Earthquake in Uttarakhand: बारिश के बीच भूकंप के झटकों से कांपी उत्तराखंड की धरती, दहशत में घरों से बाहर भागे लोग
Earthquake : नेपाल में भूकंप के बाद उत्तर भारत के कई राज्यों कांपी धरती, दिल्ली एनसीआर में भी महसूस किए गए झटके
Earthquake in Uttarakhand : उत्तराखंड के कुमाउं मंडल के पर्वतीय जिलों में जोरदार बारिश के साथ ही शुक्रवार की दोपहर भूकम्प की वजह से लोग दहशतजदा हो गए। भूकम्प का असर मंडल के दो जिलों पिथौरागढ़ और बागेश्वर में ही रहा। हालांकि भूकम्प के झटके मामूली थे, जिनसे किसी नुकसान की कोई खबर नहीं है। लेकिन हल्के झटकों के बाद बड़े झटके की संभावना के चलते दहशत में आए लोगों की सांसे थमी रहीं।
शुक्रवार को प्रदेश के अधिकाश स्थानों पर मौसम बरसात का रहा। कहीं ज्यादा तो कहीं कम बारिश सभी जगह हो रही है। ऐसे में दोपहर करीब 12 बजकर 55 मिनट 55 सेकंड पर लोगों ने भूकम्प के झटके महसूस किए। भूकम्प के झटके बेहद मामूली थे। लेकिन इन्हीं मामूली झटकों वाले भूकम्प से लोग दहशत में आते हुए सुरक्षा के लिहाज से घरों से बाहर निकल आए। लोगों ने काफी देर इस बात की आशंका बनी रही कि हल्के भूकम्प के बाद बड़ा भूकम्प भी आ सकता है। इस भूकम्प के झटके मंडल के दो जिलों पिथौरागढ़ और बागेश्वर में ही महसूस किए गए। रिक्टर स्केल में इस भूकम्प की तीव्रता 3.6 दर्ज की गई।
नेशनल सेंटर फॉर सस्मोलॉजी के मुताबिक भूकम्प का अक्षांस 29.96 और देशांतर 80.12 था। इसका केंद्र जमीन के भीतर करीब पांच किलोमीटर था। इस भूकंप का केंद्र बागेश्वर जिले का बरीखालसा बताया गया है। हालांकि इस भूकम्प से किसी नुकसान की कहीं से कोई सूचना नहीं है। लेकिन भूकम्प की दृष्टि से उत्तराखंड बेहद संवेदनशील होने के चलते लोगों में काफी देर तक दहशत और अफरातफरी का माहौल बना रहा। लोग फोन करके दुसरे क्षेत्रों की कुशल क्षेम जानते हुए देखे गए।
बता दे कि उत्तराखंड राज्य के अधिकांश पर्वतीय क्षेत्र भूकम्प की दृष्टि से अतिसंवेदनशील जोन पांच में शामिल हैं। उत्तराखंड का रुद्रप्रयाग (अधिकांश भाग), टिहरी (अधिकांश हिस्सा), देहरादून (कुछ हिस्सा), बागेश्वर, पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी जिला अति संवेदनशील जोन में शामिल है। जबकि टिहरी (कुछ हिस्सा), देहरादून (आंशिक हिस्सा), ऊधमसिंहनगर, नैनीताल, चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी व अल्मोड़ा जोन चार में हैं।