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उत्तराखंड

Valley of Flowers National Parks: कल से पांच महीने तक सैलानियों के लिए खुली रहेगी फूलों की घाटी, दो साल से कोरोना की वजह से थी पाबन्दी

Janjwar Desk
31 May 2022 8:34 PM IST
Valley of Flowers National Parks: कल से पांच महीने तक सैलानियों के लिए खुली रहेगी फूलों की घाटी,  दो साल से कोरोना की वजह से थी पाबन्दी
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Valley of Flowers National Parks: कल से पांच महीने तक सैलानियों के लिए खुली रहेगी फूलों की घाटी, दो साल से कोरोना की वजह से थी पाबन्दी

Valley of Flowers National Parks News: कोरोना के कारण बीते दो साल से बंद पड़ी विश्वप्रसिद्ध फूलों की घाटी कल एक जून से पर्यटकों से गुलजार हो जायेगी। पर्यटकों के लिए विभाग की ओर से 31 अक्टूबर तक के लिए खोला जाएगा।

Valley of Flowers National Parks News: कोरोना के कारण बीते दो साल से बंद पड़ी विश्वप्रसिद्ध फूलों की घाटी कल एक जून से पर्यटकों से गुलजार हो जायेगी। पर्यटकों के लिए विभाग की ओर से 31 अक्टूबर तक के लिए खोला जाएगा। हर साल एक जून से 31 अक्टूबर तक सैलानियों की चहलपहल से गुलजार रहने वाली यह फूलों की घाटी कोरोना संक्रमण के चलते बीते दो सालों से पर्यटकों के लिए बंद थी।

उत्तराखंड के चमोली जिले में जोशीमठ के नजदीक समुद्रतल से 3962 मीटर (12995 फीट) की ऊंचाई पर 87.5 वर्ग किमी क्षेत्र में फैली यह फूलों की घाटी विश्व धरोहर है। 1988 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में चिन्हित यह फूलों की घाटी नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व में स्थित है। रंगीन और अविश्वसनीय फूलों से लकदक इस पूरी घाटी में फूलों की 300 से अधिक प्रजातियां पाईं जाती हैं। जिनमें गेंदा, ऑर्किड के अलावा एनीमोन, जेरेनियम, प्राइमुलस, ब्लू पोस्पी और ब्लूबेल शामिल हैं। लेकिन पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र सबसे खूबसूरत फूल "ब्रह्म कमल" होता है। ब्रह्म कमल उत्तराखंड का राज्य फूल भी है। फूलों के अलावा इस क्षेत्र के पक्षी, तितलियां व अन्य वन्यजीव सैलानियों के लिए रोमांच बनते हैं।


इस फूलों की घाटी की खोज एक बेहद उत्साही ब्रिटिश पर्वतारोही और वनस्पतिशास्त्री, फ्रैंक एस स्मिथ ने 1931 में उस समय की थी जब वह इस सुनसान क्षेत्र से गुजर रहे थे। नंदादेवी राष्ट्रीय उद्यान में मौजूद इस घाटी को 1988 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। पर्यटकों के लिए घाटी में सत्रह किलोमीटर लंबा ट्रैक है जो 10,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित घांघरिया से शुरू होता है। जोशीमठ के पास एक छोटी सी बस्ती गोविंदघाट से ट्रैक के जरिए पहुंचा जा सकता है। फूलों की घाटी में प्रवेश करने के लिए नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान की ओर से पर्यटकों को परमिट दिया जाता है।

सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने फूलों की घाटी को जैव विविधता का अनुपम खजाना बताते हुए कहा कि हिमालय की गोद में बसी प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विश्वविख्यात फूलों की घाटी एक जून से पर्यटकों के लिए खोल दी जाएगी। प्रकृति प्रेमियों और साहसिक गतिविधियों के शौकीन के लिए फूलों की घाटी पसंदीदा जगहों में से एक है। घाटी में आने वाले पर्यटकों का स्वागत करने के लिए राज्य पूरी तरह से तैयार है।


चीफ वाडल्ड लाइफ वार्डन डा. पराग मधुकर धकाते ने बताया कि एक जून से फूलों की घाटी खोली जा रही है। इसमें हर रोज करीब चार सौ से पांच सौ लोगों को जाने की अनुमति होगी। जिसके लिए डेढ़ सौ रुपये का एंट्री टिकट है। जबकि 12 साल तक के बच्चों के लिए फ्री एंट्री है। साल भर में इसमें करीब औसतन बीस हजार लोग हर जाते हैं। इस बार भी संख्या बढ़ने की उम्मीद है। डा. धकाते के अनुसार दो साल बाद जिस तरह से लोग चारधाम यात्रा के लिए उमड़े हैं उसे देखते हुए उम्मीद है कि फूलों की घाटी में भी पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के डीएफओ नंदबल्लभ शर्मा ने बताया कि इस साल वन विभाग घाटी के दीदार को आने वाले पर्यटकों को फूलों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी भी उपलब्ध कराएगा।

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