Uttarakhand Corona Update: अब बिना आरटीपीसीआर पर्यटकों की उत्तराखण्ड में नो-एंट्री, पूरी पुलिस फोर्स का होगा टेस्ट
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Uttarakhand Corona Update: कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर केंद्र सरकार के साथ राज्यों ने एक बार फिर नए सिरे से कोरोना गाइडलाइन के लिए तैयारी शुरू कर दी है। राज्य सरकारें इस नए वैरिएंट को लेकर पूरी तरह से अलर्ट मोड़ पर आ गई हैं। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के साथ उत्तराखंड ने भी प्रतिबंध लगाने शुरू कर दिए हैं।उत्तराखण्ड राज्य सरकार ने उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को राज्य के बॉर्डर पर आरटी पीसीआर टेस्टिंग अनिवार्य करने के निर्देश दिए हैं।
इस बाबत उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव डॉ. पंकज पांडे ने एक हाई प्रोफाइल बैठक के बाद सभी जिलों को निर्देश दिए कि बाहरी राज्यों से आने वाले किसी भी यात्री में कोरोना के लक्षण दिखाई देने पर कोविड जांच कर 14 दिन का क्वारंटीन किया जाए। वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य महानिदेशक (डीजी हैल्थ) डॉ. तृप्ति बहुगुणा ने निदेशक गढ़वाल और निदेशक कुमाऊं के साथ ही सभी जिलों के मुख्य सीएमओ के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की। उन्होंने वायरस के नए स्वरूप को फैलने से रोकने के लिए कड़े उपाय करने को कहा है। उन्होंने कहा कि सभी सीएमओ को बाहर से आए लोगों की कांट्रेक्ट ट्रेसिंग करने के साथ ही टेस्टिंग करने को कहा गया है।
इसके अलावा उत्तराखंड में एक बार फिर से कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच उत्तराखंड पुलिस खास अलर्ट मोड पर चली गयी है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दौरे में ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन में ड्यूटी पर आए 400 सुरक्षा कर्मियों की जांच के बाद 19 जवान कोरोना पाजिटिव पाए जाने के बाद से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। जिन 19 जवानों में संक्रमण की पुष्टि हुई थी उनमें 12 की एंटीजन और सात की आरटीपीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। जवानों में कोरोना की पुष्टि होने के बाद उत्तराखंड पुलिस ने सभी पुलिस बल का कोरोना टेस्ट कराने का निर्णय किया है।
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए समस्त जनपद प्रभारियों एवं शाखा इकाई प्रभारियों को उनके अधिनस्थ नियुक्त समस्त पुलिस कार्मिकों का रैपिड एन्टीजन टेस्ट कराये जाने के लिए निर्देश दिए गए है। जिससे पॉजिटिव पाए जाने वाले कार्मिकों को बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा सके। साथ ही अन्य कार्मिकों और उनके परिजनों में संक्रमण को फैलने से रोकते हुए कोरोना संक्रमित क्षेत्रों का भी पता लगाया जा सके।