हुई गायों को उपरोक्त गौशाला से बाहर फिकवाना शुरू करा दिया, ताकि सच्चाई को ढ़ाका जा सके, किंतु तब तक गौशाला में भूख और प्यास तथा ठंड से मरी हुई गायों की फोटो कवर की जा चुकी थी।

दूसरी ओर जैसे ही इस बात की खबर फैली वैसे ही मौके पर उप जिलाधिकारी लालगंज जंग बहादुर यादव, पशु चिकित्साधिकारी पदुम लाल, कोतवाली प्रभारी सुभाष चंद्र राय आदि मौके पर पहुंच कर पूर्व प्रधान व भू-माफिया काशीराम को कड़ी फटकार तो लगाई जरूर, लेकिन उससे कही ज्यादा मामले को सलटाने में जुटे रहे हैं। मजे कि बात है कि मौके पर मरी हुई गायों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराना भी उचित नहीं समझा गया।

मुख्यमंत्री को अवगत कराने की कही बात

इस मामले में पीड़ित पत्रकारों ने जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि यदि तत्काल पूर्व प्रधान काशीराम के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कठोर कार्रवाई नहीं की गई और वन विभाग की जमीन को उपरोक्त भू-माफिया से मुक्त नहीं कराया गया तथा भूख और प्यास से तड़प रही गायों को फर्जी गौशाला से मुक्त नहीं कराया गया तो उपरोक्त प्रकरण को लेकर वह मुख्यमंत्री के दरबार में जाएंगे।

इस मामले में पत्रकारों ने कोतवाली लालगंज में प्रार्थना पत्र देकर उपरोक्त पूर्व प्रधान काशीराम के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने की मांग की है। जैसे तैसे पुलिस ने तहरीर तो लिख ली है, लेकिन कार्रवाई अभी तक शून्य हैं। दूसरी ओर जब इस सम्बन्ध में उप जिलाधिकारी लालगंज से जानकारी ली गई तो उन्होंने बड़े ही सधे अंदाज में मौके पर एक भी गाय के न मरने व न कोई गाय के होने की बात कह पल्ला झाड़ लिया। जो स्पष्ट करता है कि स्थानीय प्रशासन भी मामले को दबाना चाह रहा है। उप जिलाधिकारी लालगंज का कहना है कि गाये मरी नहीं हैं जबकि हकीकत है की वह वहां गये ही नहीं जहां गायें मरी पड़ी थी।

कहीं गौशाला के आड़ जमीन हथियाने की मंशा तो नहीं

बताया जा रहा है कि भू माफिया काशीनाथ ने वन विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा कर अवैध तरीके से निजी गौशाला खोला है। सूत्र बताते हैं कि गौशाला के नाम अनुदान पाने और वन विभाग की जमीनों पर कब्जा करने की मंशा है। इससे वन विभाग का खतरा नहीं होगा और वह वन विभाग की जमीन पर काबिज बना रहेगा। मजे कि बात है कि ठंड से ठिठुर कर मौत के काल में समाई लगभग एक दर्जन गायों की मौत के बाद भी जिला प्रशासन मौन साध रहा है। निजी गौशाला के नाम पर बेजुबानो को बिना चारा, पानी, छत की मुक्कमल व्यवस्था के बिना खुले आसमान के नीचे रख कर बेजुबान गौ को जो पीड़ा दिया जा रहा है क्या यह सरकार के मंशा के अनरूप कहा जा सकता है?

पूर्व प्रधान ने पत्रकारो पर किया अपशब्दों की बौछार, जातिसूचक शब्दों से भी किया अपमानित

लालगंज थाना क्षेत्र के दुबार कलां चौकी अंतर्गत बरकछ गांव निवासी पत्रकार संतोष कुमार ने थाने में तहरीर देकर गांव के पूर्व प्रधान पर मारपीट करने का आरोप लगाया। तहरीर में बताया है कि बरकछ के नयागांव में संचालित निजी गौशाला स्थल पर अव्यवस्था को उजागर करने के लिए वह खबर व वीडियो बना रहा था कि इसी बीच वहां के पूर्व प्रधान काशीनाथ पटेल ने जाति सूचक गाली देते हुए उसके साथ मारपीट भी किया। संतोष कुमार ने तहरीर में बताया है कि गांव में संचालित गोवंश आश्रय स्थल खुले आसमान में है, जहां पर संरक्षण के नाम पर रखी गई गाय बदइंतजामी का शिकार हो रही है। जिसके कारण कई गायों की मौत हो चुकी है तो कई मरणासन्न अवस्था में देखी गई है। इसी का वीडियो बनाने के लिए मौके पर गया हुआ था। वहां पर दबंग पूर्व प्रधान द्वारा अभद्रता करते हुए मारपीट की गई।

