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उत्तर प्रदेश

यूपी : जज पर हमला करने के आरोप में 8 वकील सस्पेंड, कारण बताओ नोटिस भी जारी

Janjwar Desk
31 March 2021 3:55 PM IST
यूपी : जज पर हमला करने के आरोप में 8 वकील सस्पेंड, कारण बताओ नोटिस भी जारी
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लिस अधीक्षक, सुरेशराव ए. कुलकर्णी ने कहा कि अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है, लेकिन पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और न्यायाधीश प्रहलाद टंडन को अतिरिक्त सुरक्षा भी दी गई है।

उन्नाव। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश प्रहलाद टंडन पर हुए कथित हमले की जांच कर रही बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के निर्देश पर उन्नाव बार एसोसिएशन ने 8 वकीलों की सदस्यता निलंबित कर दी है। टंडन ने वकीलों के एक समूह के खिलाफ पिछले हफ्ते 2 बार हमला करने के लिए 2 एफआईआर दर्ज की थीं। इन वकीलों में उन्नाव बार एसोसिएशन के सदस्य और पदाधिकारी शामिल थे।

उन्नाव बार एसोसिएशन ने घटना में शामिल वकीलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, वहीं उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने मामले की जांच के लिए 2 सदस्यीय समिति का गठन किया है। इस समिति में प्रशांत सिंह अटल और अजय यादव हैं।

बता दें कि उन्नाव बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राम शंकर यादव का नाम सिटी कोतवाली पुलिस स्टेशन में दर्ज कराए गए दोनों मामलों में है। उनके अलावा उन्नाव बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष सतीश शुक्ला और गिरीश मिश्रा, और पूर्व सरकारी वकील विनोद पाठक के नाम भी एफआईआर में हैं।

पुलिस अधीक्षक, सुरेशराव ए. कुलकर्णी ने कहा कि अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है, लेकिन पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और न्यायाधीश प्रहलाद टंडन को अतिरिक्त सुरक्षा भी दी गई है।

पुलिस के मुताबिक पहली एफआईआर राम शंकर यादव, अधिवक्ता हरसिंह बहादुर और एक अज्ञात वकील के खिलाफ दर्ज की गई थी। इन लोगों ने 23 मार्च को जज के कोर्ट रूम में आए एक व्यक्ति की जमानत याचिका खारिज करने के बाद उन्हें अदालत के कर्मचारियों के सामने गाली देना शुरू कर दिया।

पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश टंडन ने आरोप लगाया कि राम शंकर यादव और 150-200 अज्ञात वकीलों ने कोर्ट में उनके खिलाफ नारे लगाए, फर्नीचर फेंका और उनके साथ दुर्व्यवहार किया। जब उन्होंने बाहर जाने की कोशिश की तो उन्हें घेरकर धक्का दिया और थप्पड़ मारे। साथ ही उनका सेल फोन भी छीन लिया।

एसपी ने कहा है कि मामला एक शिकायत समिति को भेजा गया था। शिकायतकर्ता और बार के सदस्य समिति के सामने पेश हुए थे लेकिन मामला हल नहीं हो सका।

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