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योगी सरकार का नया फरमान, UP में सड़क पर शव रखकर नहीं जता सकते नाराजगी, ऐसा करने वाले भुगतेंगे अंजाम

Janjwar Desk
25 Sep 2022 6:42 AM GMT
योगी सरकार का नया फरमान, UP में सड़क पर शव रखकर नहीं जता सकते नाराजगी, ऐसा करने वाले भुगतेंगे अंजाम
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UP News : यूपी में सार्वजनिक स्थानों पर मृतक का शव रखकर प्रदर्शन ( dead body protest ) करना अब दंडात्मक अपराध ( Crime ) माना जाएगा। ऐसा करने वालों के खिलाफ प्रशासन कार्रवाई कर सकती है।

UP News : सार्वजनिक स्थानों पर आये दिन मृतक का शव रखकर प्रदर्शन ( dead body protest ) करने की खबरें सामने आती रहती हैं लेकिन अब किसी के लिए भी ऐसा करना महंगा साबित होगा। ऐसा इसलिए कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस तरह की घटनाओं को रोकने वाली एक याचिका पर सुनवाई के बाद योगी सरकार ( Yogi government SOP ) को स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर तैयार करने को कहा था। इस मौके का लाभ उठाते हुए यूपी सरकार ने जो एसओपी तैयार किया है उससे साफ है कि अब लोग मृतक के शवों को सड़क पर रखकर या किसी सार्वजनिक स्थानों पर रखकर प्रदर्शन नहीं कर सकते। अगर किसी ने ऐसा किया तो उसे दंडनीय अपराध ( Punishable crime ) माना जाएगा और एसओपी ( SOP ) के प्रावधानों के अनुसार आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई भी होगी।

दरअसल, उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) की योगी सरकार दुर्घटनाओं या अपराधिक मामलों में मृत व्यक्ति के शव को सड़क या सार्वजनिक स्थान पर प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ सख्त नियम बनाए हैं। नियमों के मुताबिक अब किसी के लिए ऐसा करना दंडनीय अपराध होगा।

ऐसा करना माना जाएगा शव का अपमान

स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के मुताबिक परिवारीजनों द्वारा खुद या भीड़ जुटाकर रास्ते या सार्वजनिक स्थान पर शव रखकर प्रदर्शन किया तो इसे शव का अपमान मानते हुए उनके विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। पोस्टमॉर्टम के बाद परिवार को शव सौंपते समय लिखित सहमति ली जाएगी कि शव को पोस्टमार्टम हाउस से सीधे अपने घर ले जाएंगे। उसके बाद धार्मिक रीति-रिवाज के अनुसार अत्येष्टि स्थल पर ले जाएंगे। इस दौरान बीच रास्ते में कहीं भी शव रखकर भीड़ इकट्ठा करने, जाम लगाने अथवा किसी दल या संगठन के सहयोग से धरना-प्रदर्शन नहीं करेंगे। अगर ऐसा हुआ तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। अगर किसी समूह या संगठन ने एसओपी के प्रावधानों का उल्लंघन शव के साथ प्रदर्शन करता है और कानून व्यवस्था के खिलाफ कार्य करता है तो उसके खिलाफ भी सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।

रात में शव जलाने के लिए लेने पड़ेगी परिवार से इजाजत

हाथरस कांड के बाद रात में शव जलाने के लिए भी एसओपी में नियम बनाए गए हैं। इस दौरान अगर किसी शव का रात में अंतिम संस्कार किया जाना है तो उसके लिए पहले परिवार से अनुमति लेनी होगी। इसके अलावा पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की जाएगी। साथ ही इस दौरान जिला प्रशासन और परिजनों के बीच हुए संवाद और संदेशों का डाटा भी एक साल तक सुरक्षित रखना होगा।

शव लेने से इनकार करने पर संस्कार की जिम्मेदारी प्रशासन की

एसओपी में इस बात का भी जिक्र है कि अगर किन्हीं परिस्थितियों में घरवालों के द्वारा शव लेने से मना किया जाता है तो उस स्थिति में क्या करना होगा। इसके लिए पहले तो प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा परिवार को मनाने की कोशिश की जाएगी। अगर इसके बाद भी परिवार नहीं मानता है तो स्थानीय लोगों का समूह बनाकर शव का पंचनामा भरकर डीएम के निर्देश के मुताबिक अंतिम संस्कार किया जाएगा। इसके अलावा एसओपी में अज्ञात शवों के अंत्येष्टि के लिए भी प्रक्रिया तय की गई है।

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