Begin typing your search above and press return to search.
उत्तर प्रदेश

यूपी में 'जंगलराज' : पुलिस ने BBC के पत्रकार को बनाया बंधक, सात घंटे तक हवालात में रखा

Janjwar Desk
19 July 2020 10:34 PM IST
यूपी में जंगलराज : पुलिस ने BBC के पत्रकार को बनाया बंधक, सात घंटे तक हवालात में रखा
x

फोटो : दिलनवाज पाशा (फेसबुक)

बहजोई थाने में दिल्ली से कवरेज करने पहुंचे बीबीसी के पत्रकार दिलनवाज पाशा को सात घंटो तक हवालात में बंद रखा गया, इस दौरान उनका फोन भी छीन लिया गया और उनके खिलाफ अपमानजनक और आपत्तिजनक शब्दों का भी इस्तेमाल किया गया.....

संभल। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की पुलिस यूं तो अपने कारनामों से हमेशा सुर्खियों में रहती है। हाल के दिनों चर्चित कानपुर विकास दुबे एनकाउंटर से चर्चाओं में यूपी पुलिस थी। अब पुलिस की गुंडई एक बार फिर सामने आई है। दरअसल सम्भल जिले के बहजोई थाने में दिल्ली से कवरेज करने पहुंचे बीबीसी के पत्रकार दिलनवाज पाशा को सात घंटो तक हवालात में बंद रखा गया। इस दौरान उनका फोन भी छीन लिया गया और उनके खिलाफ अपमानजनक और आपत्तिजनक शब्दों का भी इस्तेमाल किया गया।

समाचार वेबसाइट 'भड़ास फॉर मीडिया' ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि सुबह दस से शाम पांच बजे तक उन्हें गालियों और धमकियों के बीच चोरों-उचक्कों के साथ हवालात में कैद कर मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया गया। हजोई थाना इंचार्ज ने दिलनवाज पाशा द्वारा परिचय बताने पर मारपीट की और हवालात में बंद करने का आदेश दे दिया।

रिपोर्ट के मुताबिक दिलनवाज के दोनों फोन छीन लिए गए जिसके चलते वे किसी से भी संपर्क नहीं कर पाए। बीबीसी संवाददाता को हवालात में बंद कराने के बाद थानेदार चला गया। थाने के सिपाहियों ने गंदी गंदी गालियों और धमकियों के जरिए बीबीसी संवाददाता का उत्पीड़न करते रहे।

रिपोर्ट में बताया गया है कि दिलनवाज पाशा रविवार की शाम 5 बजे तब छूटे जब उनके बारे में पुलिस को खबर लग गई कि वह बीबीसी से जुड़े हुए हैं। दिलनवाज ने थाने से छूटने के बाद लखनऊ अपने कार्यलय में जानकारी दी। पत्रकार को बंधक बनाने की खबर लखनऊ और देशभर में फैलने लगी है।

उधर मुख्यमंत्री योगी आदित्याथ के करीबी माने जाने वाले अधिकारी और सूचना विभाग के सर्वेसर्वा अवनीश अवस्थी ने फोनकर दिलनवाज पाशा से उनके बारे में पूछा और दोषियों को सजा देना का भरोसा दिया।

बताया जा रहा है कि दिलनवाज पाशा इसलिए कवरेज करने पहुंचे थे, दरअसल कथित तौर पर एक निर्दोष व्यक्ति को थाने में रखे जाने की सूचना थी। इसके बाद वो दिल्ली से यहां पहुंचे और इसके बाद थानेदार दिलनवाज पाशा पर ही आक्रोशित हो गए और उनका फोन छीन लिया, फिर हवालात में बंद करने का आदेश दे दिया।

जनज्वार डॉट कॉम की ओर से भी पत्रकार दिलनवाज पाशा से संपर्क करने और उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई लेकिन उनसे अभी तक किसी तरह संपर्क नहीं हो पाया है।

रिपोर्ट के मुताबिक उक्त निर्दोष व्यक्ति को थाने में रखा गया था, उसे छोड़ने के एवज में पुलिस ने लाखों रुपए की डिमांड की जा रही थी। ये डील बिगड़ती देख पुलिस वालों का पारा चढ़ गया और बीबीसी संवाददाता को भी हवालात में डाल दिया।

दिलनवाज पाशा ने इस संबंध में फेसबुक पोस्ट भी लिखा है- 'मैंने अपने बारे में अपने साथ उत्तर प्रदेश के संभल ज़िले के बहजोई थानाक्षेत्र में हुई घटना से जुड़ी कई पोस्ट पढ़ी हैं। मैं वहां पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए एक निर्दोष व्यक्ति के बारे में जानकारी लेने के लिए निजी हैसियत से गया था। मैंने अपना परिचय बीबीसी पत्रकार के तौर पर नहीं दिया था। थाने में ये पूछते ही कि संबंधित व्यक्ति को किस कारण या किस मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया है वहां मौजूद पुलिसकर्मी ने मेरे फ़ोन छीन लिए और मुझे वहीं बैठे रहने को मजबूर किया।

'कई बार मांगने पर भी मेरे फ़ोन नहीं दिए गए और मेरे साथ बदसलूकी की। बाद में जब मेरे पहचान पत्र से मेरी पत्रकार के तौर पर पहचान पुलिस को पता चली तो सब माफ़ी मांगने लगे। संभल के पुलिस अधीक्षक को जब इस बारे में पता चला तो उन्होंने मुझसे बात की और ज़ोर दिया कि मैं संबंधित पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज कराऊं। यूपी पुलिस और प्रशासन के कई शीर्ष अधिकारियों ने भी मुझसे संपर्क करके ज़ोर दिया कि मैं शिकायत दर्ज कराऊं। लेकिन मैंने इस संबंध में कोई कार्रवाई न करने का फ़ैसला लिया। आप सभी के संदेशों के लिए शुक्रिया।'


Next Story