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उत्तर प्रदेश

यूपी: दलितों की बस्ती में घुसकर बर्बरता करने को लेकर पिछड़ा वर्ग आयोग ने DM-SP को लिखा पत्र, सुनवाई न होने पर जताई नाराजगी

Janjwar Desk
16 Jun 2020 12:31 PM GMT
यूपी: दलितों की बस्ती में घुसकर बर्बरता करने को लेकर पिछड़ा वर्ग आयोग ने DM-SP को लिखा पत्र, सुनवाई न होने पर जताई नाराजगी
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इस मामले में पुलिस ने 20 नामजद तथा 40 से 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्रधान पुत्र अनिल तिवारी की प्राथमिकी को आधार बनाकर मुकदमा दर्ज किया था।

जनज्वार ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ स्थित गोविंदपुर गांव में हुई बर्बरता की सुनवाई ना होने को लेकर राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने जिले के डीएम, एसपी पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। साथ ही साथ मामले की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये आयोग ने डीएम एसपी समेत प्रयागराज कमिश्नर व एडीजी को आज की 16 जून सुबह साढ़े दस बजे सुनवाई हेतु पत्र लिखा है।

प्रतापगढ़ के पट्टी धूईं गांव की हुई बर्बरता की खबर को 'जनज्वार' ने प्रमुखता से छापा था। हमने सिलसिलेवार ढंग से बताया था कि कैसे एक गाय के खेत मे घुसने के बाद सवर्णों ने दलितों की बस्ती में घुसकर बर्बरता को अंजाम दिया था। मामले में 21 मई को गांव पट्टी धूईं में रहने वाले राम आसरे तिवारी की गाय पड़ोस के गांव आसपुर देवसरा थाना निवासी नन्हें वर्मा के खेत मे घुस गई थी।

इस एक बात को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी हुई थी जिसके अगले ही दिन धूईं गांव की प्रधान चमेला देवी के पुत्र अनिल तिवारी सहित चार लोगों पर हमला हुआ था। इसके बाद पुलिस की मौजूदगी में दलितों की बस्ती में खूनी संघर्ष और बर्बरता को अंजाम दिया गया था। मौके पर पहुंचे पुलिस बल ने गोविंदपुर व परसद गांव में बस्ती के लोगों पर लाठीचार्ज करते हुए करीब 10 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।



इस मामले में पुलिस ने 20 नामजद तथा 40 से 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्रधान पुत्र अनिल तिवारी की प्राथमिकी को आधार बनाकर मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने बलवा, जानलेवा हमला समेत अन्य धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया था। उक्त मामले को राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने संज्ञान में लेते हुए 6 जून को जिले के डीएम एसपी से जवाब तलब किया था। बावजूद इसके अफसरों ने जवाब नहीं भेजा। फिर आयोग ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए 11 जून को भेजे गए अपने पत्र में डीएम एसपी पर तल्ख टिप्पणी की थी।



पत्र में कहा गया, 'ऐसा लगता है कि प्रतापगढ़ के डीएम -एसपी को संविधान के वन हंड्रेड एंड सेकंड अमेंडमेंड एक्ट 2018 की जानकारी नहीं है। चूंकि मामला पिछड़ा वर्ग की महिलाओं सीमा, वंदना पटेल, अनिता वर्मा, अंजू, लखपति देवी, संजू पटेल, सुधा पटेल व सीता देवी के संवैधानिक अधिकार से जुड़ा हुआ है। प्रकरण में जवाब मांगा गया था। आयोग ने कहा है कि अब इस प्रकरण की सुनवाई आज की 16 जून को साढ़े 10 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होनी तय की गई है।




उप सचिव प्रशाशन बी के पति द्वारा आयोग की ओर से जारी हुआ पत्र मिलते ही जिला व पुलिस प्रशाशन में हड़कंप मच गया है। आपको बता दें कि उक्त मामले में आयोग की फटकार के बाद ही मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में 1 जून को सदर तहसील में हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग के सदस्य कौशलेंद्र सिंह पटेल ने सीता देवी का मुकदमा दर्ज न करने को लेकर एसपी प्रतापगढ़ को फटकार लगाई थी। जिसके बाद देवसरा थाने की पुलिस ने सीता देवी की तहरीर पर प्रधान धूईं व उनके पुत्रों अनिल, ललित व राम आसरे तिवारी सहित 14 नामजद व 40 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।

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