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Uttarakhand News: इन नौ धाराओं में उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी के खिलाफ हुआ मुकदमा दर्ज, कभी भी हो सकती है गिरफ्तारी, ये है पूरा मामला

Janjwar Desk
24 Oct 2022 2:26 PM GMT
Uttarakhand News: इन नौ धाराओं में उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी के खिलाफ हुआ मुकदमा दर्ज, कभी भी हो सकती है गिरफ्तारी, ये है पूरा मामला
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Uttarakhand News: उत्तराखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद कभी भी उनकी गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है। वन विभाग की भूमि को 29 साल पहले मर चुके व्यक्ति के फर्जी पेपर तैयार कर अपने नाम रजिस्ट्री कराने के मामले में राज्य के पूर्व डीजीपी के खिलाफ देहरादून के राजपुर थाने में दर्ज हुए मुकदमें में तत्कालीन तहसीलदार और मेरठ के दो वकीलों सहित कुल आठ लोग नामजद किए गए हैं।

Uttarakhand News: उत्तराखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद कभी भी उनकी गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है। वन विभाग की भूमि को 29 साल पहले मर चुके व्यक्ति के फर्जी पेपर तैयार कर अपने नाम रजिस्ट्री कराने के मामले में राज्य के पूर्व डीजीपी के खिलाफ देहरादून के राजपुर थाने में दर्ज हुए मुकदमें में तत्कालीन तहसीलदार और मेरठ के दो वकीलों सहित कुल आठ लोग नामजद किए गए हैं। इसी के साथ गंभीर किस्म की नौ धाराओं में मुख्य आरोपी बनाए गए सिद्धू के सिर पर कभी भी गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। उत्तराखंड पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू के खिलाफ जो मुकदमा भारतीय दण्ड संहिता की धारा 166, 167, 419, 420, 467, 468, 471, 120 बी, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत दर्ज किया गया है, उसमें उन पर मसूरी में सरकारी जमीन पर कब्जे और पेड़ कटान के गंभीर आरोप लगे हैं।

गौरतलब है कि सरकारी जमीन पर कब्जे और जंगलात के पेड़ काटने के मामले में तत्कालीन डीएफओ मसूरी धीरज पांडे ने डीजीपी बीएस सिद्धू के खिलाफ न केवल विभागीय कार्यवाही की थी बल्कि अदालत में अपने व्यक्तिगत खर्चे पर निजी वकील भी हायर किए थे। कुछ दिन पहले अपने खिलाफ शिकंजा कसता देखकर सिद्धू ने देहरादून पुलिस को धीरज पांडे के खिलाफ एक लंबी तहरीर दी थी। इतना ही नहीं सिद्धू ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए अपने खिलाफ पेड़ कटान की जांच कर रहे निर्विकार सिंह सहित तमाम कर्मियों को अलग अलग तरीके से परेशान किया गया था। जांच को प्रभावित करने के लिए अपनाए गए इन हथकंडों से भी निर्विकार सिंह सहित कई लोग पीछे नहीं हटे। इसके साथ ही जांचाधिकारी के पक्ष में वन विभाग के कर्मचारी अधिकारी भी डटे रहे।

कुछ इस तरह खेल खेला पूर्व डीजीपी ने

पूर्व डीजीपी उत्तराखंड बीएस सिद्धू के खिलाफ मसूरी में सरकारी जमीन पर कब्जे की कोशिश और पेड़ काटने का जो आरोप है। उसे वन विभाग ने ताजा एफआईआर में विस्तृत रूप से खोलते हुए बताया कि किस तरह बीएस सिद्धू ने पुलिस महकमे में बतौर उच्चाधिकारी रहते हुए अंजाम दिया था। एफआईआर के मुताबिक पूर्व डीजीपी सिद्धू ने वर्ष 2012 में मसूरी वन प्रभाग में वीर गिरवाली गांव में 1:30 हेक्टेयर जमीन खरीदी थी। इस जमीन से मार्च 2013 में साल के 25 पेड़ काट दिए गए। वन विभाग ने जब मामले की जांच कराई तो पता चला कि काटे गए पेड़ ही जिस जमीन पर हैं, वह जमीन तक वन विभाग की है। सिद्धू ने मेरठ की एक महिला और एक पुरुष वकील के साथ मिलकर 29 साल पहले मर चुके एक व्यक्ति के फर्जी पहचान पत्र बनवाकर उनके आधार पर इस जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम करा ली है। तत्कालीन तहसीलदार ने भी पटवारी की आख्या के खिलाफ जाकर इस जमीन की रजिस्ट्री कर दी थी। बाद में जमीन कि सिद्धू के नाम की गई रजिस्ट्री भी कैंसिल की गई।

इनके खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा

1. बीएस सिद्धू (पूर्व पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड) पुत्र स्व. जगदेव सिंह निवासी 11 उषा कालोनी, सहस्त्रधारा रोड, थाना राजपुर देहरादून

2. कर्ता महेन्द्र सिंह, एचयूएफ निवासी 11 उषा कालोनी, सहस्त्रधारा रोड, थाना राजपुर देहरादून

3. नत्थूराम पुत्र महकूमल निवासी 61 डिस्पेन्सरी रोड, काशीराम क्वार्टर, थाना कोतवाली नगर, देहरादून उत्तराखण्ड, हाल निवासी रोहटा रसूलपुर, तहसील सदर थाना सरूरपुर, जनपद मेरठ उत्तर प्रदेश

4. दीपक शर्मा पुत्र एमपी शर्मा, निवासी 06 जेल चुंगी विक्टोरिया पार्क, मेरठ उत्तर प्रदेश

5. स्मिता दीक्षित निवासी 227 आरए बाजार तोपखाना, थाना लालकुर्ती, मेरठ, उत्तर प्रदेश

6. सुभाष शर्मा, पुत्र खुशीरा शर्मा, निवासी सी-20 लोहियानगर गाजियाबाद उत्तर प्रदेश

7. श्रीकृष्ण पुत्र लाल सिह, निवासी शिवपुरम, मेरठ, उत्तर प्रदेश

8. शुजाउद्दीन, तत्कालीन तहसीलदार, तहसील सदर देहरादून

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