Vinod Dua admitted in ICU: वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ आईसीयू में भर्ती, हालत नाजुक, बेटी ने की ये अपील
Vinod Dua admitted in ICU: वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ (Vinod Dua) इस समय आईसीयू में भर्ती हैं और उनकी हालत काफी नाजुक है. विनोद दुआ की बेटी और अभिनेत्री मल्लिका दुआ (Mallika Dua) ने इस बात की जानकारी दी है. दुआ को इस साल की शुरुआत में कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
दूरदर्शन और एनडीटीवी जैसे समाचार चैनलों में काम कर चुके और हिंदी पत्रकारिता के जाने माने चेहरे 67 वर्षीय विनोद दुआ की पत्नी पद्मावती 'चिन्ना' दुआ का कोरोना के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ने के बाद जून में निधन हो गया था.
बेटी ने दिया हेल्थ अपडेट
मल्लिका दुआ ने लिखा, 'मेरे पिता जी आईसीयू में हैं और उनकी हालत काफी नाजुक है. उनका स्वास्थ्य अप्रैल से तेजी से खराब हो रहा था. वह अपने जीवन की किरण खो जाने के सदमे से अभी तक उबर नहीं पाए हैं. उन्होंने असाधारण जीवन जिया है और हमें भी ऐसा ही जीवन दिया है. वह किसी तकलीफ के हकदार नहीं हैं. वह बहुत प्रिय और श्रद्धेय हैं. मैं आप सबसे यह प्रार्थना करने का अनुरोध करती हूं कि उन्हें कम से कम तकलीफ हो.'
बता दें कि इससे पहले कोरोनावायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर के दौरान विनोद दुआ और उनकी पत्नी चिन्ना दुआ कोरोना संक्रमित हो गे थे. कोरोना की वजह से चिन्ना दुआ को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. पेशे से रेडियोलॉजिस्ट चिन्ना दुआ का असल नाम पदमावती दुआ था. कोरोना संक्रमित होने पर उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था. विनोद दुआ ने सात जून को एक फेसबुक पोस्ट के जरिए अपनी पत्नी के निधन की दुखद खबर दी थी. चिन्ना दुआ ने 2019 तक लगभग 24 सालों तक एक रेडियोलॉजिस्ट के तौर पर काम किया था. उनकी पहचान एक साड़ी कलेक्टर के तौर पर भी होती थी.
विनोद दुआ पर दर्ज हुआ था राजद्रोह का केस
विनोद दुआ यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किए जाने वाले वीडियो को लेकर विवादों में भी रह चुके हैं. उन पर लोगों को वीडियो के जरिए भड़काने का आरोप भी लग चुका है. इसे लेकर विनोद दुआ के खिलाफ राजद्रोह का केस भी दर्ज हुआ था. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट से उन्हें राहत मिल गई थी, जब जून में उनके खिलाफ दर्ज मामले को शीर्ष अदालत ने निरस्त कर दिया था. दरअसल, हिमाचल प्रदेश में बीजेपी के एक स्थानीय नेता ने दुआ पर राजद्रोह सहित अन्य अपराधों के आरोप में एफआईआर दर्ज करवाई थी. इस मामले पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने दुआ को मामला निरस्त करते हुए राहत दी थी.
दरअसल, बीजेपी के नेता श्याम ने शिमला जिले के कुमारसैन थाने में पिछले साल मई में राजद्रोह, सार्वजनिक उपद्रव मचाने, मानहानिकारक सामग्री छापने आदि के आरोप में विभिन्न धाराओं के तहत दुआ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी. इस दौरान पत्रकार को जांच में शामिल होने को भी कहा गया था. श्याम ने आरोप लगाया था कि दुआ ने अपने यूट्यूब कार्यक्रम में प्रधानमंत्री पर कुछ आरोप लगाए थे.