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UP : कासगंज में बिकरू कांड दोहराने वाले मोती को अभी तक नहीं ढूंढ़ पायी हैं पुलिस की 6 टीमें, 50 हजार का इनाम है घोषित
शराब माफिया द्वारा मौत के घाट उतारा गया सिपाही देवेंद्र सिंह (photo :social media)
जनज्वार, कासगंज। यूपी के कासगंज में बिकरू कांड की तरह पुलिसवालों को शराब माफिया ने अपना निशाना बनाया था। इस कांड में रैकी करने गये एक एसआई को बुरी तरह पीटकर फेंक दिया गया और दूसरे कांस्टेबल देवेंद्र सिंह जसावत को अगवा करके ले गये थे, जो बहुत बुरी हालत में बरामद हुआ था और अस्पताल ले जाने के दौरान उसकी मौत हो गयी थी।
गौरतलब है कि 9 फरवरी की शाम को सिढ़पुरा के जंगलों में शराब माफिया की हिमाकत ने सबको चौंका दिया था। शराब माफिया के इस हमले में सिपाही देवेंद्र के शहीद होने के बाद से पुलिस मुख्य आरोपी मोती सिंह की सरगर्मी से तलाश कर रही है। अब तक पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए 6 टीमें बनाई हैं, मगर अभी तक मोती पुलिस की पकड़ से दूर है। मोती पर 50 हजार का इनाम भी घोषित किया जा चुका है।
घटनाक्रम के मुताबिक उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले के सिढ़पुरा थाना क्षेत्र स्थित नगला धीमर और नगला भिकारी गांव में 9 फरवरी को अवैध शराब की सूचना पुलिस को मिली थी। इस सूचना पर कार्रवाई को निकले सिढ़पुरा थाने के दारोगा और एक सिपाही की शराब माफियाओं ने घेरकर बुरी तरह से पिटाई कर दी।
अवैध शराब के कारोबारियों ने दोनों पुलिसवालों की वर्दी उतरवा दी और लाठी-डंडों व अन्य हथियारों से जमकर पिटाई कर लहूलुहान कर दिया। सूचना के बाद बुरी तरह से जख्मी दारोगा और सिपाही को इलाज के लिए भर्ती कराया गया। फिर उन्हें अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, लेकिन सिपाही की मौत हो गई और जख्मी दारोगा को गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया गया।। पुलिस टीम कासगंज के नगला धीमर गांव में अवैध शराब के कारोबार को बंद कराने गई थी। इस दौरान हुए हमले में सिपाही देवेंद्र और सब इंस्पेक्टर अशोक पाल बुरी तरह जख्मी हो गए। शराब माफियाओं ने सब इंस्पेक्टर अशोक और सिपाही देवेंद्र के हथियार भी छीन लिए हैं।
सिढ़पुरा कांड यानी दूसरा बिकरू दोहराने वाले शराब माफिया गुकी तलाश में जुटे पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सोनकर के मुताबिक, तलाश के दौरान मुखबिर ने सूचना दी कि आरोपी नवाब सिंह पुत्र रामेश्वर निवासी नगला धीमर को स्योढ़ी गांव के जंगल जो कि, कासगंज-एटा के बार्डर के पास मौजूद है। इस पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उसे वहां से धर दबोचा। यह शातिर बदमाश मोती सिंह का दाहिना हाथ था। इसने भी पुलिसकर्मियों के ऊपर अन्य साथियों के साथ मिलकर भाले व डंडे आदि से हमला किया था। नवाब की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त नुकीला हथियार भाला एवं लाठी बरामद की गई है।
एसपी ने बताया, मुख्य आरोपी मोती की गिरफ्तारी के लिए तीन टीमें और बढ़ा दी गई हैं। मोती पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित है। सभी टीमें मोती को तलाश में पूरी मेहनत से जुटी हैं। हम सभी टीमों के लगातार संपर्क में हैं, जल्द ही उसे तलाश कर लिया जाएगा।
वहीं पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सोनकर ने जानकारी दी कि गंभीर रूप से घायल दरोगा अशोक कुमार की हालत में निरंतर सुधार हो रहा है। उनसे धीरे-धीरे और भी जानकारी जुटाई जा रही हैं। इसके आधार पर नवाब सिंह का नाम जांच के प्रकाश में आया है, जिस पर कार्रवाई की गई है। जैसे-जैसे और भी जानकारी प्रकाश में आती जाएंगी तो आरोपियों के बारे में पता लगने पर कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी।