PM CARE FUND से लगवाये गए वेंटिलेटर के अचानक बंद होने से हैलट के बालरोग अस्पताल में बच्चे की हुई थी मौत
पीएम केयर फंड से भेजे गए एग्वा वेंटिलेटर के बंद हो जाने से बच्चे की मौत हो गई.
जनज्वार, कानपुर। यूपी के कानपुर नगर में सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हैलट के बालरोग अस्पताल में वेंटिलेटर के अचानक बंद हो जाने से बच्चे की मौत हो गई। हैलट के बालरोग विभाग के एचओडी के पत्र जो उन्होने जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य को लिखा था उससे खुलासा हुआ है कि यह वेंटिलेटर पीएम केयर फंड के तहत लाया गया था।
पीएम केयर फंड (PM CARE FUND) से आए ज्यादातर आए एग्वा वेंटिलेटर चल नहीं रहे हैं। जिस संबंध में न्यूरो साइंसेज कोविड हॉस्पिटल के प्रभारी ने 21 मई को प्राचार्य को पत्र लिखकर शिकायत की थी। जिसमें कहा गया था कि एग्वा के 26 वेंटिलेटर मुहैया करवाए गये थे। इनमें से अधिकतर को स्थापित भी नहीं किया जा सका है।
इसके अलावा कोविड लेवल थ्री अस्पताल में अधिकतर गंभीर रोगी आते हैं। एग्वा के वेंटिलेटर इन गंभीर रोगियों के उपचार के लिए उपयुक्त नहीं हैं। यह वेंटिलेटर आवश्यकता के मुताबिक ऑक्सीजन सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं। जिसके बाद आईसीयू प्रभारी ने इन वेंटिलेटरों को लेवन वन व टू में भेजने का अनुरोध किया था।
कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर बच्चों के इंटेंसिव केयर पर सबसे अधिक जोर दिया जा रहा है। लेकिन बालरोग विभाग में वेंटिलेटर की कमी से बच्चे की मौत ने व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है। पीएम केयर फंड से एग्वा वेंटिलेटर पीडियाट्रिक आईसीयू में लगाया गया है। यह वेंटिलेटर चलते-चलते अचानक बंद हो जाता है। अस्पताल में एग्वा के दो वेंटिलेटर लगे हैं।
बालरोग के एचओडी द्वारा लिखे गये पत्र में कहा गया है कि इन वेंटिलेटर का इस्तेमाल रोगी के हित में नहीं है। पत्र में यह भी साफ किया गया है कि इस संबंध में पहले भी अवगत कराया गया है। वेंटिलेटर के अचानक बंद हो जाने से बच्चे की मौत हो गई थी। विभागाध्यक्ष के पत्र में पीआईसीयू इंचार्ज डॉ. नेहा अग्रवाल के प्रार्थना पत्र का भी जिक्र किया गया है।
इस सिलसिले में बालरोग के एचओडी डॉ. यशवंत राव ने बताया कि वेंटिलेटर बंद होने के बाद बच्चे को दूसरे वेंटिलेटर में शिफ्ट कर दिया गया था। बच्चे की हालत नाजुक थी। खराब वेंटिलेटर को र्पेयर के लिए भेजा गया है।
जीएसवीएम के प्राचार्य डॉ. आरबी कमल ने बताया है कि पीएम केयर फंड से लगे सभी 26 वेंटिलेटर वापस किए जाएंगे। इस संबंध में कमल ने शासन को पत्र लिखकर अवगत भी कराया था। इन सभी वेंटिलेटरों को वापस करने के लिए काफी समय से पत्रबाजी चल रही है।