UKSSSC Paper Leak: पेपर लीक मामला, नेता और अधिकारियों को क्लीन चिट देने की तैयारी, जांच लगभग पूरी
UKSSSC Paper Leak: उत्तराखंड में कोहराम मचा देने वाले स्नातक स्तरीय परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने का मामला बिना किसी अधिकारी और नेता की शह पर किया गया छुटभैयों का कारनामा था। यह छुटभैये इतने आलादिमाग थे कि प्रदेश की ब्यूरोकेसी तक की आंखों में धूल झोंककर इस खेल को खेल रहे थे। यह सब हम खुद नहीं कह रहे बल्कि इस तरह के संकेत सामने आने शुरू हो गए हैं कि अगले कुछ दिनों में धीरे-धीरे इसी लाइन पर चलते हुए पेपर लीक मामले का सारा ठीकरा इन्हीं पकड़े हुए साढ़े तीन दर्जन लोगों पर फोड़ दिया जाए।
बता दे कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा कराई गई स्नातक स्तरीय परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक किए जाने के मामला उजागर होने के बाद बेरोजगारी की मार झेल रहे प्रदेश के युवाओं में आक्रोश पनप गया था। मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी गई थी। शुरू में होने वाली कुछ ही गिरफ्तारियों के बाद से आयोग द्वारा पूर्व में कराए गई कई अन्य भर्ती परीक्षाओं में धांधली की पुष्टि होने पर यह परीक्षाएं आयोजित कराने वाला पूरा आयोग ही शक के दायरे में आ गया था। राजनीति से जुड़े भारतीय जनता पार्टी के जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह की गिरफ्तारी के साथ ही मामले के तार बड़े राजनैतिक खिलाड़ियों से जुड़ने की आशंकाएं व्यक्त की जाने लगी थी।
यह सब मानो कम ही था कि इसी बीच विधानसभा सचिवालय में भी सरकारी नौकरियों की बंदरबांट का मामला सामने आ गया। सिलसिलेवार एक के बाद एक सरकारी नौकरियों के बारे में हो रहे खुलासों के इन धमाकों से उत्तराखंड दहल गया था। बेरोजगार संघ, जो पहले दबे स्वर में पेपर लीक कांड की सीबीआई जांच की मांग कर रहा था, अब वह प्रमुख मांग बनने लगी। कांग्रेस विधायक भुवनचंद्र कापड़ी सीबीआई जांच की मांग को लेकर न्यायालय की चौखट तक पहुंच गए। हाईकोर्ट में वर्तमान में इसकी सुनवाई चल रही है। सीबीआई जांच की मांग के पीछे तर्क था कि भर्ती घोटालों के पीछे जिन बड़े लोगों की भूमिका है, उन पर एसटीएफ अपनी सीमाओं के चलते हाथ नहीं डाल सकती।
अब ऐसे समय में जब प्रदेश भर के युवा भर्ती प्रकरणों की सीबीआई जांच की मांग को लेकर सड़कों पर आंदोलरत हैं, तब पेपर लीक मामले की जांच को अंतिम चरण में बताकर इसे करीब समाप्त समझा जा रहा है। यूपी से पकड़े गए मूसा और प्रश्न पत्र तैयार करने वाली कंपनी मालिक राजेश चौहान को पूरे खेल का मास्टरमाइंड और खिलाड़ी बताकर पेपर लीक मामले के पटाक्षेप की घोषणा कभी भी हो सकती है।
इस मामले में डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि इस मामले में अब तक पूरी चेन पुलिस की गिरफ्त में आ चुकी है। डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि स्नातक स्तरीय परीक्षा धांधली में अब तक 41 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। इनमें से एसटीएफ 18 आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। इस गैंग का लीडर मूसा भी पकड़ा जा चुका है। जबकि, पेपर लीक कराने में कंपनी के मालिक राजेश चौहान की बड़ी भूमिका रही है। अभी तक की जांच में यही बात सामने आई है कि विभिन्न इलाकों में आरोपियों के अपने-अपने गिरोह हैं। इनका लीडर सैयद सादिक मूसा है। उसे पेपर मुहैया कराने वाला कंपनी का मालिक ही है। अब तक इस पूरी चैन को गिरफ्तार किया जा चुका है।