विदेशों तक पहुंची नानकमत्ता प्रकरण की गूंज, सीएम धामी के कार्यक्रम में धर्मिक मर्यादा उल्लंघन का है आरोप
(नानकमत्ता गुरुद्वारा में सीएम धामी के कार्यक्रम के दौरान धार्मिक मान्यताओं के उल्लंघन के आरोप लगे हैं)
नानकमत्ता (उधमसिंहनगर)। नानकमत्ता गुरूद्वारे में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के स्वागत कार्यक्रम के दौरान धार्मिक मर्यादा का उल्लंघन किये जाने के आरोप मामले में सिख संगत का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। नानकमत्ता गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी इस कार्यक्रम का वीडियो वायरल होने के बाद से देश-विदेश सहित पूरे विश्व की सिख संगत के निशाने पर आ गयी है। उधर कमेटी के चीफ ने इस कार्यक्रम को कराए जाने के लिए क्षेत्र के कुछ प्रभावशाली लोगों द्वारा मजबूर किये जाने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। लेकिन उनके नाम का खुलासा किये जाने पर उन्होंने फिलहाल चुप्पी साध ली है। मामले की गम्भीरता को देखते हुए पंजाब के श्री अकाल तख्त साहिब जी से जांच कमेटी नियुक्त कर दी गयी है।
मालूम हो कि गुजरे शनिवार को उत्तराखण्ड के नवनियुक्त मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अपने गृहक्षेत्र खटीमा पहुंचने के दौरान नानकमत्ता गुरूद्वारे में उनके स्वागत कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में बालिकाओं द्वारा स्वागत गीत-नृत्य किये जाने, गुरवाणी के पाठ में अवरोध पैदा करने, दरबार साहब की मर्यादा भंग किये जाने आदि के गम्भीर आरोप लगे थे। कार्यक्रम का वीडियो वायरल होने के बाद सिख संगत में इसको लेकर रोष पनप गया था।
देखते ही देखते इस मामले कि गूंज देश ही नहीं व विदेशों तक पहुंच गई। सिख संगत में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान ऐतिहासिक गुरूद्वारे की मर्यादा भंग किये जाने को लेकर लगे आरोप और बढ़ते रोष की आंच सिख समुदाय के धार्मिक मामलों को देखने वाले सर्वोच्च निकाय 'श्री अकाल तख्त साहिब जी' तक पहुंच गई। सिख संगत की नानकमत्ता गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी पर कार्यवाही की मांग को देखते हुए शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी ने श्री अकाल तख्त साहिब जी के हैड ग्रन्थी ज्ञानी मलकीत सिंह जी नेतृत्व में पांच सदस्यीय कमेटी बनाकर प्रकरण की जांच कमेटी को सौंप दी।
बुधवार को नानकमत्ता पहुंची जांच कमेटी ने सभी पक्षों से इस बाबत जानकारी हासिल की। मलकीत सिंह जी ने गुरूद्वारे की मर्यादा को भंग किये जाने को अफसोसजनक बताते हुए कहा कि कमेटी के जिम्मेदार लोगों से इस व्यवहार की अपेक्षा नहीं की जा सकती। सिख पंथ में गुरुओं ने मर्यादा के लिए अपनी कुर्बानियां तक दी हैं। धार्मिक मर्यादा के साथ खिलवाड़ करने का किसी को कोई अधिकार नहीं है। यह गम्भीर मामला है। इस मामले में संगत का रोष पूरी तरह से जायज है। इस मामले में सभी पहलुओं को जांच में शामिल कर जांच रिपोर्ट एसजीपीसी का सामने रखी जायेगी। जो भी निर्णय होगा श्री अकाल तख्त साहिब जी से ही होगा।
इधर नानकमत्ता गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सरदार सेवा सिंह जी ने बताया कि कार्यक्रम के लिए उन्हें क्षेत्र के कुछ राजनैतिक रसूख वाले लोगों ने मजबूर कर मुख्यमंत्री को सरोपा भेंट करने का कार्यक्रम रखवाया था। मुख्यमंत्री के गुरूद्वारे में मत्था टेकने तक कार्यक्रम ठीक रहा। लेकिन इसके बाद वहां भीड़-भाड़ के कारण जो भी कुछ हुआ वह गलत व मर्यादा के विपरीत हुआ। मुख्यमंत्री का कार्यक्रम रखवाने को मजबूर करने वालों के नामों का खुलासा करने से बचते हुए उन्होंने उन्हें स्थानीय बताते हुए चुप्पी साध ली।
दूसरी ओर रामनगर व्यापार मण्डल अध्यक्ष मनिन्दर सिंह सेठी ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि दुनिया भर के गुरूद्वारों में तमाम वीवीआईपी आते-जाते रहते हैं। कभी कहीं भी किसी के भी लिए गुरूद्वारों की मर्यादा से समझौता नहीं किया गया। प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी भी बीते दिनों दिल्ली के गुरूद्वारे में बिना किसी लाव-लश्कर के सादगी के साथ अकेले गए। उनके गुरूद्वारा परिसर में रहने के दौरान भी गुरूद्वारे की किसी रस्म में कोई बाधा नहीं आने दी गयी। लेकिन मुख्यमंत्री धामी के कार्यक्रम के लिए जिस प्रकार की हरकत की गई वह सिख समुदाय की भावनाओं को आहत करने वाली रही हैं।