पहले भी हो चुकी है कई गायों की मौत

उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ की प्रमुख योजनाओं में सुमार गौ संरक्षण योजना को पलीता लग रहा है। गौ संरक्षण के नाम पर संचालित हो रहे गौ आश्रय स्थलों की हकीकत किसी से छुपी हुई नहीं है जहां सरकारी धन को गौ सेवा के नाम पर हजम कर नाम मात्र की सेवा को कागजो में चकाचक दिखाकर डकारा जा रहा है। जिससे संबंधितो की सेहत तो दिन प्रतिदिन सुधर रही है, लेकिन बेजुबान की दशा दिन प्रतिदिन जर्जर ही होती जा रही है। सरकारी गौशाला के मामले में जनपद की पूर्व में भी काफी भद्द हो चुकी है जो किसी से छुपी हुई नहीं है।

यह अलग बात है कि यहां की नाकामियों को संबंधित अधिकारी छुपा ले जाने में सफल रहे हैं, अलबत्ता एक निर्दोष सरकारी मुलाजिम अवश्य योगी सरकार के कोप का शिकार हो कर कारवाई की भेंट चढ़ चुका है। गौरतलब हो कि जुलाई 2019 में नगर पालिका के टांडाफाल स्थित गौशाला में तकरीबन 25 गायों की मौत हो गई थी। गायों की मौत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले के तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया था तथा जिलाधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इस घटना के बाद जहां पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया था तो वहीं तत्कालीन जिलाधिकारी रहे अनुराग पटेल और मीरजापुर नगर पालिका के चेयरमैन मनोज जायसवाल के बीच चल रही तनातनी भी हर जुबान पर रही है।

वन विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा, फिर भी खामोश नजर आया महकमा

खुले आसमान के नीचे किसके सह पर, किसके आदेश पर निजी गौशाला का संचालन हो रहा है? कोई बोलने को तैयार नहीं है। वन विभाग जो आदिवासी, वनवासी, दलित समाज के लोगों को जो पिछले कई सालों से जंगलों में किसी प्रकार अपना गुजर बसर कर रहे हैं उन्हें उजाड़ने में रूचि जरूर लेता है, लेकिन इस मामले में खामोश बना दिखलाई दे रहा है। मजे कि बात है वन विभाग की जमीन पर कब्जा कर अवैध ढ़ंग से निजी गौशाला संचालन पर वन विभाग के उच्चाधिकारियों ने भी कदम बढ़ाने की जहमत नहीं उठाई है।

और रातों रात हटा दी गई मरी गायें

14 गायों की मौत व ठंड के दिनों में खुले आसमान के नीचे गायों को रखे रहने के मामले पीड़ित पत्रकारों की सक्रियता देख हरकत में आये पूर्व प्रधान काशीनाथ ने मरी हुई गायों को ट्राली में लदवाकर रातों-रात समीप के चिचिंडा पहाड़ी पर फेंकवा दिया, ताकि मौके पर कुछ न बचा हो।

उपजिलाधिकारी से पत्रकारों का दल मिला

गुरूवार को लालगंज के पत्रकारो का प्रतिनिधि मंडल उपजिलाधिकारी लालगंज से मिल कर उन्हें पत्रक सौंप मरी हुई गायों को मामले में व पत्रकारों पर हमला करने वाले काशीनाथ व उनके बेटों पर कार्रवाई की मांग की है। कहा कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो वह चुप बैठने वाले नहीं हैं, पूरे मामले को लेकर मुख्यमंत्री के दरबार में जायेगें क्योंकि यह मामला मुख्यमंत्री के मुख्य योजनाओं में भी शामिल है।

क्या कहते हैं एडीएम

निजी गौशाला में गायों की मौत पर मीरजापुर के एडीएम यूपी सिंह का बयान हास्यपद प्रतीत होता है। वह कहते हैं कि निजी गौशाला है, इसके बारे में प्रशासन को पता नही है, जांच कराया जा रहा है। वीडियों की भी जांच कराई जा रही है जिसके बाद ही कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी।

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