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उत्तराखंड

The Corbett Tiger Reserve: इंसानी बस्ती में आने पर दहशतजदा हुए Corbett Tiger Reserve के हाथी

Janjwar Desk
26 April 2022 4:34 PM IST
The Corbett Tiger Reserve: इंसानी बस्ती में आने पर दहशतजदा हुए Corbett Tiger Reserve के हाथी
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The Corbett Tiger Reserve: इंसानी बस्ती में आने पर दहशतजदा हुए Corbett Tiger Reserve के हाथी

The Corbett Tiger Reserve: प्रकृति के शांत वातावरण को इंसानों ने अपने शोर से इतना दूषित कर दिया है कि आदमी मनोरोगी बनने पर मजबूर हो गया है। बड़े महानगरों की बात छोड़ भी दें तो छोटे-छोटे कस्बों तक का शोर बेकाबू होता जा रहा है।

The Corbett Tiger Reserve: प्रकृति के शांत वातावरण को इंसानों ने अपने शोर से इतना दूषित कर दिया है कि आदमी मनोरोगी बनने पर मजबूर हो गया है। बड़े महानगरों की बात छोड़ भी दें तो छोटे-छोटे कस्बों तक का शोर बेकाबू होता जा रहा है। ऐसे में कहीं ज्यादा शान्त वातावरण का जीव इस माहौल में आ जाए तो उसकी क्या हालत हो सकती है। यह वीडियो उसकी बानगी भर है।

यह वीडियो उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामनगर नाम के एक छोटे कस्बे का है। नेशनल हाईवे 309 पर भवानीगंज स्थित भगत सिंह चौक से गुजर रहे कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के दो पालतू हाथी सड़क के शोर-शराबे से इतने भयभीत हुए कि अपनी मदमस्त चाल भूलकर किसी भी कीमत पर शोर-शराबे के इस माहौल से निकलने की जुगत करने लगे। वीडियो में देखा जा सकता है कि हाथियों के प्रशिक्षित महावतों ने अपनी पूरी क्षमता के साथ कंट्रोल करते हुए उन्हें बेकाबू होने से किस तरह रोका। यह सोचकर सिहरन हो जाती है कि यदि यह हाथी इस माहौल में आपा खो बैठते तो क्या हो सकता था। वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि सड़क पर जब शोर-शराबे से अफरा-तफरी का माहौल बन गया तो यह हाथी उससे बचने के लिए कैसे दिशाविहीन होकर कहीं भी जाने का प्रयास कर रहे हैं। हाथियों की इस बैचेनी की वजह से इस चौराहे पर वाहनों की लंबी कतार के चलते जाम भी लग गया।

दरअसल कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के गजराज और शिवगंगे नाम के इन पालतू हाथियों को एक टाइगर रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल होने के लिए कालागढ़ से हल्द्वानी के फतेहपुर जाना था। कालागढ़ से चले इन हाथियों ढेला में रोकने के बाद इन्हें चूनाखान के लिए रवाना किया गया था। चूनाखान से यह हाथी हल्द्वानी के लिए रवाना होने थे। लेकिन ढेला से चूनाखान जाने के दौरान यह हाथी भवानीगंज चौराहे पर वाहनों के कानफोड़ू शोर-शराबे में फंस गए। शोर से बैचेन हुए यह हाथी शोर से बचने के लिए किसी मुहल्ले में घुसने की कोशिश करते तो कभी दूसरी सड़क पर जाने का प्रयास। इस दौरान इन हाथियों की वजह से सड़क पर लग रहे जाम से स्थिति और बदतर होती जा रही थी। जैसे-तैसे इन हाथियों को उनके महावत हल्द्वानी मार्ग पर लाए। जहां फिर यह हाथी बेकाबू होते नजर आए।

कॉर्बेट पार्क के पशु चिकित्सक डॉक्टर दुष्यंत कुमार के अनुसार भवानीगंज क्षेत्र में अत्यधिक ट्रैफिक और भीड़भाड़ के साथ ही वाहनों के हॉर्न बजने के कारण नर हाथी गजराज भयभीत हो गये थे। फिलहाल इन हाथियों को आज आमडंडा में रोका गया है। जहां इनकी देखभाल की जा रही है। देर शाम को इन्हें चूनाखान के लिए रवाना किया जाएगा। उसके बाद यह हल्द्वानी के फतेहपुर रेंज में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में अपना योगदान देंगे।

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