Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

Uttarakhand News : उत्तराखण्ड में गायों को मिलेंगे आरामदायक नरम गददे और घास मिलेगी दुकानों पर !

Janjwar Desk
28 Oct 2021 3:20 PM GMT
Uttarakhand News : उत्तराखण्ड में गायों को मिलेंगे आरामदायक नरम गददे और घास मिलेगी दुकानों पर !
x

(उत्तराखंड में मंत्री धन सिंह रावत गायों पर दिए अपने बयान को लेकर ट्रोल हो रहे हैं)

मीडिया में उनका यह नायाब फार्मूला आते ही लोगों की हंसी रोके नहीं रुक रही है। खुद कार्यक्रम में उनकी यह बात सुनकर महिलाएं अपनी हंसी नहीं रोक पायीं। सोशल मीडिया पर मंत्री जी जबरदस्त ट्रोल हो रहे हैं।

सलीम मलिक की रिपोर्ट

Uttarakhand News : (देहरादून)। एप्प के माध्यम से बादलों को इधर-उधर करके उन्हें हवाई जहाज की तरह मनमर्जी से उड़ाने की कला का आविष्कार करने वाले उत्तराखण्ड (Uttarakhand) के स्वनामधन्य भाजपा नेता और कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत (Dhan Singh Rawat) इन दिनों अपने एक और बयान के लिए सोशल मीडिया पर खासे ट्रोल (Trolled in Social media) हो रहें हैं।

गाय ज्यादा से ज्यादा दूध दे सके इसके लिए वह एक कार्यक्रम में महिलाओं को सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान पर मिलने वाले राशन की तरह से मंत्री घास के पैकेट (Grass Packet) और गायों को सोने के लिए आरामदायक नरम-नरम गद्दे देने की बात कर रहे हैं।

मीडिया में उनका यह नायाब फार्मूला आते ही लोगों की हंसी रोके नहीं रुक रही है। खुद कार्यक्रम में उनकी यह बात सुनकर महिलाएं अपनी हंसी नहीं रोक पायीं। सोशल मीडिया पर मंत्री जी जबरदस्त ट्रोल हो रहे हैं, लेकिन 'बादलों के एप्प' निर्माता मंत्री इससे बेफिक्र हैं।

दरअसल प्रदेश के कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत पौड़ी जिले (Paudi District) के श्रीनगर क्षेत्र में एक गांव में महिलाओं को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने गांव में ही घास की दुकान खोलने का अपना नायाब आईडिया महिलाओं के साथ साझा कर लिया। रावत ने कहा कि जैसे सस्ता गल्ला देते हैं, गैस सिलेण्डर देते हैं, वैसे ही अब वह घास काटने वाली महिलाओं को घास के पैकेट भी देंगे।

मंत्री के इतना कहते ही कार्यक्रम में मौजूद महिलाएं तक ठहाके लगाकर हंसने लगी। वैसे मंत्री ने महिलाओं को इसका अर्थशास्त्र भी बताते हुए कहा कि बीस किलों ताजा घास का पैकेट केवल पचास रुपये में मिलने से इतनी घास काटने में जो एक महिला की दिहाड़ी (ढाई सौ रुपये) बचेगी, उस हिसाब से यह उनके लिए लाभ की योजना है।

मंत्री इतने पर ही नहीं रुके। उन्होंने प्रदेश की गाय ज्यादा से ज्यादा दूध दें, इसके लिए गायों को आराम से सोने के लिए आरामदायक नरम-नरम गद्दे भी देने की बात कह डाली।

प्रदेश की हालिया आपदा के बाद तमाम लोग तिरपालों के सहारे अपना सिर छिपाने के लिए मजबूर हैं, लेकिन मंत्री गायों को आरामदायक गद्दे देने की बात कर रहे हैं। जिसको लेकर मंत्री रावत की उनके बयान को लेकर एक बार फिर फजीहत शुरू हो गयी है। वैसे मंत्री धनसिंह की उनके बयानों के लेकर होने वाली फजीहत कोई नई नहीं है। अभी पिछले दिनों ही वह बादलों को एप्प से इधर-उधर करने की बात कहकर लोगों का भरपूर मनोरंजन करके ही हटे हैं।

अभी हाल में उत्तराखंड में हुई भारी बारिश के बीच राहत-बचाव या आपदा से हुए नुकसान पर उतने पोस्ट नहीं लिखे गए, जितने राज्य का आपदा प्रबंधन मंत्रालय का जिम्मा संभाल रहे धन सिंह रावत के ऐप को लेकर लिखे गए। धन सिंह उत्तराखंड सरकार के ऐसे आपदा प्रबंधन मंत्री साबित हुए जिन्हें लोगों ने उन्हें आपदा में भी आपदा प्रबंधन की बजाय बादलों को आगे-पीछे करने वाले ऐप के लिए याद किया।

धनसिंह श्रीनगर को जिला बनाये जाने के संदर्भ में केवल श्रीनगर की उस आबादी को लगभग 80 लाख बता चुके हैं जो सरकारी वेवसाईट पर श्रीनगर सहित पूरे पौड़ी जिले की आबादी छह लाख सतासी हजार दो सौ इकहत्तर बताती है।

अपने ऐसे ही बयानों से जनता का भरपूर मनोरंजन करने वाले प्रदेश के कैबिनेट मंत्री की ओर से अब अगले कुछ दिन के मनोरंजन के लिए यह ताज़ा डोज़ आ चुकी है। वैसे बता दे कि अपने इन बयानों के माध्यम से ट्रोल होने वाले मंत्री उच्च शिक्षा प्राप्त व्यक्ति हैं। उनकी राजनैतिक समझ भी अच्छी खासी है। वर्तमान में वह उच्च शिक्षा मंत्री का भी दायित्व देख रहे हैं। उनके इस विभाग से जुड़े मुक्त विश्वविद्यालय नाम के एक संस्थान में कुछ नियुक्तियों पर भ्र्ष्टाचार व घपले के संगीन आरोप लग रहे हैं। आरोप तो क्या, खुद मंत्री को इसमें सीधे तौर पर लिप्त बताने वालों की कोई कमी नहीं है। ऐसे में राज्य की राजनीति पर नज़र रखने वाले मंत्री की अपने स्तर से नीचे की जाने वाली कवायद को जानबूझकर की जाने वाली कवायद भी समझ रहें हैं। जिससे उनकी न केवल इनोसेंट व्यक्ति की छवि बने बल्कि उनके विभाग में होने वाले घपले-घोटाले के संगीन आरोप इसी प्रकार के हंसी-ठट्ठे के शोर में दबकर रह जाएं। 'देखन में छोटो लगे, घाव करे गम्भीर' वाली कहावत अनायास तो नहीं बनी होगी !

Next Story

विविध