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UKSSSC Paper Leak: अधीनस्थ आयोग घोटाले में हुई 21वीं गिरफ्तारी, देखते ही देखते कामयाबी के घोड़े पर सवार होकर इस तरह दौड़ा रामनगर का चन्दन

Janjwar Desk
20 Aug 2022 10:46 PM IST
UKSSSC Paper Leak: अधीनस्थ आयोग घोटाले में हुई 21वीं गिरफ्तारी, देखते ही देखते कामयाबी के घोड़े पर सवार होकर इस तरह दौड़ा रामनगर का चन्दन
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UKSSSC Paper Leak: अधीनस्थ आयोग घोटाले में हुई 21वीं गिरफ्तारी, देखते ही देखते कामयाबी के घोड़े पर सवार होकर इस तरह दौड़ा रामनगर का चन्दन

UKSSSC Paper Leak: उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने के मामले में एसटीएफ ने कुमाउं मंडल के रामनगर से एक और व्यक्ति की गिरफ्तारी की है। इस मामले में हुई यह अभी तक की 21वीं गिरफ्तारी है। चन्दन मनराल नाम का यह व्यक्ति रामनगर के लखनपुर इलाके का निवासी है।

UKSSSC Paper Leak: उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने के मामले में एसटीएफ ने कुमाउं मंडल के रामनगर से एक और व्यक्ति की गिरफ्तारी की है। इस मामले में हुई यह अभी तक की 21वीं गिरफ्तारी है। चन्दन मनराल नाम का यह व्यक्ति रामनगर के लखनपुर इलाके का निवासी है।

गौरतलब है कि उत्तराखंड में हुए इस भर्ती घोटाले घोटाले की गूंज से राज्य के राजनैतिक हल्के में तूफान मचा हुआ है। मामले के हाई प्रोफाइल रुख लेने के बाद आयोग के अध्यक्ष एस. राजू को इस्तीफा देना पड़ा था तो शासन ने इसके सचिव संतोष बडोला की उनके पद से छुट्टी कर दी थी। कई जनप्रतिनिधियों की इस भर्ती घोटाले में सीधी भागीदारी बताई जा रही है तो पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के बेहद करीबी व भारतीय जनता पार्टी के एक जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह की गिरफ्तारी भी की जा चुकी है। राडार पर आए करीब डेढ़ सौ संदिग्ध अभ्यर्थियों से पूछताछ के बाद एसटीएफ के निशाने पर प्रदेश और प्रदेश से बाहर के कई चेहरे हैं। जिनके चेहरे से एसटीएफ एक-एक करके इनके नक़ाब उतारने का काम कर रही है। ऐसे ही संदिग्ध चयनित परीक्षार्थियों से पूछताछ के बाद अब एसटीएफ कुछ अभ्यर्थियों के बयान के आधार पर एसटीएफ ने अब चन्दन सिंह मनराल (63 वर्ष) पुत्र झगड़ सिंह मनराल निवासी लखनपुर रामनगर की यह 21वीं गिरफ्तारी की है।

यह रोल रहा मनराल का

हालिया भर्ती घोटाले में पकड़ा गया रामनगर निवासी चन्दन मनराल इससे पहले की परीक्षाओं में भी घपलेबाजी से लाखों के वारे-न्यारे कर चुका है। ताजा मामले में उसकी भूमिका कई अभ्यर्थियों को प्रश्नपत्र उपलब्ध करवाने की रही है। इसके साथ ही वह अभी तक गिरफ्तार हुए लोगों के सीधे सम्पर्क में भी था। चन्दन मनराल ने एसटीएफ कार्यालय में विस्तृत पूछताछ के दौरान बताया कि वह अन्य अभियुक्तों से पिछले कुछ सालों से संपर्क में है और वर्ष 2021 में आयोजित वीडीओ भर्ती परीक्षा में अपने क्षेत्र के कई लोगों को लाखों रुपए लेकर प्रश्न पत्र उपलब्ध करवाये हैं। ताजा भर्ती घोटाले में भी चन्दन ने कुछ लड़कों को टैंपो ट्रेवलर से परीक्षा से एक दिन पहले धामपुर ले जाकर प्रश्न पत्र मुहैया कराकर उनके जवाब तैयार करवाए थे। फिर उसके बाद इन लड़कों को परीक्षा केंद्र छोड़ा था।

कुछ इस तरह से कामयाबी की सीढियां चढ़ी मनराल ने

एसटीएफ की पूछताछ में चन्दन मनराल के पास से करोड़ों की संपत्ति की जानकारी एसटीएफ को मिली है। पहाड़ रूट पर एक बस के सहारे अपनी जिंदगी शुरू करने वाले मनराल के पास आज पीरुमदारा में करीब 15 एकड़ जमीन है। करीब 10 बीघा खेती की जमीन इसके अलावा है। मनराल स्टोन क्रेशर के नाम से एक स्टोन क्रेशर पीरुमदारा में है। जिसमें करीब सात बड़े ट्रक एवं तीन पोकलैंड है। मनराल ट्रैवल्स एजेंसी जिसमें करीब 13 बस जिनमें से 10 बस स्कूलों में एवं तीन बस पहाड़ में चलती है। बाल महिला कल्याण समिति नाम से एनजीओ है जिसकी मदद से यह कल्याण किसका करते थे, इसका खुलासा तो अब हुआ है। लेकिन सच्चाई रामनगर में सब जानते थे। रामनगर नैनीताल में तिमंजिला मकान व ऑफिस एवं आधा बीघा मुख्य सड़क पर कमर्शियल प्लाट और आधा दर्जन से अधिक बैंक खाते इन्होंने एसटीएफ की पूछताछ में खुद कबूले हैं।

रामनगर की प्रतिक्रिया यह रही

एसटीएफ के हाथों गिरफ्तार हुए चन्दन मनराल ने दौलत बेशक अकूत कमाई हो लेकिन इज्जत के मामले में वह बहुत पीछे रह गया। उसकी गिरफ्तारी की खबर मिलते ही सोशल मीडिया पर लोग उसके बारे में जिस तरह से टिप्पणी कर रहे हैं उससे साफ दिखता है कि शहर में उसकी छवि क्या हैं।







इस मामले में लोगों का कहना है कि पेपर लीक मामले में जो गिरफ्तारी आज रामनगर से हुई है, इसकी सही से जांच हुई तो कई लोग लपेटे में आएंगे। लोगों का इल्जाम है कि चन्दन मनराल की सरकारी विभागों के एक दलाल के तौर पर पहचान थी। लेकिन इसकी पकड़ का कोई सानी नहीं था। सरकार किसी की भी हो बस भर्ती के मामले में इसका कोई सानी नही।

शिक्षा विभाग में इसकी बहुत बड़ी पकड़ बताई जाती है। कई स्कूलो में इसकी बसे चलती हैं। बताया तो यहां तक जाता है कि जब परिवहन विभाग ने राज्य में बोलोरो गाड़ी चलाई तो उत्तराखंड के अन्दर इसकी ही बोलोरो चलती थी। पहाड़ के रूट पर एक बस डालने के बाद मनराल ने शिक्षा विभाग में ऐसी पैंठ बनाई कि एक समय में उसके 80 एनजीओ उत्तराखंड में चलते थे। इन्हीं एनजीओ के माध्यम से मनराल ने कई ईजीसी सेंटर खोले। इन सेंटरों में पैसे लेकर तमाम शिक्षा मित्रों की नियुक्तियां करवाई। मनराल के रखे हुए कई शिक्षा मित्र आज नियमित अध्यापक बनकर लाखों रुपए की सैलरी ले रहे हैं।

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