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यूपी के किसान भी उतरे आंदोलन पर, जगह-जगह प्रदर्शन-कई हाइवे जाम, सिंधु बॉर्डर पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे
File photo
जनज्वार। नए केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में देश के कई किसान संगठनों ने 'दिल्ली चलो' का आह्वान किया है। पंजाब और हरियाणा आदि राज्यों से बड़ी संख्या में किसान दिल्ली कूच कर रहे हैं, वहीं हरियाणा और उत्तरप्रदेश आदि राज्यों की पुलिस उन्हें रोकने की कोशिश में जुटी है।पंजाब और हरियाणा के बाद कृषि कानूनों के विरोध में उत्तर प्रदेश के किसान भी सड़क पर उतर आए हैं।
उत्तरप्रदेश के किसानों ने यमुना एक्सप्रेस वे को जाम कर दिया है। राज्य के कई हिस्सों से किसानों के विरोध प्रदर्शन की खबरें सामने आ रही हैं। इस बीच किसानों ने मेरठ-मुजफ्फरनगर हाइवे को भी जाम कर दिया है। बागपत जिला में भी किसानों ने हाइवे को जाम कर दिया है।
वहीं मोदीनगर में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं और दिल्ली-हरिद्वार हाइवे पर धरना पर बैठ गए हैं। पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद राज्य के कई हिस्सों में जगह-जगह किसानों ने सड़क जाम कर दिया है।
उधर सिंधु बॉर्डर पर हालात बिगड़ गए हैं। खबर है कि यहां पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे हैं। पश्चिम यूपी के मेरठ के जिला के किसानों के दिल्ली की तरफ बढ़ने की खबर है। दिल्ली की ओर बढ़ रहे इन किसानों को रोकने के लिए यूपी पुलिस द्वारा जगह-जगह बैरिकेटिंग लगाकर कई रास्तों को बंद कर दिया गया है।
हालांकि इस बीच खबर है कि सिंधु बॉर्डर पर झड़प के बाद किसानों को दिल्ली की ओर बढ़ने की इजाजत दे दी गई है, पुलिस का दस्ता इनके साथ रहेगा, जो गतिविधियों पर नजर रखेगा।
हालांकि इस बीच किसानों के सिंधु बॉर्डर पार करने की इजाजत मिलने की खबर के बाद वहां फिर से बवाल शुरू हो गया है और बैरिकेड तोड़े जा रहे हैं। पुलिस द्वारा दुबारा वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया है और आंसू गैस के गोले भी दागे गए हैं।
केंद्रीय कृषि बिल के विरोध में देश के 400 से ज्यादा किसान संगठनों द्वारा आहूत किए गए इस 'दिल्ली मार्च' के किसानों के देशव्यापी आंदोलन में यूपी के किसान भी शामिल हो गये हैं। आज शुक्रवार को उत्तरप्रदेश के विभिन्न जिलों से किसानों के प्रदर्शन की खबरें आ रही हैं। उधर दिल्ली से सटी राज्य की सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है।
उधर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार से फिर अपील की है कि वे किसानों से तुरंत बात करे और प्रदर्शन को रोकें। अमरिंदर ने कहा कि किसानों की आवाज को दबाया नहीं जा सकता है, सरकार तीन दिसंबर तक क्यों इंतजार कर रही है।