UKSSSC Paper Leak: सचिवालय तक पहुंचने लगी पेपर लीक कांड की लपटें, अब अपर निजी सचिव हुआ गिरफ्तार
UKSSSC Paper Leak: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के पेपर लीक मामले में एसटीएफ की जांच के बढ़ते दायरे ने सचिवालय को भी अपनी चपेट में लिया है। भर्ती परीक्षा में 163वीं रैंक हासिल करने वाले एक युवक ने जांच के दौरान सचिवालय में नियुक्त एक अपर निजी सचिव का नाम लिया था। नकलची युवक और उसके चचेरे भाई को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। अपर निजी सचिव ने अपने घर पर परीक्षा के पेपर खरीदने की डील कराई थी। पहले जब पूछताछ हुई तो उसने सारी बात छुपाई। अब लंबी पूछताछ और अभ्यर्थियों के बयान के आधार पर उसकी संलिप्तता की पुष्टि हो गई है। इसी के साथ इस मामले में गिरफ्तार लोगों की संख्या पंद्रह हो गई है।
ताजा मामला मंगलवार सुबह जसपुर जिला उधमसिंहनगर से उस समय शुरू हुआ था जब कासमपुर गांव निवासी एक अभ्यर्थी तुषार चौहान को गिरफ्तार किया गया था। एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक ने परीक्षा में तुषार की 163वीं रैंक आई थी। पहले गिरफ्तार हुए कोर्ट के कर्मचारी और अन्य आरोपियों ने तुषार के बारे में जानकारी दी थी। तुषार ने रामनगर स्थित एक गेस्ट हाउस में पेपर हल करने के बाद कई अभ्यर्थियों को यह पेपर मुहैया कराया था। इस काम में उसने भी लाखों रुपये लिए थे। आरोपी को न्यायालय के आदेश पर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है। पूछताछ के दौरान ही तुषार ने सचिवालय में तैनात अपने भाई गौरव चौहान का नाम भी लिया था। गौरव वहां लोक निर्माण एवं वन विभाग में अपर निजी सचिव है। गौरव चौहान को भी एसटीएफ ऑफिस पूछताछ के लिए बुलाया गया था। पता चला था कि गौरव ने अपने घर दो अभ्यर्थियों से 15-15 लाख रुपये में सौदा किया था। जब रिजल्ट आया तो इसमें से 24 लाख रुपये लिए भी गए। पूछताछ में पहले तो गौरव इन बातों से इनकार करने लगा। लेकिन सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों से गौरव के घर में अभ्यर्थियों के आने का पता चला। लंबी पूछताछ के बाद गौरव चौहान को बुधवार की देर रात गिरफ्तार कर लिया गया है। एसएसपी ने बताया कि आरोपी को बृहस्पतिवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा। पूछताछ में कई और लोगों के नाम भी सामने आए हैं। इन्हें भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
कई अभ्यर्थी स्वीकार कर रहे अपनी गलती
एसएसपी ने बताया कि अभ्यर्थियों से अपनी गलती स्वीकार करने की अपील की गई थी। इसके बाद से लगातार कुछ अभ्यर्थी आकर अपने बयान दर्ज करा रहे हैं। जो अभ्यर्थी सही बात बता रहे हैं। उनसे शपथपत्र लिए जा रहे हैं। इसके अलावा जो लोग जानबूझकर गलती कर रहे हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है। इन्हीं में से तुषार चौहान एक था, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
जनप्रतिनिधियों की भूमिका की जांच
यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के पेपर लीक कांड में अभी बड़ी मछलियों के एसटीएफ के फंदे में फंसने की पूरी संभावना है। आयोग के अध्यक्ष के इस्तीफे के बाद अब सबकी नजरें आयोग सचिव की ओर लगी हैं। इसके अलावा इसमें खादी की भूमिका की भी चर्चा हो रही है। भर्ती परीक्षा में उत्तरकाशी जिले के कई अभ्यर्थियों के पास होने की वजह से एसटीएफ का विशेष ध्यान इस जिले पर है। एसटीएफ पहले उत्तरकाशी जिला पंचायत के एक जनप्रतिनिधि की भूमिका का पता लगाने में जुटी है। जनप्रतिनिधि के बैंकॉक में होने के कारण उसका शिद्दत से इंतजार किया जा रहा है। फिलहाल इस जनप्रतिनिधि की गैरमौजूदगी में खंगाली का रही कुंडली के दौरान यहीं की एक महिला क्षेत्र पंचायत सदस्य की भूमिका भी संदेह में आई है। आधिकारिक तौर पर दोनों जनप्रतिनिधियों का नाम अभी नहीं लिया जा रहा है। लेकिन इन जनप्रतिनिधियों की सत्ता प्रतिष्ठानों में नेताओं से लेकर नौकरशाह के बीच गहरी पैठ है। इसी के सहारे यह नकल के इस खेल में शामिल थे।
यह था पूरा प्रकरण
गौरतलब है कि चयन आयोग ने दिसंबर 2021 में 13 विभागों के 916 पदों के लिए भर्ती परीक्षा कराई थी, लेकिन परिणाम जारी होने से ऐन पहले पेपर लीक का मामला सामने आ गया। अब तक 15 आरोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इनमें ऊधमसिंह नगर जिले में तैनात एक एसपी का गनर, नैनीताल जिले में तैनात दो न्यायिक कर्मचारी, चयन आयोग का कंप्यूटर प्रोग्रामर, पीआरडी का बर्खास्त जवान एक कोचिंग इंस्टीट्यूट का निदेशक सहित कई लोग शामिल हैं। एसटीएफ के मुताबिक पेपर लीक का पूरा प्रोग्राम बेहद ठंडे दिमाग से बनाया गया था। यहां तक कि जिस प्रिंटिंग प्रेस में पेपर की छपाई हुई उसमें पेपर प्रिंटिंग ओर पैकेजिंग के टाइम की सीसीसीटी फुटेज गायब मिली है। एसटीएफ का कहना है कि पेपर लीक कांड में जिसने भी सॉल्व पेपर आगे बेचने में मदद की उसमें से किसी को नहीं छोड़ा जाएगा।