Ramnagar News: नैनीताल से उत्तराखंड हाई कोर्ट को रामनगर शिफ्ट करने की मांग, अधिवक्ताओं ने बैठक के बाद भेजे ज्ञापन
Ramnagar News: नैनीताल से उत्तराखंड हाई कोर्ट को रामनगर शिफ्ट करने की मांग, अधिवक्ताओं ने बैठक के बाद भेजे ज्ञापन
Ramnagar News: उत्तराखंड उच्च न्यायालय को नैनीताल से शिफ्ट कर अन्यत्र स्थापित किए जाने की खबरों के बीच हाई कोर्ट को रामनगर शिफ्ट किए जाने की मांग को लेकर रामनगर के अधिवक्ता मुखर हो गए हैं। शुक्रवार को बार कार्यालय में अधिवक्ताओं ने इस बाबत एक विशेष बैठक का आयोजन किया। जिसके बाद मुख्यमंत्री सहित कई जगह के लिए ज्ञापन भेजे गए।
हाई कोर्ट की बढ़ती जरूरतों के बीच सिमटती जमीन
संदर्भ के तौर पर बताते चले कि पर्यटन नगरी के रूप में स्थापित नैनीताल शहर पहले से ही महंगा है। जिस वजह से यहां उच्च न्यायालय स्थापित हो जाने के बाद प्रदेश भर से अपने मुकदमों की पैरवी के लिए आने वाले अधिवक्ताओं व वादकारियों को खर्च के लिहाज से नैनीताल शहर खासा महंगा पड़ता है। राज्य स्थापना के तत्काल बाद प्रदेश में मुकदमों की कमी के कारण नैनीताल में स्थापित किए गए उच्च न्यायालय में काम चल ही रहा था। लेकिन मुकदमों की बढ़ती हुई संख्या के चलते न्यायालय की बढ़ती पीठों के कारण न्यायाधीशों व न्यायिक प्रक्रिया में लगे स्टाफ में लगातार बढ़ोतरी हो रही थी। जिसकी जरूरतों को पूरा करने के लिए न्यायालय के पास पर्याप्त भूमि का अभाव था। नैनीताल शहर की भू स्खलन के प्रति संवेदनशीलता को देखते हुए यहां नए निर्माण पर रोक लगी हुई है। इसके अलावा बढ़ते पर्यटन के कारण भी शहर पर सैलानियों का अतिरिक्त दबाव पड़ रहा था।
ऐसे में नैनीताल शहर को बचाए रखने और न्यायालय की जरूरतों को पूरा करने के लिए शहर से हाई कोर्ट को अन्यत्र स्थापित किए जाने की मांग लम्बे समय से की जा रही है। इसके लिए कई शहरों में ढांचागत सुविधा की तलाश की जा रही थी। हालांकि उच्च न्यायालय को नैनीताल से शिफ्ट किए जाने के मामले में अधिवक्ताओं की कई अलग अलग राय हैं। अधिवक्ताओं का एक गुट हाई कोर्ट की स्थापना नैनीताल के अतिरिक्त कहीं और नहीं चाहता। इस गुट का तर्क है कि हजारों करोड़ रुपए खर्च करके स्थापित उच्च न्यायालय को दूसरी जगह स्थापित करने में एक बार फिर करोड़ों रुपए का खर्चा होगा, जो पहले से ही आर्थिक दुश्वारी झेल रहे राज्य के हित में नहीं है। जबकि हाई कोर्ट को शिफ्ट किए जाने से सहमति व्यक्त करने वाले अधिवक्ताओं में भी दो गुट हैं। एक गुट का मानना है कि राज्य स्थापना के मूल्यों को ध्यान में रखते हुए पर्वतीय राज्य की हाई कोर्ट को किसी पर्वतीय क्षेत्र में ही शिफ्ट किया जाए। जबकि शिफ्टिंग के समर्थन में खड़े दूसरे गुट का मानना है कि हाई कोर्ट को हवाई, रेल व सड़क मार्ग से सटे ऐसे स्थान पर शिफ्ट किया जाना चाहिए जहां भविष्य की जरूरतों के चलते विस्तार के लिए पर्याप्त भूमि के साथ सभी आधारभूत सुविधाएं मौजूद हों।
हल्द्वानी के लिए है मजबूत पैरवी
नैनीताल शहर से हाई कोर्ट को अन्यत्र स्थापित किए जाने की चर्चाओं के बीच उसके हल्द्वानी स्थित रानीबाग अथवा गौला पार क्षेत्र में स्थापित किए जाने की मजबूत पैरवी हो रही है। पूरे राज्य से हवाई, रेल व सड़क मार्ग से सुगमता से जुड़े इस क्षेत्र में भविष्य के विस्तार के लिए भी उपलब्ध अतिरिक्त भूमि का तर्क इसके लिए दिया जा रहा है। इसके साथ ही यहां पर उत्तराखंड बार काउंसिल द्वारा अपने भवन के लिए भूमि प्राप्त कर ली गई है। जिस पर आगामी 29 अक्टूबर को बार काउंसिल भवन का शिलान्यास कार्यक्रम प्रस्तावित है।
रामनगर में भी है पर्याप्त भूमि की व्यवस्था
रामनगर बार एसोसिएशन ने नैनीताल स्थित उत्तराखंड उच्च न्यायालय को रामनगर में स्थानांतरित करने की जो मांग की है, उसमें भी हाई कोर्ट की भविष्य की जरूरतों को देखते हुए पर्याप्त भूमि और आधारभूत सुविधाएं पहले से होने का तर्क दिया गया है। रामनगर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रतन सिंह चौहान एवं सचिव सुखदेव सिंह की अगुवाई में रामनगर बार एसोसिएशन से जुड़े अधिवक्ताओं ने बैठक में कहा कि रामनगर जनपद नैनीताल का प्रमुख शहर होने के साथ-साथ कुमाऊं-गढ़वाल का प्रवेश द्वार तथा गढ़वाल लोकसभा के अंतर्गत आता है। रामनगर में उच्च न्यायालय के मानकों के अनुसार जमीन, सड़क, बिजली, पानी, रेल, स्कूल, अस्पताल आदि की सारी सुविधाएं उपलब्ध है। रामनगर में वादकारियों, अधिकारियों, अधिवक्ताओं के लिए ठहरने एवं आवागमन की सस्ती दरों में सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं। उच्च न्यायालय के लिए रामनगर के पीरुमदारा आमपोखरा के अलावा रेशम बाग छोई, आईआरबी बैलपडाव के पास पर्याप्त जमीन है। आम पोखरा की जमीन का पूर्व में भी उच्च न्यायालय एवं शासन के स्तर पर सर्वे हो चुका है, जो इसके लिए उपयुक्त पाई गई है।
इनको भेजा गया ज्ञापन
रामनगर बार एसोसिएशन की तरफ से इसी मांग को लेकर शुक्रवार को एसडीएम गौरव चटवाल के माध्यम से जो ज्ञापन मुख्यमंत्री, मुख्य न्यायमूर्ति उच्च न्यायालय नैनीताल, सांसद तीरथ सिंह रावत, विधायक दीवान सिंह बिष्ट आदि के लिए ज्ञापन भेजा गया है, उसमें अधिवक्ताओं ने रामनगर में हाई कोर्ट शिफ्ट किए जाने के लिए उन्हीं तर्कों को पेश किया है, जो बैठक के दौरान सामने आए। ज्ञापन देने वालों में रामनगर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रतन सिंह चौहान, सचिव सुखदेव सिंह, पूर्व अध्यक्ष जगदीश मासीवाल, सुरेशचंद्र नैनवाल, पीएस बोरा, ललित जोशी, प्रभात ध्यानी, अतुल अग्रवाल, ललित पांडे, रवि शंकर चौधरी, गिरधर सिंह बिष्ट, बृजमोहन, गगन कुमार, अरुण रौतेला, अजीम, हेम चंद्र कांडपाल आदि थे।